मेगास्टार रजनीकांत वो काम करने जा रहे हैं, जिस बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे

मेगास्टार रजनीकांत अब एक बड़ा काम करने जा रहे हैं। वो ऐसा काम करने जा रहे हैं कि उसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। चलिए आपको इस बारे में बता देते हैं।

New Delhi, Mar 12: हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के मेगास्टार रजनीकांत अब अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इससे पहले वो हिमालय की वादियों में चिंतन करेंगे। इसके लिए उन्होंने खास प्लान तैयार किया है। 13 मार्च को रजनीतकांत ऋषिकेश पहुंच रहे हैं। यहां वो अपने आध्यात्मिक गुरु के आश्रम में शरण लेंगे।

ये काम करेंगे रजनीकांत
बताया जा रहा है कि इस दौरान रजनीकांत अपने आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती के आश्रम में योग करेंगे। ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती देश के पीएम मोदी के भी आध्यात्मिक गुरु थे। दो साल पहले उन्होंने अपना शरीर त्यागा था। खास बात ये भी है कि रजनीकांत जब भी कोई बड़ा काम शुरू करने वाले होते हैं तो वो देवभूमि जरूर आते हैं।

प्रबंधक ने बताई खास बात
ऋषिकेश के अलावा कुमाऊं के दूनागिरी क्षेत्र में एक आश्रम है, वहां भी वो अक्सर आते जाते रहते हैं। ऋषिकेश की दयानंद आश्रम के प्रबंधक के मुताबिक रजनीकांत इस वक्त हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हैं। इसके बाद से  उनका दिल्ली जाने का प्रोग्राम है। इसके बाद मंगलवार के दिन वो ऋषिकेश स्थित आश्रम में पहुंचेंगे। हालांकि रजनीकांत यहां कितने दिन रहेंगे, इस बात की जानकारी नहीं है।

काफी वक्त यहीं रहते हैं रजनीकांत
आश्रम के प्रबंधक का ही कहना है कि रजनीकांत यहां काफी समय बिता चुके हैं। रजनीकांत के बारे में प्रबंधक का कहना है कि वो निजी जीवन में बेहद धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृति के हैं। ऋषिकेश के आश्रम से रजनीकांत करीब 25 साल से जुड़े हैं। इसके अलावा खास बात ये है कि रजनीकांत बीते 20 साल से स्वामी दयानंद द्वारा स्थापित गंगाधरेश्वर ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं।

इसे बताया श्रद्धा का केंद्र
इस महानायक की श्रद्धा का केंद्र देवभूमि है। खुद रजनीकांत कहते हैं कि देवभूमि की कृपा से उनके जीवन में काफी तरक्की आई है। दरअसल रजनीकांत आध्यात्म और योग को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानते हैं। उनकी श्रद्धा का केंद्र द्वाराहाट का योगदा आश्रम भी है। अल्मोड़ा में स्थित इस आश्रम में स्वामी परमहंस ने भी योग की दीक्षा ली थी।

राजनीति से पहले ये काम
रजनीकांत ने स्वामी परमहंस की बायोग्राफी पढ़ी थी। इस बायोग्राफी से रजनीकांत काफी प्रभावित हुए थे। इसके बाद उन्होंने योग को ही अपनी जिंदगी का आधार बना लिया था। रजनीकांत खुद दो बार योगदा आश्रम आ चुके हैं। अच्छी बात तो ये भी है कि रजनीकांत इस जगह पर 20 लाख की लागत से एक विशाल भवन बनवा रहे हैं। इस भवन में योगा सेशन चलाया जाएगा।

ये भी हैं खास बातें
योगदा आश्रम द्वाराहाट से दो किलोमीटर दूर बसा है। यहां की शांति और सुंदरता हर किसी को अपनी तरफ खींचती है। इस केंद्र की नींव स्वामी परमहंस ने रखी थी। स्वामी परमहंस के अनुयाइयों की लिस्ट भी काफी लंबी है। इसी लिस्ट में मेगास्टार रजनीकांत का नाम भी शामिल है। इसे योग की ही शक्ति कहेंगे कि इससे प्रभावित होकर रजनीकांत ने साल 2000 में बाबा नाम की फिल्म भी बनाई थी।