गांव का लड़का जब सेना में बना लेफ्टिनेंट, तो देश ने किया जज्बे को सलाम

गांव का एक लड़का, तमाम परेशानियों से लड़कर जब सेना में लेफ्टिनेंट बना तो देशभर में उसके जज्बे को सलाम किया गया है। आप भी जानिए ये कहानी

New Delhi, Mar 21: भारतीय सेना ने बार बार अपने पराक्रम से दुश्मनों को सिर झुकाने के लिए मजबूर किया है। देश के युवा आज सेना में भर्ती होकर साबित कर रहे हैं कि देशप्रेम का जज्बा उनमें कूट-कूटकर भरा है। एक बात भी सच है कि आज के दौर में गांवों से ज्यादा युवा देश की सेना में शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं। एक युवा ने लेफ्टिनेंट बनकर इस बात को साबित किया है।

गांव का सपूत बना ऑफिसर
धारी वल्ली गांव के संदीप ने अब देश का मान और सम्मान बढ़ाया है। बचपन से ही देश की सेना में शामिल होने का जुनून अपने दिल में पाले इस युवा ने भी अपनी जिंदगी में तमाम परेशानियों को झेला, लेकिन लक्ष्य पर निशाना साधे रखा। हाल ही में चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई। जिसमें संदीप ने भी अंतिम पग रखकर दो मेडल अपने कंधे पर सजा लिए।

देशभर ने किया सलाम
संदीप के पिता का नाम जयवीर रावत है, जो कि एसएसबी में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। संदीप की मां का नाम शांति देवी है। 23 साल के इस युवा ने देश की सेना में शामिल होकर शौर्य का परिचय दिया है। उनकी प्राथमिक शिक्षा बाल विद्या मंदिर नौगांव से हुई। इसके बाद उन्होंने सरस्वती इंटर कालेज मुंगरा से हाईस्कूल पूरी की।

ये है संदीप की जिंदगी
हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद संदीप ने विकासनगर से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इंटरमीडिएट करने के बाद संदीप ने चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इस बीच वो लगातार भारतीय सेना में ऑफिसर बनने के लिए तैयारी करते रहे। सीडीएस के माध्यम से उनका सलेक्शन ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई के लिए हुआ था।

पहली पोस्टिंग पंजाब में
बीते दस मार्च को चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई, तो संदीप के कंधे पर दो स्टार सज गए। माता-पिता के लिए इससे बड़ी खुशी का पल क्या हो सकता है ? संदीप को पहली तैनाती पंजाब में मिली है। संदीप बताते हैं कि वो बचपन से सेना में भर्ती होना चाहते थे। बचपन से ही उनके दिल में देशप्रेम का जुनून उफान मार रहा था। सिर्फ 23 साल की उम्र में इस लाल ने लेफ्टिनेंट बनकर दिखाया।

पिता का सपना पूरा किया
संदीप ने अपने पिता जयवीर सिंह एसएसबी में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर हैं ताऊजी मेजर डॉ. बचन सिंह रावत हैं। अपने पिता और ताऊजी से प्रेरणा लेकर उन्होंने सेना में जाने का निर्णय लिया था | संदीप की इस महान सफलता के बाद पिता जयवीर सिंह और माँ शांति देवी का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है | संदीप की इस उपलब्धि पर उनको देशभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं।