आठवीं फेल 24 साल का लड़का चलाता है करोड़ों की कंपनी, फोर्ब्स ने इस विशेष सूची में किया शामिल

Trishnit

इस युवा ने कंप्यूटर की पढाई किये बिना ही इथिकल हैकिंग में अपना नाम फोर्ब्स सूची में एशिया के 30 अंडर-30 में दर्ज कराया है।

New Delhi, Apr 05 : लुधियाना के रहने वाले त्रिशनीत अरोड़ा एक ऐसे यंग सीईओ हैं, जिन्होने कंप्यूटर की पढाई किये बिना ही इथिकल हैकिंग में अपना नाम फोर्ब्स सूची में एशिया के 30 अंडर-30 में दर्ज कराया है। दरअसल त्रिशनिश अरोड़ा ने सिर्फ 21 साल की उम्र में ही अपनी कंपनी खोल ली थी, इसी वजह से उनका नाम यंग सीईओ में गिना जाता है। आपको बता दें कि दुनिया के ये यंग सीईओ आठवीं फेल हैं।

घर वालों ने दी पढाई छोड़ने की परमिशन
जब त्रिशनीत 8वीं क्लास में फेल हो गये थे, तो उन्हें खूब डांट पड़ी थी। उनके माता-पिता ने उनसे जब इसका कारण पूछा था, तो उन्होने बताया था कि वो पढाई नहीं करना चाहते। trishneet-aroraजिसके बाद उनके मम्मी-पापा ने उन्हें पढाई छोड़ने की परमिशन दी और आज वो करोड़ों की कंपनी चला रहे हैं। त्रिशनीत के अनुसार उन्होने अपने शौक को बिजनेस का रुप दिया, जिसकी वजह से वो आज यहां तक पहुंचे।

मिडिल क्लास फैमिली से हैं त्रिशनीत
त्रिशनीत की उम्र अभी सिर्फ 24 साल है, वो लुधियाना के मध्यम वर्गीय परिवार से बिलांग करते हैं, उनकी बचपन से ही पढाई में कम और कंप्यूटर में ज्यादा दिलचस्पी थी। वो दिनभर कंप्यूटर में हैकिंग का काम सीखते थे, जिसकी वजह से वो पढाई नहीं कर पाते थे, इसी वजह से वो आठवीं में फेल भी हो गये थे।

12वीं पास हैं यंग सीईओ
8वीं में फेल होने के बाद उन्होने कुछ समय के लिये पढ़ाई छोड़ दी थी, हालांकि घर वालों के कहने के बाद उन्होने दुबारा से पढाई शुरु की, और 12 वीं पास किया। वो एक इथिकल हैकर हैं, जिसमें नेटवर्क या सिस्टम इंफ्रास्ट्रक्चर की सिक्योरिटी इवैल्युएट की जाती है, trishneet-arora2इनकी निगरानी सर्टिफाइड हैकर्स करते हैं, जिससे कि कीसी नेटवर्क या सिस्टम इंफ्रास्ट्रक्चर की सिक्योरिटी कॉन्फिडेन्शिनयल ही रहे।

पापा से लिये थे 75 हजार
जब यंग सीईओ ने अपना बिजनेस शुरु किया था, तो पापा से उन्होने 75 हजार रुपये लिये थे, उनके पिता ने ये कहते हुए पैसे दिये थे, कि पैसा तो डूबना ही है। trishneet-arora1लेकिन उन्होने उस 75 हजार से करोड़ों का बिजेनस खड़ा कर दिया। 24 साल की उम्र में ही वो अपने काम के तरीके और आंत्रप्रिन्योरशिप की बदौलत इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

परीक्षा छोड़ दी थी
कम्यूटिंग पढने में त्रिशनीत इतने मग्न हो गये थे, कि पढाई ही नहीं की, उन्होने दो पेपर ही नहीं दिये, जिसकी वजह से फेल हो गये थे। trishneet-arora6हालांकि बाद में घर वालों के समझाने के बाद उन्होने रेगुलर की जगह कॉरेस्पॉन्डेंस से 12वीं तक की पढाई की। इसके साथ ही वो कंप्यूटर और हैकिंग के बारे में लगातार नई-नई जानकारियां भी इक्ट्ठा करते रहे।

पैरेंट्स को नहीं पसंद था काम
आपको बता दें कि त्रिशनीत के पिता अकाउंटेंट हैं, तो उनकी मां हाउस वाइफ हैं, दोनों उनके काम को पसंद नहीं करते थे। trishneet-arora4लेकिन कंप्यूटर के अपने शौक को ही उन्होने करियर बनाने का फैसला कर लिया था। शुरुआत में तो उनकी बातें सुन लोगों को मजाक लगता था, वो हंसते-मुस्कुराते थे। मीडिया भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता था, लेकिन उन्होने अपने काम के जरिये साबित कर दिया कि कैसे विभिन्न कंपनियों का डाटा चुराया जा रहा है, जिसके बाद उन्हें धीरे-धीरे सराहना मिलने लगी ।

सीबीआई से लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज भी है उनकी क्लाइंट
मालूम हो कि दो साल पहले जब उनकी उम्र करीब 22 साल थी, तब टीएसी सिक्युरिटी नाम की उन्होने एक साइबर सिक्युरिटी कंपनी बनाई। trishneet-arora3इनके क्लाइंट की लिस्ट में बड़े-बड़े नाम शामिल हैं। त्रिशनीत की कंपनी रिलायंस, सीबीआई, गुजरात पुलिस, पंजाब पुलिस, अमूल और एवन साइकिल जैसी बड़ी और नामी कंपनियों को साइबर से जुड़ी सर्विसेज दे रहे हैं।

कई किताबें लिख चुके हैं
त्रिशनीत हैकिंग पर कई किताबें लिख चुके हैं, दुबई और यूके में कंपनी का वर्चुअल ऑफिस है, करीब 40 फीसदी क्लाइंट्स इन्हीं ऑफिसेज से डील करते हैं, trishneet-arora7दुनिया भर में इनके 50 फॉच्यून और 500 कंपनियां क्लाइंट हैं। त्रिशनीत ने नॉर्थ इंडिया की पहली साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम सेटअप किया।