आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होने पांच हजार रुपये से 145 करोड़ रुपये तक का सफर तय किया।
New Delhi, May 23 : आपने कभी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो दूसरों के लिये गुलदस्ते तैयार करता हो, लेकिन खुद की गर्लफ्रेंड से बात ना बन पा रही हो, जी हां, ऐसा लगेगा जैसे नदी किनारे कोई प्यासा शख्स खड़ा हो। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होने पांच हजार रुपये से 145 करोड़ रुपये तक का सफर तय किया। बिहार के रहने वाले विकास गुटगुटिया कई लोगों के लिये रोल मॉडल हैं, लेकिन वो अपने परदादा को अपना रोल मॉडल मानते हैं, उनके जैसा ही जीवन में कुछ करना चाहते हैं।
बिहार से स्कूलिंग के बाद पहुंचे कोलकाता
विकास गुटगुटिया बिहार में स्कूलिंग करने के बाद आगे की पढाई के लिये कोलकाता चले गये। वहां पर उनके अंकल के फूलों की छोटी सी दुकान थी। विकास वहां पढाई के साथ-साथ अंकल के काम में भी हाथ बंटाते थे, उन्होने कोलकाता में रहते हुए ही इस बिजनेस की बारीकियां सीखीं। उन्हें लगा कि ये ऐसा क्षेत्र है, जहां पर लोग उतने पेशेवर ढंग से काम नहीं करते, जितना की बाकी के कारोबारों में होता है। उन्होने भविष्य इसी बिजनेस में बनाने की ठान ली और मुंबई आ गये। ये 1990 के दशक की बात है, लेकिन मुंबई में बात कुछ बनी नहीं, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे शुरुआत करें।
गर्लफ्रेंड को दिया गुलदस्ता
साल 1994 की बात है, उन्होने अपने कॉलेज की फ्रेंड मीता को उनके जन्मदिन पर एक गुलदस्ता फ्लोरिस्ट से भिजवा दिया, वो मीता से प्यार करते हैं, लेकिन जब वो उनकी जन्मदिन की पार्टी में पहुंचे, तो देखा कि उनका गुलदस्ता काफी बिखरा हुआ था, फूल भी अच्छे नहीं थे, जिसके बाद उनके मन में आइडिया आया कि दिल्ली में ही फूलों का कारोबार शुरु किया जाए, लेकिन उनके पास तब सिर्फ 5000 रुपये थे।
दिल्ली में खोली दुकान
विकास गुटगुटिया के एक दोस्त ने उन्हें इस बिजनेस में इनवेस्ट करने के लिये ढाई लाख रुपये दिये, उन्होने दिल्ली के साउथ एक्स में सड़क किनारे ही फर्न्स एन पेटल्स नाम से एक फूलों की होलसेल दुकान खोली, वो दिल्ली के सबसे प्रमुख दुकानों में फूलों की सप्लाई करने लगे। उसके बाद उन्होने मीता के घर वालों से शादी की बात की, लेकिन उन्होने मना कर दिया। जिससे वो थोड़े दुखी हुए, जिस दोस्त ने बिजनेस में पैसे इनवेस्ट किये थे, वो भी किन्ही कारणों से बिजनेस से अलग हो गया, लेकिन विकास गुटगुटिया का मन इस बिजनेस में लग गया। वो इस बिजनेस में बने रहे।
खुद संभाली सारी जिम्मेदारी
विकास के लिये वो दौर मुश्किलों भरा था, क्योंकि उनका साथ देने वाला कोई नहीं था, पैसों की भी कमी थी, लेकिन उन्होने हिम्मत नहीं हारी, वो अकेले ही सारी चुनौतियों का सामना करते रहे, उन्होने दिल्ली के आस-पास के किसानों से संपर्क किया, उन्हें अच्छे फूलों की खेती करने के लिये प्रेरित किया। वो बीज से लेकर मार्केटिंग करने तक की जिम्मेदारी खुद ही संभाल रहे थे।
बड़े प्रोजेक्ट ने बदल दी किस्मत
साल 1997 की बात है, उन्हें दिल्ली के ताज होटल पैलेस में एक शादी में सजावट का जिम्मा मिला, इसी प्रोजेक्ट ने उनका पूरा बिजनेस बदल दिया। इस काम के लिये उन्हें 50 लाख रुपये मिले थे, अब उनके पास पैसे आ गये थे, दिल्ली के कुछ इलाकों में उनका नाम भी लोग जानने लगे थे, वो अलग-अलग तरीकों से अपना बिजनेस बढा रहे थे, अब वो डेकोरेशन के काम में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे थे। उन्होने कोलकाता और बंगाल के कुछ कारीगरों को अपने साथ जोड़ लिया था, जो सजावट का काम करते थे।
मीता से शादी
अब विकास के लिये स्थिति बदल चुकी थी, उन्होने फिर से मीता के घर वालों से शादी की बात की, इस बार वो मान गये, फिर विकास ने दिल्ली में ही फर्न्स एन पेटल्स के नाम से एक डिजाइन स्कूल शुरु किया, साल 2002 में उन्होने ऑनलाइन फूलों की डिलीवरी शुरु की, इसके साथ ही उन्होने फैशन डिजाइनर तरुण टहिल्यानी के साथ मिलकर एक लग्जरी बुटिक खोला, वो बड़ी शादियों में फूलों का काम देखते थे. देखते ही देखते विकास ने फूलों के ही 13 अलग-अलग बिजनेस में हाथ फैस लिया। साल 2012 में उनकी कंपनी का टर्नओवर 145 करोड़ रुपये पहुंच गया। आज देश के 95 से ज्यादा शहरों में उनके आउटलेट्स हैं, विकास ने कभी हर महीने दस लाख रुपये कमाने का सपना देखा था, आज वो अपने सपने से भी आगे निकल गये हैं।