कुमारस्‍वामी की ‘आंसुओं’ पर सफाई, बोले- कभी नहीं कहा कांग्रेस परेशान कर रही है

कर्नाटक में लंबे ड्रामे के बाद मुख्‍यमंत्री बने कुमारस्‍वामी के पिछले दिनों एक भाषण के दौरान आंसू बहाए जाने का मामला गरमाया हुआ है । कुमारस्‍वामी ने मामले में अब सफाई देते हुए कहा है कि उन्‍होने ऐसे कुछ नहीं बोला ।

New Delhi, Jul 18 : गठबंधन सरकार पर दिए अपने भावुक भाषण को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के कार्यक्रम के दौरान उन्‍होने बेबसी के चलते आंसू नहीं बहाए थे । स्‍वामी ने कहा कि उन्‍होने कांग्रेस के खिलाफ भी कुछ नहीं बोला है। उनके अनुसार मामले को बेवजह मीडिया तूल दे रही है और इसी वजह से बीजेपी को भी एक मौका हाथ लग गया है ।

भावुक हुआ लेकिन कांग्रेस के खिलाफ कुछ नहीं कहा
कुमारस्वामी इन दिनों दिल्ली में ही है । गुरुवार तक वो यहीं रहेंगे । मंगलवार को ही पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात साफ-साफ बताई कि वो मानते हैं कि पार्टी के कार्यक्रम में वो भावुक हो गए थे । लेकिन उन्‍होने कांग्रेस के खिलाफ कुठ नहीं कहा, ना ही ये कहा कि कांग्रेस या उसके नेता उन्हें परेशान कर रहे हैं।

भावुक इंसान हूं मैं
पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा ‘मैं एक भावुक इंसान हूं, लेकिन यह मेरी बेबसी नहीं है। मैं अपने परिवार के कार्यक्रम में बोल रहा था। मैंने अपने परिवार के सदस्यों से अपना दर्द साझा किया। मैंने कांग्रेस के नेताओं की आलोचना नहीं की है। भावनात्मक रूप से बात करते समय यह स्वाभाविक है कि आंसू बहते हैं। एक मुख्यमंत्री से अधिक मैं भावनाओं के साथ एक साधारण व्यक्ति हूं’।

आगे ये कहा
उन्होंने कहा ‘मैं उस दिन करीब एक घंटे तक बोला था। कहीं भी मैंने ऐसा नहीं कहा कि कांग्रेस ने समस्याएं खड़ी की हैं। मैंने मीडिया के लोगों से कहा कि कठिनाई के बावजूद मैंने ऋण माफी को लेकर मजबूत कदम उठाया है और कार्यक्रमों को लागू किया है। लेकिन कहीं भी मुझे अपने अच्छे काम के लिए प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है’।

गठबंधन का दर्द निगल रहा हूं
आपको बता दें इसी शनिवार को बेंगलुरु में हुए जनता दल सेक्युलर के एक कार्यक्रम के दौरान कुमारस्‍वामी भावुक हो गए थे । उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे और वो भाषण के दौश्रान लगातार रो रहे थे । तब उन्‍होने कहा था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए भी वह खुश नहीं हो पा रहे हैं । उन्‍हें  जहर की तरह गठबंधन के दर्द को निगलना पड़ रहा है ।