ग्लैमर की दुनिया में वही चलता है जो बिकता है, जो बिकता नहीं उसका सितारा कब डूब जाता है किसी को पता भी नहीं चलता । क्या आपको रामायण के राम याद हैं ?
New Delhi, Jan 13 : रामायण के राम, बस ये तीन शब्द कहिए और आपके दिमाग में जो छवि उभरेगी वो होगी मुस्कुराते हुए अरुण गोविल नाम के एक्टर की जो भगवान राम की वेशभूषा में आपकी ओर एक मधुर मुसकान से देख रहे होंगे । रामायाण के इतने मजबूत किरदार को करने वाले अरुण गोविल अपने इस एक रोल से मायानगरी में हमेशा के लिए याद किए जाएंगे लेकिन ये भी उतना ही सच है कि इस एक किरदार ने ही उन्हें कुछ और करने लायक नहीं छोड़ा । उनका करियर बस रामायण के राम के रूप में ही खत्म हो गया और अमर हो गया ।
60 साल के हुए अरुण गोविल
अरुण गोविल 60 साल के हो चुके हैं, इसी साल 12 जनवरी को उन्होने अपनी लाइफ के 60 बसंत पूरे कर लिए हैं । टीवी इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर शो रामायण के राम के रूप में जाने जाने वाले अरुण गोविल आज कहां है, किस गुमनामी में रह रहे हैं कोई जानना नहीं चाहता । इस सीरियल के अलावा उनके पास ऐसा कोई भी काम नहीं है जिसकी यादें लोगों के जहन में जिंदा हो । इस सीरियल के बाद दर्शकों ने उन्हें किसी और किरदार में स्वीकारा ही नहीं ।
रामायण से पहले किया विक्रम बेताल
रामयण के राम बनने से पहले अरुण गोविल को रामानंद सागर के ही एक सीरियल विक्रम बेताल में राजा विक्रम के किरदार के लिए फाइनल किया गया था । इस सीरियल में अरुण गोविल ने अपने शांत और बेहतरीन अदाकारी से राजा विक्रमादित्य के किरदार को पर्दे पर सजीव कर दिया । अरुण गोविल इस सीरियल के जरिए पहचाने जाने लगे । इसी के बाद उन्हें रामानंद सागर के अगले सीरियल रामायण में कास्ट किया गया ।
1977 में की पहली फिल्म
एक्टिंग की ओर अरुण गोविल का रुझान बचपन से ही था । स्कूल के दिनों में कई नाटकों में शामिल होने वालों में अरुण साथी छात्रों में सबसे आगे हुआ करते थे । उनके डेडिकेशन ने उन्हें फिल्मों का रास्ता भी सुझाया । साल 1977 में अरुण फिल्म ‘पहेली’ में नजर आए, नया चेहरा होने के चलते फिल्म इतनी नहीं चल पाई । लेकिन एक अच्छी बात हुई कि उनकी मुलाकात रामनंद सागर से हो गई, इसके बाद इन्हें विक्रम का किरदार मिला ।
ऐसे मिला रामायण में राम का रोल
विक्रम बेताल की अपार सफलता से उत्याहित अरुण गोविल को जेब रामनांद सागर ने रामायण के राम बनने का प्रस्ताव दिया तो उन्होन फैरन इसके लिए हामी भर दी । वो जानते थे कि इस किरदार को उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता । लेकिन शायद तब वो ये नहीं जानते थे कि ये किरदार उनकी जिंदगी का ऐसा किरदार बन जाएगा जिससे वो कभी बाहर ही नहीं निकल पाएंगे ।
सेट पर आशीर्वाद लेने आ जाते थे लोग
अरुण गोविल ने इस किरदार को पर्दे पर निभाया ही नहीं बल्कि राम के रूप में इस किरदार को पर्दे पर जीवित कर दिया। 1987 में आए इस सीरियल को देखकर लोग उन्हें ही भगवान राम समझने लगे थे । 21वीं सदी की फिल्मी दुनिया में ये बात भले यकीन ना की जा सके लेकिन 80 के दशक में लोग अरुण गोविल से आशीर्वाद लेने उनके सेट तक पहुंच जाया करते थे । उनके प्रति लोगों की दीवानगी नहीं बल्कि भक्ति का भाव देखा जाता था ।
30 साल बाद भी टूटी नहीं छवि
एक किरदार में बंधे रहना किसी भी अभिनेता के लिए सरल नहीं है, और जब बात अरुण गोविल की हो तो उन्होने निजी जीवन में इस किरदार की वजह से काफी नुकसान भी झेलने पड़े । इस सीरियल को टेलीकास्ट हुए 30 साल गुजर चुके हैं लेकिन अरुण गोविल आज भी भगवान राम के रूप में ही याद किए जाते हैं । उनकी छवि आज भी राम भगवान के रूप में ही लोगों द्वारा देखी जाती है ।
9 से 10 लग गए वापस आने में
एक साल और 78 एपिसोड वाले रामायण के बाद अरुण गोविल आत्मविश्वास से भर चुके थे । उन्हें लग रहा था कि अब वो इंडस्ट्री में और अच्छा काम कर सकेंगे । लेकिन उनका ये भ्रम धीरे-धीरे टूटने लग गया । लोगों ने उन्हें किसी भी दूसरे किरदार में स्वीकारने से इनकार कर दिया । खबरों के मुताबिक किसी फिल्म में रोमांटिक सीन करने के चलते उनका विरोध किया गया था, यहां तक कि उनके घर पर पत्थर तक फेंके गए थे । लागातर फ्लॉप रहने के बाद अरुण इंडस्ट्री से गायब हो गए । करीब 10 सालों बाद वो दोबारा नजर आए ।
टीवी प्रोडक्शन कंपनी चलाते हैं अरुण
अरुण गोविल आजकल क्या कर रहे हैं, ये उनके फैन्स जरूर जानना चाहते होंगे । हम आपको बताते हैं, कुछ समय पहले अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होने अपनी टीवी प्रोडक्शन की कंपनी शुरू की है । जो छोटे-छोटे कार्यक्रम बनाती है । उनके ज्यादातर प्रोग्राम दूरदर्शन पर दिखाए जाते हैं । एक एक्टर के तौर पर काम करने आए अरुण आज एक प्रेाडक्शन कंपनी चलाते हैं ।