भारत से ले गई चाय पिलाने का आइडिया, अमेरिका में बना ली 200 करोड़ की संपत्ति

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भारत से लौटी ब्रुक एडी कोलोराडो (अमेरिका) की सफल बिजनेसवुमन है, ब्रुक साल 2002 में भारत घूमने आई थी। उन्हीं दिनों में उन्हें चाय पीने का चस्का लग गया था।

New Delhi, May 22 : अंग्रेज भारत पर राज करने आये, तो उन्होने भारतीयों को चाय की लत लगा दी। जुडवां बच्चों की मां अमेरिकी महिला ब्रुक एडी भारत घूमने आई, तो यहां चाय बनाना सीख गई। फिर अपने देश अमेरिका लौटने के बाद उसने चाय की खुदरा बिक्री करनी शुरु की। आज वो सवा दो सौ करोड़ रुपये की मालकिन हो चुकी है, वो भी मात्र एक दशक के भीतर। जी हां, ये तो आपकी दृष्टि, हुनर और मेहनत का कमाल होता है, कि कोई दर-दर भटकता है, तो कोई चाय बेचकर भी करोड़पति बन जाता है।

सफल बिजनेसवुमन
भारत से लौटी ब्रुक एडी कोलोराडो (अमेरिका) की सफल बिजनेसवुमन है, ब्रुक साल 2002 में भारत घूमने आई थी। उन्हीं दिनों में उन्हें चाय पीने का चस्का लग गया, american-women-brook-eddy-is-a-famous-chaiwali-8भारत से वापस जब वो अमेरिका लौटी, तो उसे ना घर में और ना ही बाहर कहीं चाय मिल पाती। जिसके बाद उसके दिमाग में एक आइडिया आया, कि भारत की तरह यहां भी चाय बेची जाए, तो अच्छा बिजनेस खड़ा किया जा सकता है, बस फिर क्या था, एक आइडिया ने पूरा जीवन ही बदल दिया।

पांच साल बाद लिया फैसला
हालांकि सबकुछ छोड़-छाड़ कर नया बिजनेस शुरु करना आसान नहीं था, ये सब सोचने विचारने में उन्होने करीब पांच साल का समय लिया। teaउन्होने साल 2007 में अपनी नौकरी छोड़ दी। वो कार से घूम-घूमकर चाय बेचने लगी। उस दिन के बाद फिर उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तो अमेरिका में उनके चाय के दीवानों की कमी नहीं है। चाय बेचकर ही उन्होने करोड़ों की संपत्ति बना ली।

भारतीय दुकानदारों की तरह चाय बनाना सीखी
जब ब्रुक भारत से अपने देश लौटी, तो चाय की तलब उन्हें बार-बार परेशान करने लगी। एक-एक घूंट चाय के लिये वो कोलोराडो की खाक छानने लगी। TEa1घर में तो चाय मिलने से रही, इसलिये वो घूम-घूम कर रेस्टोरेंट और कैफे में चाय पीने सगी। लेकिन वहां की चाय में भारत जैसा स्वाद नहीं था, इसी वजह से उन्होने ठाना कि वो भारतीय चाय दुकानदारों की तरह चाय बनाना सीखेगी। शुरुआत में तो उन्हें कुछ परेशानी उठानी पड़ी, क्योंकि उन्हें चाय बनाना नहीं आता था, लेकिन जल्द ही वो भारतीय दुकानदारों की तरह चाय बनाना सीख गई।

भक्ति चाय के नाम से की प्रमोट
ब्रुक ने शुरुआत में कार से चाय बेचती थी, कुछ ही दिनों में उनकी चाय लोकप्रिय होने लगी। उनके पास देसी-विदेशी ग्राहकों की संख्या में इजाफा होने लगा। Tea11उन्होने अपनी टी को भक्ति चाय के नाम से प्रमोट किया। इसके साथ ही उन्होने अपने बिजनेस को बढाया, जिसकी वजह से उनकी कमाई करोड़ों में पहुंच गई।

चायोस की कहानी
कुछ इसी तरह भारत में कभी चायोस के संस्थापक नितिन सलूजा भी इस कारोबार में आये थे। उन्होने अमेरिका प्रवास के दौरान घर में बनी अदरक वाली चाय पीने को नहीं मिलती थी। जिसकी वजह से वो मन मसोस कर रह जाते थे। chaayosउन्हें आइडिया आया , कि हमारे देश के 33 हजार करोड़ रुपये के चाय बाजार में एक भी संगठित कंपनी नहीं है। मुंबई से आईआईटी करने के बाद उन्होने दिल्ली-एनसीआर में अदरक वाली चाय की चायोस नाम की चेन खोल दी।

चाय ठेला
नितिन की तरह ही आईआईटी खड़गपुर से बीटेक पंकज ने नोएडा और गुड़गांव में चाय ठेला नाम से 7 आउटलेट की चेन खोली थी। chai-thelaतो इसी तरह हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के छात्र रहे अमलीक सिंह बिराल करीब सौ करोड़ की चाय प्वाइंट योजना को परवान चढा रहे हैं।