समलैंगिकता अपराध नहीं, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, करण जौहर बोले – आज ऑक्‍सीजन मिला  

भारत में समलैंगिकता अब अपराध नहीं । धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एलजीबीटी कमयुनिटी को बहुत बड़ी राहत दी है ।

New Delhi, Sep 06 : धारा 377 पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है । कोर्ट ने साफ कहा कि दो वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंध अपराध नहीं हो सकता । सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को मनमाना करार दिया और व्यक्तिगत चुनाव को सम्मान देने की बात कही । सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से एलजीबीटी समुदाय में खुशी का माहौल है । इस फैसले पर बॉलीवुड से भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है ।

करण जौहर का इंस्‍टा पोस्‍ट
बॉलीवुड फिल्‍म मेकर करण जौहर ने धारा 377 पर कोर्ट के फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है । करण ने इसे इंसानियत की बड़ी जीत  बताया । करण जौहर ने इंस्टा पर LGBT कम्यूनिटी के झंडे के साथ finally! मैसेज लिखी हुई फोटो पोस्ट की है. कैप्शन में लिखा- ”ऐतिहासिक फैसला. आज मुझे गर्व महसूस हो रहा है. समलैंगिकता को अपराध मुक्त करना और धारा 377 को खत्म करना मानवता के लिए बड़ी जीत है. देश को उसकी ऑक्सीजन वापस मिली.”

करण जौहर का सेकसुअल स्‍टेटस
दरअसल करण जौहर के सेकसुअल स्‍टेटस को लेकर हमेशा से ही चर्चा होती रही है । उन्‍होने कभी समलैंगिकता की बात को स्‍वीकारा नहीं हैं । उन्‍होने अपनी बायोग्राफी में इस बारे में जरूर लिखा है । करण ने अपनी बायोग्राफी ‘एन अनसूटेबल ब्वॉय’ में लिखा है –  ‘सब जानते हैं मेरी सेक्सुअलिटी क्या है ।  लेकिन अगर मुझे अपने मुंह से कहना पड़े तो मैं ऐसा नहीं कह सकता । क्योंकि मैं एक ऐसे देश में रहता हूं जहां मुझे ऐसा कहने के कारण शायद जेल भी हो सकती है । ”

करण ने आगे लिखा
‘मैं कहना बस इसलिए नहीं चाहता क्योंकि मैं एफआईआर के चक्करों में नहीं पड़ना चाहता. मेरे पास जॉब है, मेरे कुछ कमिटमेंट है, मेरे कंपनी में बहुत लोग काम करते हैं. मैं बहुत लोगों के प्रति जवाबदेह हूं. मैं कोर्टरुम में नहीं बैठना चाहता.” बहरहाल करण अब अपना बयान जरूर बदलकर अब इस बात को खुलकर स्‍वीकार कर सकते हैं कि उनका सेकसुअल स्‍टेटस क्‍या है ।

लिटरेचर फेस्टिवल में बोले थे करण
साल 2016 में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान करण ने अपनी किताब पर बात करते हुए ये भी कहा था कि उन्‍हें पैन्सी शब्‍द जो कि समलैंगिग पुरुष के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है उससे नफरत है । करण ने कहा – मैंने बचपन में इसे बहुत सुना है. मैं बचपन में थोड़ा फेमनिन था और इस वजह से मुझे स्कूल में इसे सुनना पड़ता था. इसी बोझ के साथ में घर लौटता था । करण ने इसके दौरान ये भी कहा था कि देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि 377 की वजह से एकसे लोगों को बार-बार प्रताड़ित न होना पड़े ।

LGBT समुदाय में जश्न
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला LGBT कम्यूनिटी के लिए बहुत बड़ा दिन है । समुदाय से जुड़े लोग जश्‍न मना रहे हैं, एक बड़ा तबका आज ऐसे लोगों को स्‍वीकार करता है जो समलैंगिक हैं या ऐसे संबंधों में रह रहे हैं । हालांकि कट्टपंथी आज भी इसके विरोध में झंडा बुलंद किए हुए हैं । सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ ऐसे लोगों में नाराजगी भी है ।