एक साल में एक अरब कमाने वाले इस गांव के लोग करते हैं ‘लाल सोना’ की खेती, सरकार भी हुई हैरान  

सफलता की ये कहानी भारत के एक छोटे से गांव की है, जिसने अपनी मेहनत और लगन से सपने को सच कर दिखाया है । यहां के किसान टमाटर को ‘लाल सोना’  कहते हैं ।

New Delhi, May 24 : टमाटर की खेती से एक अरब का कारोबार, सुनने में हैरान कर देने वाली कहानी लगती है लेकिन कहानी नहीं असलियत है । यूपी के अमरोहा के एक छोटे से गांव सलारपुर खालसा के किसान आज अपने बलबूते पर अपने जीवन को और अपने बच्‍चों के भविष्‍य को निखार रहे हैं । बीते कुछ समय में ये कुछ ही महीनों में टमाटर से 60 करोड़ का कारोबार कर चुके हैं । 1998 में अमरोहा निवासी अब्दुल रऊफ ने टमाटर की खेती की शुरुआत की थी । तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि उनकी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव ये मामूली सा टमाटर ही ले आएगा ।

टमाटर नहीं ‘लाल सोना’
उत्तर प्रदेश के अमरोहा के गांव सलारपुर खालसा के लोग टमाटर को ‘लाल सोना’ कहते हैं । साल भर में एक अरब रूपए की कमाई करने वाले यहां के किसान बहुत खुश है । उनकी खेतीबाड़ी की चर्चा दुनिया भर में हो रही है । करीब दो दशक पहले गांव के पहलवान, कुश्ती-पहलवानी छोडकर खेती में ऐसे जुटे कि आज उनके परिणाम सरकार को भी हैराप कर रहे हैं । गांव की आबादी साढ़े 3 हजार है और 20 सालों से पूरा गांव बड़े पैमाने पर खेती कर रहा है ।

आसपास के गांवों में भी खेती शुरू
सलारपुर खालसा के किसानों की सफल्‍ता को देखते हुए आसपास के लोगों ने भी टमाटर की खेती शुरू कर दी है । जमापुर, सूदनपुर तथा अंबेडकरनगर गांवों में भी अब टमाटर के खते लहलहा रहे हैं । सलारपुर को टमाटर वाला गांव कहा जाने लगा है, एक जमाने में ये गांव अपनी पहलवानी के लिए जाना जाता था । लेकिन पैसों की कमी ने पहलवानों को अपनी जमीन से जुड़ने पर मजबूर कर दिया । हालांकि नतीजे इतने अच्‍छे हैं कि पहलवानों को किसानी करने का कोई मलाल नहीं ।

कोने-कोने में टमाटर का निर्यात
देश का शायद ही कोई हिससा होगा जहां सलारपुर खालसा के टमाटर ना पहुंचते हों । 1998 में अमरोहा निवासी अब्दुल रऊफ ने सबसे पहले टमाटर की खेती की थी । किसानों के जज्‍बे को दखते हुए इस ओर टमाटर के बीज और कीटनाशक बनाने वाली कंपनियां भी यहां पहुंची और किसानों को इस ओर प्रात्‍साहित किया । कंपनी की ओर से किसानों को राजस्थान और बेंगलुरू में ट्रेनिंग के लिए भेजा ।

1200 हेक्‍टेयर में खेती
अमरोहा जिले में करीब बारह सौ हेक्टेयर भूमि में टमाटर की खेती होती है । सलारपुर खालसा के साथ ही इसके आसपास बसे तीन अन्य गांव जमापुर, सूदनपुर, अंबेडकरनगर में ही अकेले एक हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती हो रही है । यहां किसान केवल टमाटर ही नहीं बल्कि बीज बेचकर भी कमाते हैं आज इस गांव में चारों ओर खुशहाली है।

हर ग्रामीण है खुश
गांव के ही रहने वाले नासिर खां बताते हैं कि पहलवानी के साथ गांव वालों ने टमाटर की खेती शुरू की । खेती का तरीका बदला और तरक्‍की के नए रास्‍ते खुद गए । आज गांव का हर घर पक्का है और एक साल में एक बीघे जमीन से एक लाख रूपये तक की बचत भी आसानी हो जाती है । टमाटर की खेती हजारों लोगों को पेट पल रहा है । फसल के तैयार होने पर जिले के 30 गांवों के लोग यहां काम करने दौड़ पड़ते हैं । जिनमें दिहाड़ी मजदूर, बड़े, बुजुर्ग सभी शामिल होते हैं ।

आसमान छूते दामों के समय खूब मुनाफा
जब-जब टमाटर के भाव आसमान छूते हैं, सलारपुर खालसा की कमाई एक अरब रुपए तक पहुंच जाती है । पिछले साल,2017 में दिल्ली के खुदरा बाजार में जब टमाटर का दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच गया था, इस गांव की बांछें खिल उठी थीं । दिल्ली की छह बड़ी मंडियों में रोजाना 225 से 250 टन टमाटर का कारोबार होता है । पिछले साल सितंबर में यहां का टमाटर पाकिस्‍तान भी पहुंचा ।