हवन-पूजन में भोग के प्रसाद के रूप में एक चीज जो सबसे ज्यादा आवश्यक मानी जाती है वो है पंचामृत । जानिए इसकी महिमा और इसके प्रयोग का सही तरीका ।
New Delhi, May 24 : पंचामृत, पूजा में प्रयोग किया जाने वाला, भगवान को भोग लगने वाला पंचामृत सबसे पवित्र माना जाता है । सभी भगवानों को अति प्रिय पंचामृत का बहुत महत्व है । पांच प्रकार की चीजों को मिलाकर तैयार किए जाने वाले इस पंचामृत का भोग कर देवता तृप्त हो जाते हैं । तो मनुष्य भी समस्त इच्छाओं से तृप्त होते हैं, ईश्वर की कृपा प्राप्ति का एक आसान सा साधन ये प्रसाद भी माना जा सकता है ।
5 चीजों को मिलाकर बनता है
पंचामृत, इसके नाम से ही पता चलता है कि इसमें 5 चीजों का समावेश होगा । 5 विशेष चीजों को मिलाकर इसका निर्माण किया जाता है । ये 5 चीजें हैं – दूध, दही, मधु, शक्कर और देसी घी । इन सभी को साथ मिलाकर इसका प्रयोग देवी-देवताओं के भोग में किया जाता है । इस पवित्र भोग के बिना आपकी पूजा अधूरी रह सकती है । घर में कीर्तन, भजन के कार्यक्रम के बाद भी पंचामृत का भोग ईश्वर को लगाया जाता है ।
श्री हरि विष्णु की पूजा का मुख्य अंग
पंचामृत सभी देवताओं को अलग-अलग प्रकार से अर्पित किया जाता है । लेकिन इसका सबसे अधिक महत्व री विष्णु की पूजा में माना जाता है । उनके लिए पंचामृत जब बनाएं तो उसमें तुलसी का प्रयोग जरूर करें । शास्त्रों में कहा गया है, पंचामृत के बिना श्री हरि या इनके अवतारों की पूजा नहीं हो सकती । पंचामृत के प्रयोग से आपकी कई समस्याएँ दूर की जा सकती हैं ।
पंचामृत का महत्व
पंचामृत को 5 चीजों से बनाया जाता है । इन सभी चीजों का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है । जैसे सबसे पहली सामग्री है दूध । ये शरीर के लिए बहुत ही सेहतमंद है । दूध शरीर को पुष्ट करता है । शरीर में डिटॉक्स का काम करता है । तनाव को दूर करता है । दूध से ही निर्मित दही में भी ये सारे गुण मौजूद होते हैं । ये पाचन तंत्र के लिए अच्छी मानी जाती है । त्वचा और चेहरे के लिए लाभदायक होती है ।
शहद, शक्कर और घी का महत्व
अन्य तीन चीजों की बात करें तो शहद एक प्राकृतिक उत्पाद है, जिसे बहुत ही मेहनत से निर्मित किया जाता है । ये शरीर को फिट रखने में सहायक है । आध्यात्म भाव और धर्म के प्रति झुकाव को मजबूत करता है । शक्कर मानव शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाये रखता है । आलस को कम करता है । घी शरीर को बल और ऊर्जा देता है । ये हड्डियों को मजबूत बनाता है । आंखों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है ।
पंचामृत का प्रयोग ऐसे करें
आप प्रतिदिन की पूजा में पंचामृत का प्रयोग कर सकते हैं । बस कुछ बातों का ध्यान रखें । जैसे पंचामृत का निर्माण सूर्यास्त से पहले करें । गाय का दूध प्रयोग में लाएं । पंचामृत बन जाए तो उसमें तुलसी के कुछ पत्ते और और गंगाजल भी डालें । यदि आपके मंदिर में शालीग्राम स्थापित हैं तो उनका पंचामृत से अभिषेक करें । अगर नहीं तो चांदी के सिक्के का अभिषेक करें । श्री हरि का ध्यान मन में रखें और अभिषेक के बाद पंचामृत ग्रहण करें ।