गांधी जी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया? कंगना रनौत का सवालिया लहजे में बड़ा बयान

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कुछ दिनों पहले ही भारत सरकार ने दिल्ली में आयोजित समारोह में कंगना रनौत को सिनेमा के क्षेत्र में दिये गये उनके योगदान के लिये देश के चौथे सबसे ऊंचे सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था।

New Delhi, Nov 16 : इन दिनों अपने बयानों से लाइमलाइट में रहने वाली कंगना रनौत एक बार फिर से नये विवाद में फंसती नजर आ रही हैं, दरअसल हाल ही में एक्ट्रेस ने भारत को 1947 में मिली आजादी को भीख करार दिया था, उन्होने कहा था कि भारत को ये आजादी भीख में मिली थी, जबकि देश को असली आजादी साल 2014 में मिली थी। कंगना के इस बयान पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, विपक्षी दलों ने कंगना पर जमकर हमले किया. वहीं आम लोगों ने भी उन पर निशाना साधा, इतना ही नहीं अब कंगना के विरोध के साथ ही उन्हें हाल ही में मिले पद्मश्री सम्मान पर भी लोगों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

पद्मश्री वापस लेने की मांग
कुछ दिनों पहले ही भारत सरकार ने दिल्ली में आयोजित समारोह में कंगना रनौत को सिनेमा के क्षेत्र में दिये गये उनके योगदान के लिये देश के चौथे सबसे ऊंचे सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था, हालांकि अब कंगना के आजादी को भीख बताने वाले बयान पर लोगों ने गुस्सा जताते हुए उनसे पद्मश्री वापस लेने की मांग कर दी है।

लोगों से सवाल
पद्मश्री वापस लेने की मांग के बीच खुद कंगना ने बड़ा बयान दिया है, उन्होने कहा कि वो पद्मश्री वापस कर देंगी, लेकिन एक्ट्रेस ने एक शर्त रख दी है, उन्होने कहा, उनका विरोध कर रहे लोगों से एक सवाल है, कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर उनका विरोध कर रहे लोगों से सवाल पूछा है, उन्होने लिखा है, इतिहास वही जो आज स्पष्ट दिख रहा है, अंग्रेजों ने भारत को तब तक लूटा, जब तक उन्हें संतुष्टि नहीं हुई, चरम गरीबी, सूखा और शत्रुता के बाद भी वो भारत में रह रहे थे, वो भी तब जब उन पर दूसरे विश्व युद्ध का दबाव था। उन्हें पता था कि वो सदियों के अत्याचार की कीमत चुकाये बिना यहां से नहीं जा सकते, इसलिये उन्हें भारतीयों के मदद की जरुरत थी, आजाद हिंद फौज का एक छोटा युद्ध भी हमें आजादी दिला देता, तब सुभाष चंद्र बोस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनते। गांधी जी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया, उन्होने कभी इन्हें सपोर्ट नहीं किया।

कांग्रेस के कटोरे में आजादी
कंगना रनौत ने आगे लिखा, आज शायद पहली बार है, जब अंग्रेजी ना बोलने, छोटे शहरों से आने या स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने के लिये कोई हमें शर्मिंदगी महसूस नहीं करा सकता, उस इंटरव्यू में मैंने सब स्पष्टता से रखा है, लेकिन जो चोर हैं, kangana ranaut उनकी तो जलेगी, कोई बुझा नहीं सकता है, साथ ही कंगना ने कहा जब दक्षिणपंथ इससे लड़ने तक के लिये तैयार था, तब आजादी कांग्रेस के भीख के कटोरे में क्यों डाली गई, कोई मुझे ये बता दें, मुझे ये समझा दे, इन सवालों के जवाब दे दे, तो मैं खुशी से अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी।