इस परिवार के बेटे और दामाद ने पाक को चटाई धूल, तो बेटी ने पकड़ा दुश्मन एजेंट

army family

इस परिवार के बारे में जानकर आप को गर्व होगा, पिता, बेटा, बेटी और  दामाद ने करगिल की जंग में अपूर्व शौर्य और वीरता का प्रदर्शन किया था। जानिए इनके बारे में

New Delhi, Jan 16: सेना के शौर्य और पराक्रम के बारे में तो हम सभी जानते हैं, ये भी जानते हैं कि किस तरह से सैनिक अपनी जान जोखिम में डाल कर देश की सेवा करते हैं, ये भी अक्सर देखा गया है कि किसी परिवार में अगर कोई शख्स सेना में गया है तो उस परिवार के दूसरे सदस्य भी सेना और देश सेवा के जज्बे से भर जाते हैं, हम आपको ऐसी ही एक फैमिली के बारे में बताने वाले हैं। इस फैमिली के बारे में जानकर आपको गर्व होगा, किस तरह से इस फैमिली के सदस्यों ने देश की सेवा की है. बेटा, बेटी दामाद और खुद पिता, सभी ने किसी ना किसी रूप में देश की सेवा की है।

पाक और ISI को सिखाया सबक
हम जिस फैमिली के बारे में बात कर रहे हैं, इस के सदस्यों ने पाकिस्तान को धूल चटाई है, ISI के एजेंट को पकड़ा है, यहां तक कि दामाद ने भी देश की सेवा की है। बेटी ने सबसे युवा अधिकारी बन कर दुश्मन देश के एजेंट को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। ये फैमिली उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहती है।

इस फैमिली पर गर्व करेंगे
इस फैमिली के मुखिया हैं रिटायर्ड कर्नल सीडी मिश्रा, जो बनारस में रहते हैं, वो अपनी फैमिली के बारे में बताते हैं, साथ ही ये भी बताते हैं कि किस तरह से उन्होंने देश की सेवा की थी, कर्नल सीडी मिश्रा 1965 से 2005 तक गोरखा रेजीमेंट का हिस्सा रहे। इस दौरान उन्होंने पूरी जी जान से देश की सेवा की थी।

करगिल जंग में शानदार योगदान
करगिल की जंग में इस परिवार के सदस्यों ने अद्भुत वीरता का प्रदर्शन किया था. कर्नल सीडी मिश्रा बताते हैं कि करगिल में वो खुद, उनका बेटा सुमित मिश्रा और दामाद आशुतोष ने एक साथ पाकिस्तान के दांत खट्टे किए थे। इन तीनों ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग में शौर्य और वीरता का शानदार प्रदर्शन किया था।

बेटी भी किसी से कम नहीं
कर्नल सीडी मिश्रा के परिवार में केवल लड़के ही आगे नहीं हैं, बल्कि लड़कियां भी किसी से कम नहीं है, उनकी बेटी रश्मि 2002 में सेना ज्वाइन की, वो इंटेलिजेंस अधिकारी बन कर कश्मीर में तैनात हुईं। बेटी रश्मि ने भी अपनी सूझबूझ और वीरता का प्रदर्शन किया। उन्होंने ISI के एजेंट को पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।

बेटी रश्मि बनी यंग ऑफिसर
रश्मि बताती हैं कि वो 2002 में सबसे युवा ऑफिसर बन कर कोलकाता आईएसजी में गई। वहां कोवर्ड ऑपरेशन करके पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के एजेंट को पकड़ा था। उसके बाद रश्मि को भारतीय सेना की इंटेलिजेंस में बुलाया गया। फिलहाल रश्मि बीकानेर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं।

बेटे का शौर्य
कर्नल सीडी मिश्रा के बेटे सुमित 1998 से 2006 तक सेना में रहे थे, कारगिल जंग के दौरान कैप्टन बनकर सुमित ने indian-army0पाकिस्तानी टुकड़ियों पर हमला किया था। दुश्मन के कई ठिकानों पर कब्जा किया था। इसके अलावा कश्मीर में कई आतंकियों को भी सुमित की टुकड़ी ने मार गिराया था। सुमित की पढ़ाई लिखाई इलाहाबाद से हुई थी।

करगिल में दामाद ने चलाई बोफोर्स
कर्नल सीडी मिश्रा के दामाद आशुतोष भी सेना में हैं. उन्होंने करगिल युद्ध मं अपना पराक्रम दिखाया था। आशुतोष 1998 में सेना की 190 मीडियम रेजीमेंट तोपखाना को ज्वाइन किया। बतौर कैप्टन कारगिल युद्ध में आशुतोष ने दुश्मनों पर बोफोर्स से खूब गोले दागे। फिलहाल आशुतोष बीकानेर में बतौर कर्नल पोस्टेड हैं।  इस फैमिली के हर शख्स की रगों में देशभक्ति है।