गुमनाम चिट्ठी ने सुलझाया केस, कलयुगी बेटे के ‘पाप’ का पर्दाफाश

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राजकोट के गांधीग्राम के दर्शन एवेन्यू में रहने वाली जयश्रीबेन की 27 सितंबर को बिल्डिंग की छत से गिरने के बाद मौत हो गई थी।

New Delhi, Jan 05 : गुजरात के राजकोट में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है, दरअसल एक प्रोफेसर ने अपनी मां को छत से फेंककर हत्या कर दी, उनकी मां ब्रेन हैमरेज होने की वजह से लंबे समय से बिस्तर पर थी, प्रोफेसर लाचार मां की देखभाल और उनकी इलाज से परेशान हो चुका था। ये घटना पिछले साल सितंबर की है, लेकिन इस हत्या का खुलासा गुरुवार को हुआ, पहले पुलिस ने इस केस को खुदकुशी मानकर फाइल बंद कर दी थी, लेकिन एक गुमनाम चिट्ठी ने इस केस को सुलझवा दिया।

क्या है मामला ?
आरोपी प्रोफेसर का नाम संदीप हैं, उनकी मां जयश्रीबेन थी, वो टीचर थी, अब रिटायर्ड हो चुकी थी, ब्रेन हैमरेज होने की वजह से वो बिस्तर पर ही पड़ी रहती हैं, Rajkot6उनके परिवार में दो बेटियां और इकलौता बेटा संदीप है। जयश्रीबेन अपने बेटे संदीप, बहू रचना और पोती के साथ ही रहती थीं, आस-पड़ोस के लोगों का कहना है कि सास-बहू में अक्सर खट-पट होती थी।

तीन महीने पहले जयश्रीबेन की मौत
राजकोट के गांधीग्राम के दर्शन एवेन्यू में रहने वाली जयश्रीबेन की 27 सितंबर को बिल्डिंग की छत से गिरने के बाद मौत हो गई थी, Rajkot3पुलिस ने भी मामला खुदकुशी का मानकर फाइल बंद कर दी थी। पुलिस को उनकी हत्या के बाद सूचना दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि वो लंबे समय से बीमार थी, जिसके बाद पुलिस को लगा कि बीमारी की वजह से परेशान होकर उन्होने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली।

कैसे सुलझा मामला ?
फाइल बंद हो जाने के बाद गुजरात पुलिस को किसी शख्स ने एक गुमनाम चिट्ठी भेजी और मामले में हत्या का शक जताया, जिसके बाद केस को दुबारा खोला गया, Rajkot2पुलिस ने जब बिल्डिंग की सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें कई हैरान कर देने वाली चीजें सामने आई, सीसीटीवी में बेटा संदीप ही चलने-फिरने में लाचार मां को सीढियां चढाकर ऊपर ले जा रहा था।

सीसीटीवी ने खोली कलयुगी बेटे की पोल
सुबह 7.56 बजे बेटा संदीप अपनी एक्टिवा से बाहर जाते दिखा
8.27 बजे उसने अपनी मां जयश्रीबेन को लिफ्ट से छत पर ले गया, तब संदीप नंगे पांव था।
8.30 बजे मां को लिफ्ट से चौथी मंजिल की छत पर ले जाते दिखा।Rajkot1
8.39 बजे आरोपी बेटे ने चौथी मंजिल की महिला से कुर्सी मांगी थी, जिसे लेने के लिये वो नीचे आती है
8.45 बजे महिला और पुरुष दोनों नीचे आते हैं, लेकिन संदीप अपनी मां के साथ ही छत पर रहता है।
8.56 बजे जयश्रीबेन छत से नीचे गिर जाती हैं, संदीप छत पर ही रहता है।
8.57 बजे संदीप अकेले नीचे आता है, उस समय उसने मां की चप्पलें पहनी हुई थी।

इस सवाल पर फंसा बेटा
राजकोट डीसीपी करनराज वाघेला ने बताया कि आरोपी संदीप ने पुलिस को गुमराह करने की कई कोशिश की, Rajkot5पहले बताया था कि सूरज की पूजा के लिये मां को छत पर ले गया था, लेकिन जब पुलिस ने उससे पूछा कि लाचार मां ढाई फुट ऊंची रेलिंग कैसे पार की, तो इस सवाल का वो जबाव नहीं दे पाया, कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

पुलिस कर रही जांच
गुजरात पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की, तो उसने मां को छत से फेंकने की बात मान ली, पुलिस बीमारी के साथ-साथ संपत्ति विवाद के एंगल से भी जांच कर रही है, Gujarat Policeजयश्रीबेन के नाम से एफडी और दूसरी चीजों की जांच जारी है, हालांकि आरोपी बेटे का कहना है कि वो लाचार मां की सेवा कर-कर के परेशान हो गया था, जिस वजह से उसने ऐसा कदम उठाया।

शुरुआती जांच में सामने आई थी ये बातें
पुलिस ने शुरुआती जांच में कहा था कि जयश्रीबेन के दिमाग का इलाज चल रहा था, हत्या से दो महीने पहले ही उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था, Rajkotजिसकी वजह से वो बिल्कुल लाचार हो गई थी। छत पर वो सूर्य भगवान की पूजा करने गई थी, तभी उन्होने छत से नीचे कूदकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने इस फाइल को आत्महत्या का मामला मान केस बंद कर दिया था।

मां के इलाज के लिये राजकोट आया था आरोपी
पूछताछ में आरोपी बेटे ने बताया कि उसकी मां को दिमागी बीमारी थी, मां के इलाज के लिये ही वो परिवार के साथ जामनगर से राजकोट आया था, Rajkot4राजकोट में 4 से 14 सितंबर तक उनकी मां अस्पताल में भर्ती रही, आरोपी बेटे ने कहा कि वो अपनी मां की सेवा करते-करते परेशान हो गया था, इसी वजह से अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद चौथी मंजिल पर ले जाकर धक्का दे दिया।