भारत के इस गांव का एशिया में डंका, रातोंरात करोड़पति बन गया इस गांव का हर शख्स

richest village

एशिया का सबसे अमीर गांव भारत में हैं, अरुणाचल प्रदेश के बोमजा गांव के लोगों कि जिंदगी रातों रात बदल गई है, सभी लोग करोड़पति बन गए हैं।

New Delhi, Feb 10: भारत में बेरोजगारी और गरीबी को लेकर अक्सर बहस होती रहती है। लेकिन इन चर्चाओं के बीच एक गांव ने एशिया में अपना डंका बजा दिया है, इस गांव के बारे में जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे, ये गांव अरुणाचल प्रदेश में हैं, इस गांव के बारे में चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इस गांव के लोगों ने काम ही कुछ ऐसा किया है, वैसे तो ये गांव अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में आता है, जहां आज भी आधुनिक सुख सुविधाओं का अभाव है, मगर गांव के लोग अब परेशान नहीं है, उनकी किस्मत एक झटके में बदल गई है।

कैसे बदली किस्मत
इस गांव के लोगों की चर्चा अगर एशिया में हो रही है तो इसका कुछ तो कारण होगा, चलिए आपको बताते हैं, ये एशिया का सबसे अमीर गांव हैं, यहां के सभी लोग करोड़पति हैं, ये करोड़पति किस तरह से बनें, ये भी एक दिलचस्प कहानी है, गांव के सभी लोग रातों रात करोड़पति बन गए हैं। इसका कारण सरकार है।

बोमजा गांव की शान
अरुणाचल प्रदेश के इस गांव का नाम बोमजा गांव है, इस गांव के बारे में अभी तक किसी को कुछ खास नहीं पता था, लेकिन सरकार के एक कदम से इस गावं की चर्चा हर तरफ होने लगी है। इस गांव में रहने वाले सभी लोग करोड़पति बन गए हैं, आप ये सोच रहे होंगे कि गांव के लोग करोड़पति कैसे बन गए, कसे ये गांव एशिया के सबसे अमीर गांव बन गया।

क्या है अमीरी का कारण
अब हम आपको इस गांव की अमीरी का कारण बताते है, इस गांव में भारतीय सेना तवांग गैरसन की एक और यूनिट स्थापित करना चाहती है, इसके लिए जमीन चाहिए, जमीन गांव वालों के पास है, उनसे जमीन ली गई, बदले में तगड़ा मुआवजा दिया गया। उसी पैसे के कारण इस गांव का हर शख्स करोड़पति बन गया है। बोमजा गांव के लोगों की चांदी हो गई है।

रक्षा मंत्रालय ने ली जमीन
तवांग गैरसन यूनिट के लिए रक्षा मंत्रालय को जमीन चाहिए, सेना ने गांव के लोगों से जमीन अधिग्रहीत की, जिसके बदले में हर परिवार को एक एक करोड़ रूपये मिले। जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने कुल 200.056 एकड़ जमीन अधिगृहित की है. जिसके बदले गांव के 31 परिवारों को रक्षा मंत्रालय की ओर से 40.8 करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया है.

गांव में कुल 31 परिवार
इस गांव की सबसे खास बात ये है कि यहां पर केवल 31 परिवार ही रहते हैं, गांव की आबादी भी बहुत कम है, वैसे भी इस इलाके में लोगों के पलायन की समस्या बहुत विकट है, जमीन के अधिग्रहण के बाद गांव के 29 परिवारों को 1.09 करोड़ रूपये मिले, एक परिवार को 2.4 करोड़ और दूसरे परिवार को 6.7 करोड़ रूपये दिए गए।

मुख्यमंत्री ने दिए पैसे
सेना के जमीन अधिग्रहण के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गांव वालों को मुआवजे की रकम सौंपी, उन्होंने गांव के हर परिवार को मुआवजे का चेक दिया, इसी के साथ पूरा गांव करोड़पति हो गया। इस पैसे से गांव के लोगों कि जिंदगी बदल गई है, उनके सपने सच हो सकते हैं।  गांव वालों का कहना है कि वो इस पैसे का इस्तेमाल जिंदगी को बेहतर बनाने में करेंगे।