ऐसे पंडित से पूजा करवाना पड़ सकता है भारी, शनि हो जाते हैं कुपित, सब कुछ होने लगता है अशुभ

धार्मिक अनुष्‍ठान, यज्ञ आदि करवाने के लिए पंडित की आवश्‍यकता होती है, लेकिन किसी भी ब्राह्मण से पूजा करवाने से पहले जान लें कि वो कैसे हैं, नहीं तो पूजा का विपरीत असर भी हो सकता है ।

New Delhi, Dec 27 : हिंदू धर्म में पूजा, संस्‍कारों का बहुत महत्‍व है । घर में सुबह की दिया बाती से लेकर संध्‍या काल में दिया बाती तक किया जाता है । किसी विशेष मौके पर हवन आदि कराया जाता है । इससे वातावरण शुद्ध होता है और घर में सकारात्‍मकता आती है । ऐसे मौको पर पूजा कराने के लिए हमें किसी ब्राह्मण की आवश्‍यकता पड़ती है । पंडित ऐसे व्‍यक्ति होता हे जो धर्म को जानता है और हमारी मनोकामना, कार्य सिद्धि की प्रर्थना ईश्‍वर से करता है ।

गरुण पुराण में बताई हैं सावधानियां
लेकिन ब्राह्मणचुनते हुए बहुत सावधानी रखें, अगर आपके ब्राह्मण में बताई जा रही कोई भी खामी रही तो आपकी पूजा उल्‍टा असर करने लगेगी ।  गरुड़ पुराण में इस संबंध में कुछ बातें बताई गई हैं, जिन्‍हें जानकर हम अपनी पूजा के फल को नष्‍ट होने से बचा सकते हैं । पूजा में ब्राह्मण या पंडित का चुनाव करते हुए इन सावधानियों का ध्‍यान रखें ।

शनि का दान लेने वाले पंडित
गरुण पुराण में लिखा है, पूजा ऐसे पंडित से कभी नहीं करवानी चाहिए जो शनि के नाम पर दान लेता है । इसके अलावा ऐसा ब्राह्मण जो पापियों से दोस्ती रखता हो, यानी ऐसे लोगों से दोस्‍ती जो पाप कर्म में लिप्‍त रहते हैं, उससे भी पूजा आदि नहीं करवाना चाहिए । जब भी आप घर में यज्ञ, हवन का आयोजन करवाएं ब्राह्मण के बारे में पूरी जांच पड़ताल अवश्‍य कर लें ।

जादू-टोना करने वाला पंडित
ऐसे पंडित से भी पूजा, हवन आदि का कार्यनहीं करवाना चाहिए जो जादू-टोना या झाड़-फूंक करता हो । ऐसे पंडितों से श्राद्ध कर्म भी नहीं करवाने चाहिए । अगर ऐसे ब्राह्मण से श्राद्ध कर्म करवाया जाए तो आपके पितरों को नरक की प्राप्ति हो सकती है । गरुण पुराण में ऐसे पंडितों को पूजा कर्म के लिए निषेध माना गया है ।

इन पंडितों से बिलकुल ना कराएं पूजा
गरुड़ पुराण के अनुसार जो पंडित बकरी पालता है उससे पूजा नहीं करवानी चाहिए । इसके अलावा चित्रकार, वैद्य और ज्योतिषी से भी पूजा 

कर्म नहीं करवाने चाहिए । ऐसे पंडितों से पूजा करवाने पर उसका लाभ नहीं मिलता । पूजा का लाभ नहीं मिलता है। वहीं शास्‍त्रों में लिखा है कि बहरे, काने, मूर्ख, बहुत गुस्‍सा करने वाले, काले दांतों वाले, भयंकर दिखने वाले पंडितों से पूजा कर्म नहीं करवाने चाहिए ।

लालची और जलन भाव रखने वाले
ऐसे ब्राह्मण से पूजा करवाने से कोई फायदा नहीं होता जिसने वेद ना पढ़े हों । जिसके अंदर धन की लालसा हो, जो सिर्फ धन कमाने के लालच

से पूजा करवाता हो । दूसरों की खुशी से बैर भाव रखने वाले, मन में जलन करने वाले ब्राहमणों से भी पूजा नहीं करवानी चाहिए । बुरे काम करने वाले पंडित क्‍या आपके लिए पूजा कर पाएंगे ।

झूठ बोलने वाले
दूसरों से धन की लालसा रखने वाले, झूठ बोलने वाले, हिंसक प्रवृत्ति के पंडितों से पूजा नहीं करवानी चाहिए । ऐसे पंडितों के पाप कर्म का दोष

यजमान पर भी लग जाता है । वो ब्राह्मणजो सोने के गहने बेचने का काम करता हो उससे भी पूजा आदि नहीं करवानी चाहिए । ऐसे पंडित से पूजा करवाने पर शनि कुपित होते हैं और यजमान के घर सब अपशगुन होने लगता है ।

पर स्‍त्री पर नजर रखने वाले
ऐसा व्‍यक्ति जो हमेशा स्त्री के वश में रहे, दूसरों की स्त्री से संबंध रखे, नारी को बुरी नजर से देखे, ऐसे स्‍वभाव के व्‍यक्ति कभी ब्राह्मण हो ही नहीं सकते । इनसे पूजा करवाना मतलब मुसीबत अपने सिर लेना । दूसरों की बुराई में लिप्‍त रहने वाले, नशा करने वाले भी ब्राह्मण नहीं हो सकते । ऐसे लोग भगवान के निकट जाने के भी अधिकरी नहीं हैं ।