इस किसान ने अपने गांव को बना दिया मिनी इजरायल, ‘दोगुनी नहीं बल्कि दस गुनी हो जाएगी कमाई’

KhemaRam

खेमाराम ने इजरायल की तर्ज पर 4 साल पहले संरक्षित खेती (पॉली हाउस) की शुरुआत की थी, आज उनसे प्रेरित होकर इस गांव में करीब दो सौ पॉली हाउस बन गये हैं।

New Delhi, May 24 : खेती-किसानी के मामले में इजरायल दुनिया का सबसे हाईटेक कंट्री माना जाता है, वहां रेगिस्तान में भी ओस से सिंचाई होती है, दीवारों पर गेंहू और धान उगाये जाते हैं। भारत के लाखों किसानों के लिये ये किसी सपने की तरह है। इजरायल की तर्ज पर ही राजस्थान के एक किसान ने खेती शुरु की, आज उनका सलाना टर्नओवर सुनकर आप भी उनकी तारीफ किये बिना नहीं रह पाएंगे।

मिनी इजराइल
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से करीब तीन सौ किमी दूर राजस्थान के जयपुर जिले में एक गांव है गुड़ा कुमावतान, इसी गांव में किसान खेमाराम चौधरी रहते हैं। KhemaRam6इन्होने तकनीक और ज्ञान का ऐसा तालमेल भिड़ाया कि लाखों किसानों के लिये वो उदाहरण बन गये। आज उनका मुनाफा लाखों रुपये में है, आपको बता दें कि खेमाराम ने इजरायल की तर्ज पर 4 साल पहले संरक्षित खेती (पॉली हाउस) की शुरुआत की थी, आज उनसे प्रेरित होकर इस गांव में करीब दो सौ पॉली हाउस बन गये हैं, लोग अब इस गांव को मिनी इजरायल के नाम से जानने लगे हैं। खेमाराम चौधरी को खेती से सलाना एक करोड़ का टर्नओवर होता है।

इजरायल जाने का मिला मौका
आपको बता दें कि किसान खेमाराम चौधरी (45 साल) को सरकार की ओर से इजरायल जाने का मौका मिला। उन्होने बताया कि जब वो इजरायल से वापस लौटे, KhemaRam5तो उनके पास कोई जमा पूंजी नहीं थी, लेकिन वहां की कृषि की तकनीक को देखकर उन्होने ठान लिया, कि उन तकनीकों को वो अपने खेतों में भी लागू करेंगे। खेमाराम ने अपने खेत (लगभग चार हजार स्क्वायर फीट) में सरकार की सब्सिडी से पहला पॉली हाउस लगाया।

इतना आता है खर्च
उन्होने बताया कि एक पॉली हाउस लगाने में करीब 33 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें नौ लाख रुपये उन्हें देना पड़ा था, बाकी बैंक से लोन लिया था। KhemaRam3उसके बाद सब्सिडी मिल गई। पहली बार खीरे की खेती की, जिसमें करीब डेढ लाख रुपये की लागत लगी। चार महीने में ही 12 लाख रुपये का खीरा बेच लिया। ये पॉली हाउस खेती को लेकर खेमाराम चौधरी का पहला अनुभव था।

बैंक का कर्ज चुकाया
खेमाराम चौधरी ने आगे बोलते हुए कहा कि अगले कुछ ही महीनों में पहले बैंक का लोन चुकाया, हालांकि मैंने ऐसा पहले कभी सोचा नहीं था, KhemaRam2कि इतना मुनाफा मिलेगा। मैंने चार हजार स्वक्यर फीट से पॉली हाउस खेती की शुरुआत की थी। आज तीस हजार वर्ग मीटर में पॉली हाउस लगवा रखा है। जिसकी वजह से खेती से अच्छा मुनाफा मिलता है।

दूसरे किसान भी हुए प्रेरित
खेमाराम चौधरी राजस्थान के पहले किसान थे, जिन्होने इजरायल के इस मॉडल की शुरुआत राजस्थान में की थी। आज उनके सात पॉली हाउस, दो तालाब और चार हजार वर्ग मीटर में फैन पैड है। KhemaRam140 किलोवाट का सोलर पैनल है, इनसे प्रेरित होकर इस गांव के पांच किमी के दायरे में करीब 200 पॉली हाउस बन गये हैं। इस गांव के किसान संरक्षित खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।

दस गुनी हो जाएगी आय
पॉली हाउस लगे इस पूरे क्षेत्र को आस-पास के लोग अब मिनी इजरायल के नाम से जानने लगे हैं। किसान खेमाराम चौधरी का कहना है कि KhemaRam4अगर किसान को कृषि के नये तौर तरीके पता हों, तो उन्हें कभी परेशानी नहीं उठाना पड़ेगा। खेमाराम के अनुसार अगर तकनीक के साथ किसान खेती करे, तो साल 2019 में उनकी कमाई दोगुनी नहीं बल्कि दस गुनी बढ जाएगी।