ऐसे आम खाने से हो सकता है कैंसर का खतरा, दूसरे फलों को खरीदते हुए भी सावधानी रखें

इन दिनों बाजार में आम की बहार है, लेकिन मई महीने में मिलने वाले ये पके आम देखकर आप इन्‍हें फौरन खरीदने की गलती ना करें । हो सकता है ये सभी रसायन द्वारा पकाए गए हों ।

New Delhi, May 22 : बाजार में फलों की तरह-तरह की किस्‍में अवेलेबल है, इनका सेवन भी हम खूब चाव से करते हैं । लेकिन सेहत बनाने की बजाय ये फल हमारी सेहत बिगाड़ भी सकते हैं । जी हां, आजकल फलों से ज्‍यादा मुनाफा कमाने के चक्‍कर में उन्‍हें पकने से पहले ही तोड़कर व्‍यापारियों तक पहुंचा दिया जाता है । जाहिर सी बात है, कच्‍चे फल कौन खाएगा, इसीलिए कारोबारी इन्‍हें बाजार में लाने से पहले पकाते हैं । जिसके लिए रसायनों का प्रयोग किया जाता है । ये रसायन आपके लिए जानलेवा भी हो सकते हैं ।

रसायनों का प्रयोग
फलों को पकाने के लिए, आकर्षक बनाने के लिए, उन्‍हें ठोस बनाए रखने के लिए रसायन का प्रयोग किया जाता है और ये कोई आज की बात  नहीं है, ऐसा पिछले कई वर्षों से होता आ रहा है । जैसे केला और आम को पकाने के लिए रसायन का प्रयोग किया जाता है । सेब को चमकाने के लिए वैक्‍स की कोटिंग की जाती है । सब्जियों को तो बकायदा रंगों के पानी में डुबोकर ताजा दिखाया जाता है ।

सेहत पर बुरा प्रभाव
ऐसे कैमिकल में पके हुए फल, या रंगों और सायनों से तैयार फल – सब्‍जी खाकर क्‍या हम सेहतमंद रह पाएंगे । बाजार में मिलने वाले सभी फल ऐसे हों ये भी जरूरी नहीं, हालांकि इनकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन सावधानी के साथ खरीदारी की जाए तो आप सेहत के लिए सही फैसले कर सकते हैं । फलों में रसायनों का प्रयोग कई वर्षों से हो रहा है, धीरे-धीरे कर ये जहर हमारे शरीर में जगह बनाता जा रहा है ।

कैंसर कारक होते हैं ये रसायन
आमतौर पर फलें को पकाने के लिए कार्बाइड का प्रयोग किया जाता है, ये रसायन बहुत ही आसानी से बाजार में उपलब्‍ध है । लेकिन क्‍या आप जानते हैं ये रसायन अधिक प्रयोग में लाने पर इसका सेवन करने वाले को आगे चलकर कैंसर जैसा रोग भी हो सकता है । जरा सोचिए एक व्‍यक्ति जो अभी 30 वर्ष का है और बचपन से ही ऐसे फलें का सेवन कर रहा है तो उसके शरीर में कितना कार्बाइड जा चुका होगा ।

कृषि सेवा केंद्रों में मिल रहे हैं रसायन
हैरानी तो ये जानकर भी होती है कि ऐसे रसायन आसानी से प्राप्‍त हो रहे हैं वो भी सरकारी कृषिी सेवा केन्‍द्रों में । बीज भंडारों में आसानी से आप इन्‍हें खरीद सकते हैं । फलों को पकाने का रसायन चाहिए, या फिर सब्जियों को रंगने का, गाय का दूध बढ़ाने का इंजेक्‍शन हो या फिर मुर्गें आदि का वजन बढ़ाना हो, ये सब बड़ी आसानी से उपलब्‍ध है । बिना ये जाने कि इसका कितना अधिक मात्रा में दुष्‍प्रयोग हो सकता है ।

ऑक्सीटोसिन पर बैन लेकिन बाजार में उपलब्‍ध
ऑक्‍सीटोसीन के इंजेक्शन सरकार की ओर से बैन किए गए हैं, लेकिन गुपचुप तरीके से कारोबारी इनका प्रयोग कर रहे हैं । इनका प्रयोग सब्जियों को जल्‍दी बड़ा करने, गाय का दूध बढ़ाने में किया जाता है । इसका मानव सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, बावजूद इसके इस दवा प्रयोग गुपचुप तरीके से चल रहा है । जाहिर से बात हे खाद्य विभाग को इस ओर गंभीरता से काम करने की जरूरत है ।