मां और भाभी के साथ सो रही थी शादीशुदा बेटी, आधी रात को बरपा ऐसा कहर, कि हर कोई रह गया सन्न

मकान अचानक से भरभरा कर गिर गया था। मकान की पट्टियों और मलबे के नीचे दबने से बेटी निशा की मौके पर ही मौत हो गई।

New Delhi, Jul 18 : चार दिन पहले बेटी सुसराल से मायके आई थी, शाम को हल्की-हल्की रिमझिम बारिश हो रही थी। बेटी अपनी मां के साथ बैठकर दुख-सुख बतिया रही थी। तभी मां, बेटी के पास भाभी भी आ गई, तीनों लेटे-लेटे बातें करने लगे। बातों के क्रम में ही कब तीनों की आंखें लग गई, पता ही नहीं चला। रात करीब तीन बजे तीनों की अचानक नींद खुली, दरअसल तीनों जिस मकान में सो रही थी, उसकी पट्टियां टूटकर उन पर गिर रही थी, दीवार भी ढहने वाला ही था।

मौत सामने खड़ी थी
नींद खुलने के बाद ऐसा लगा, जैसे मौत बिल्कुल सामने खड़ी है, उससे बचने के लिये तीनों के पास महज चंद सेंकेंड का समय था। Dead Bodyमां और भाभी को किसी तरह उठकर पट्टियां टूटकर गिरने से पहले भाग गई, लेकिन बेटी निशा को बचाने का मौका ही नहीं मिला और वो ना खुद निकल पाई। जब तक वो कुछ समझती, तब तक पूरा मकान उसके ऊपर अचानक भरभरा कर गिर पड़ा।

बेटी की मौत
निशा पट्टियों और मलबे के नीचे दह गई। मां और भाभी ने शोर मचाना शुरु किया, जिसके बाद रात के तीन बजे आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और निशा को बचाने की कोशिश की,Dead Body उससे मलबे से निकाला गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। निशा की मौत हो चुकी थी। आपको बता दें कि ये हादसा राजस्थान के सीकर जिले के नीमका थाना क्षेत्र इलाके के गांव चीपलाट के पास लादिया मोड पर हुआ है।

मलबे से निकाला शव
अचानक मकान गिरने से तेज आवाज हुई, जिससे आस-पड़ोस के लोग जग गये, साथ ही मां और भाभी ने शोर मचाना भी शुरु कर दिया था, जिसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और निशा को मलबे से निकाला । किसी शख्स ने स्थानीय पुलिस को भी मामले की जानकारी दी, ग्रामीण और पुलिस टीम ने रात को ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया और निशा को बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

मौत खींच लाई
पड़ोसियों ने बताया कि निशा का ससुराल गांव भगेगा में है, वो 4 दिन पहले ही अपने ससुराल से ढापा लादिया मोड़ आई थी, अचानक से मकान के दबकर उसकी मौत हो गई, जबकि उसके पास ही उसकी मां और भाभी भी लेटी हुई थी, उन दोनों की जान बच गई। पड़ोसी अपने देहाती भाषा में कह रहे हैं, कि निशा को मौत खींचकर लाई थी।

मवेशी भी दबे होने की आशंका
मकान अचानक से भरभरा कर गिर गया था। मकान की पट्टियों और मलबे के नीचे दबने से निशा की मौके पर ही मौत हो गई। उसके शव को बाहर निकाला गया। साथ ही परिजनों का कहना है कि मलबे में कई मवेशियों के भी दबे होने की आशंका है, क्योंकि पीड़ित परिवार कई जानवर भी पालता था, जल्दबाजी में वो खुद तो घर से बाहर निकल गये, लेकिन जानवरों को बाहर नहीं निकाल पाये।

आठ साल बाद रायपुर नदी में पानी
सीकर के नीमका थाना में देर रात से सुबह तक हुई बारिश ने इलाके के लोगों के लिये आफत और राहत दोनों खबर लाई है। जहां पानी आने की सूचना से नदी देखने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा है। स्थानीय लोगों के अनुसार रात तीन बजे से सुबह सात बजे तक मूसलाधार बारिश हुई, जिससे इलाके में पानी लबालब हो गई है, बारिश की वजह से आठ साल से सूखी रायपुर नदी की प्यास भी बुझती दिखी, नदी में पानी के ऐसा नजारा साल 2010 में देखने को मिला था।