संजय लीला भंसाली ने कर दी सबसे बड़ी गलती, फंस गए 180 करोड़ रूपये

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पद्मावती के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने एक ऐसी गलती कर दी है, जिसके कारण 180 करोड़ में बनी ये फिल्म मुश्किल में फंस गई है। क्या है वो गलती पढ़िए

New Delhi, Nov 19: बॉलीवुड में इन दिनों केवल एक ही बात को लेकर चर्चा हो रही है, क्या पद्मावती फिल्म रिलीज होने पाएगी, जिस तरह से फिल्म का विरोध हो रहा है, जो लगातार उग्र होता जा रहा है उस से फिल्म की रिलीज पर तलवार लटक रही है। इन सबके बीच में फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने एक बहुत बड़ी गलती कर दी है. जिसके कारण 180 करोड़ रूपये दांव पर लग गए हैं. फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट नहीं मिला है। उसके बाद भी भंसाली ने ये रिस्क लिया है। जिसके कारण अब फिल्म की रिलीज को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। भंसाली की ये गलती उनको बहुत भारी पड़ सकती है।

सेंसर बोर्ड पर बना रहे दबाव
ये बात सामने आई है कि संजय लीला भंसाली अपनी फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड पर दबाव बना रहे हैं। सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी ने इस बात को माना है कि उन पर दबाव पड़ रहा है कि वो पद्मावती को सर्टिफिकेट देने में जल्दी करें। जबकि इस फिल्म के दस्तावेज पूरे नहीं हैं। इसी कारण कहा जा रहा है कि अब फिल्म को सर्टिफकेट मिलने में दिक्कत आ सकती है।

क्या है भंसाली की गलती
पहले आपको ये बता दें कि भंसाली की वो गलती क्या है जिसके कारण 180 करोड़ रूपये में बनी ये फिल्म फंस सकती है। दरअसल सर्टिफिकेट के लिए जब निर्माता दस्तावेज देते हैं तो उस में फिल्म के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। पद्मावती के जो दस्तावेज दिए गए उनमें ये नहीं बताया गया है कि ये फिल्म एतिहासिक है या फिर कल्पना है। फिल्म के निर्माताओं ने इस कॉलम को खाली छोड़ दिया है।

सेंसर बोर्ड ने लौटाई फिल्म
अधूरे दस्तावेज के कारण ही सेंसर बोर्ड ने पद्मावती को लौटा दिया है। संजय लीला भंसाली को अब फिर से दस्तावेज जमा कराने होंगे। खास बात ये है कि फिल्म को लेकर विवाद यहीं से शुरू हो रहा है कि ये कल्पना है या फिर एतिहासिक है। फिल्म को ऐतिहासिक बताते हैं तो फिल्म के निर्माताओं को कई जवाब देने होंगे और अगर फिक्शन बताते हैं तो विरोध और तेज हो जाएगा।

अधूरा पेपर वर्क क्यों जमा किया
सवाल ये भी खड़ा होता है कि पद्मावती के निर्माताओं ने अधूरा पेेपर वर्क सेंसर बोर्ड में जमा क्यों किया। जबकि वो खुद ये मान रहे हैं कि दस्तावेज पूरे नहीं हैं। सेंसर बोर्ड चीफ प्रसून जोशी ने कहा कि ये साफ नहीं हो पा रहा है कि फिल्म फिक्शन है या फिर एतिहासिक तथ्यों के आधार पर बनाई गई है। यही कारण है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को लौटा दिया।

सेंसर बोर्ड पर ही आरोप
हैरानी इस बात की है कि फिल्म पद्मावती के निर्माता सेंसर बोर्ड पर ही आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि बोर्ड फिल्म को पास करने में देरी कर रहा है। इस से भी प्रसून जोशी नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि फिल्म को सर्टिफिकेट देने की एक प्रक्रिया होती है. ये फिल्म उस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर रही है। इसलिए उसे वापस कर दिया गया है।

प्राइवेट स्क्रीनिंग पर बवाल
एक और विवाद जो पद्मावती को लेकर खड़ा हो गया है वो इसकी प्राइवेट स्क्रीनिंग को लेकर है। दरअसल फिल्म को सेंसर बोर्ड से बिना सर्टिफिकेट मिले ही इसकी प्राइवेट स्क्रीनिंग आयोजित करवा दी। फिल्म को कुछ संपादकों को दिखाया गया। इस पर भी सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई है। बोर्ड का कहना है कि जिस तरह से फिल्म के रिव्यू आ रहे हैं उस से कोई नहीं कहेगा कि ये प्राइवेट स्क्रीनिंग थी।

विरोध हुआ तेज
पद्मावती लगातार उलझनों में घिरती जा रही है। सेंसर बोर्ड के साथ विवाद के अलावा फिल्म को लेकर करणी सेना ने उग्र रुख अपनाया हुआ है। राजस्थान में तो फिल्म का जोरदार विरोध हो ही रहा है, अब ये देश के दूसरे हिस्सों में भी फैल रहा है। यहां तक कि चित्तौड़गढ़ का किला भी विरोध के कारण पर्यटकों के लिए बंद करना पड़ गया है। ऐसे में फिल्म की रिलीज मुश्किल होती जा रही है।