इंदिरा गांधी की इच्‍छा पर ‘मैं किसी का गुलाम नहीं’ बोलकर ले लिया था किशोर कुमार ने पंगा, हो गए थे बैन

देश में इमरजेंसी के हालात थे, ऐसे समय में भी किशोर कुमार ने इंदिरा गांधी के आदेश को ना मानकर बड़ी मुसीबत मोल ले ली थी । उनके गाने तक सब जगह से बैन कर दिए गए थे ।  

New Delhi, Aug 4 : सिंगिंग के साथ एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लेने वाले किशोर कुमार इंडस्ट्री में बतौर एक्टर एंटर हुए थे । उनकी पहली फिल्‍म ‘शिकारी’ 1946 में रिलीज हुई थी । इस फिल्म में किशोर दा के बड़े भाई अशोक कुमार लीड रोल में थे । इसके बाद हुई उनके सिंगिंग करियर की शुरुआत । किशोर कुमार ने पहली बार गाया था 1948 में, फिल्‍म नाम था ‘जिद्दी’ और ये उस जमाने के सुपरस्‍टार देव आनंद की फिल्‍म थी । किशोर कुमार मस्‍तमौला इंसान बताए जाते हैं । तभी तो एक समय ऐसा भी आया था जब उन्‍होने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी पंगा ले लिया था ।

4 अगस्‍त को हुआ जन्‍म
किशोर कुमार का आज जन्‍मदिन है, मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में जन्मे किशोर कुमार ने हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री को एक से बढ़कर एक गाने दिए । उनके गाने थिरकने पर मजबूर करते हैं तो वहीं आंखों में आंसू भी ला देते हैं । उन्‍होने एक से बढ़कर एक हिट गाने दिए, पूरी हिंदी फिल्‍म इंउस्‍ट्री उनकी गायन कला की दीवानी थी ।  लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनके गानों को बैन कर दिया गया था।

आपातकाल का समय
1975 में जब इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगा दिया था तो इसके शिकार किशोर कुमार को भी होना पड़ा । किशोर कुमार अपने मन के पक्‍के थे, उनसे कोई भी ऐसा काम नहीं करवाया जा सकता था जो वो नहीं करना चाहते थे । ऐसे में इंदिरा गांधी के आपातकाल समय में उनसे सरकार की ओर से कुछ करने का आदेश दिया गया । उन्‍होने सरकारी आदेशों को अपने उसूलों के खिलाफ समझाया और इन्‍हें मानने से इनकार कर दिया । नतीजा ये हुआ कि उस दौरान उनके गाने ही बैन कर दिए गए ।

कांग्रेस सरकार ने ये करने को कहा
उस समय देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी । इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं ।  आपातकाल के दौरान कांग्रेस चाहती थी कि उनकी सरकारी योजनाओं की जानकारी किशोर कुमार अपनी आवाज में गाना गाकर लोगों को सुनाएं । दरअसल उस दौर में किशोर कुमार की आवाज जन जन के बीव काफी मशहूर थी । ऐसे में उनकी आवाज में अगर ये योजनाएं लोगों तक पहुंचती तो सरकार को ज्‍यादा लोगों तक पहुंचने का मौका मिल पाता । इसलिए उन्‍होने किशोर कुमार से संपर्क किया ।

किशोर ने ठुकराया प्रस्‍ताव
उस दौरान सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला थे । किशोर कुमार के पास संदेशा भिजवाया गया कि वो इंदिरा गांधी के लिए गीत गाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकारी योजनाओं को सुन सकें और इंदिरा गांधी को समझ सकें । लेकिन किशोर कुमार ने ऐसा करने से बिलकुल मना कर दिया । उन्‍होने संदेश देने वाले से पूछा कि ऐसा करने को किसने कहा है । जब उन्‍हे पता चला ये सरकारी आदेश है तो उन्‍होने साफ इनकार कर दिया ।

बैन कर दिए गए किशोर कुमार
किशोर कुमार आदेश देने की बात सुनकर भड़क गए और उन्होंने संदेश देने वाले को पहले तो डांटा और फिर ऐसा करने से मना कर दिया । जब ये बात कांग्रेस तक पहुंची तो उन्होंने किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिए । यह बैन 3 मई 1976 से लेकर आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा । सरकार किशोर कुमार से इतने नाराज थे कि गाने कहीं भी नहीं चलने दिए गए ।

किशोर कुमार ने ये कहा था
अपनी धुन के पक्के माने जाने वाले किशोर कुमार ने एक बार बातों – बातों में कहा था, ‘कौन जाने वो क्यों आए लेकिन कोई भी मुझसे वो नहीं करा सकता जो मैं नहीं करना चाहता। मैं किसी दूसरे की इच्छा या हुकूम से नहीं गाता।’ वाकई ये पढ़कर तो साफ हो जाता है कि किशोर कुमार अपने उसूलों के कितने पक्‍के थे । 62 साल की उम्र में एक दिन किशोर दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन उनकी यादें उनके गानों के रूप में आज भी जिंदा हैं ।