काली हल्‍दी खाने के फायदे, एक बार जरूर आजमाएं, सेहत को स्‍ट्रॉन्‍ग बनाएं

काली हल्‍दी, क्‍या आपने इसके बारे में पहली बार सुना है । अगर हां तो आगे जानिए इससे जुड़े ऐसे फैक्‍ट्स जो अच्‍छी सेहत के लिए जानने जरूरी हैं ।

New Delhi, Dec 01 : काली हल्‍दी का इस्‍तेमाल तंत्र विद्या में किया जाता है । लेकिन इसका प्रयोग खाने में भी करते है । ये एक आयुवेर्दिक औषधि है जिसका प्रयोग सुगंध बनाने में भी किया जाता है । मूलत: ये पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, ओडिशा,नॉर्थ –ईस्‍ट, उत्तरप्रदेश में उगाई जाती है । ये एक खुशबूदार जड़ी बूटी है जिसका प्रयोग कई तरह के उपचार में किया जाता है । त्‍वचा से जुड़े रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है । आगे जानिए काली हल्‍दी के ऐसे फायदे जो आपको हैरान कर देंगे ।

ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव
जोड़ों में दर्द और जकड़न की परेशानी को दूर करने में काली हल्‍दी का प्रयोग किया जाता है । प्राचीन समय में इसका प्रयोग जोड़ों की समस्‍याPain से जुड़ी दवाएं बनाने में होता था । ऑस्टियो ऑर्थराइटिस में जोड़ों में मौजूद आर्टिकुलर कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है । काली हल्दी में इससे निपटने वाला तत्‍व इबुप्रोफेन पाया जाता है, इसीलिए इसका इस्‍तेमाल करने से पुराने से पुराना ऑस्टियोआर्थराइटिस का दर्द भी ठीक किया जा सकता है।

स्किन एलर्जी
कई लोगों को त्‍वचा में खुजली की समस्‍या होती है । साफ-सुथरा रहने के बाद भी खुजली जाती नहीं । दरअसल अकसर ये प्रॉब्‍लम तब होती है जब प्रॉब्‍लम ब्‍लड में आती है । इससे बचने के लिए काली हल्‍दी का प्रयोग लाभदायक है । इसमें इन्फ्लैमटॉरी गुण होते हैं जो त्वचा की खुजली और दूसरी स्किन प्रॉब्‍लम को ठीक कर देता है । ये ब्‍लड को शुद्ध करता है और फायदा पहुंचाता है ।

शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना
दो से तीन चम्‍मच दूध में काली हल्‍दी का पाउडर मिलाकर रुई से त्‍वचा पर अप्‍लाई करें । इसे 15 मिनट के लिए स्किन पर लगे रहने दें । ऐसा करने से स्किन पर पड़े लाल चकत्‍ते कम होने लगेंगे । दिन में दो से तीन बार इस प्रकिया को दोहराएं । काली हल्‍दी को इस तरह लगाने से त्‍वचा भी अच्‍छी हो जाती है , निखार और चमक भी आती है । काली हल्‍दी मुहांसों को जड़ से मिटाने में असरदार है ।

पीरियड प्रॉब्‍लम
जिन महिलाओं को माहवारी की समस्‍या है, उनका चक्र नियमित नहीं है, माहवारी के समय दर्द रहता है या फिर दूसरी किसी प्रकार कीappendix pain समस्‍या है उन्‍हें काली हल्‍दी का सेवन जरूर करना चाहिए । दूध में काली हल्‍दी का पाउडर बनाकर पीने से पीरियड से जुड़ी प्रॉब्‍लम दूर होती है । दर्द में भी आराम मिलता है । महिलाओं की गर्भावस्‍था के समय भी ये हल्‍दी वाला दूध फायदेमंद साबित होता है ।

 पेट में दर्द, अल्‍सर की समस्‍या
काली हल्‍दी का सेवन आपके पेट के लिए वरदान है । इसका सेवन करने से गुड बैक्‍टीरिया का सही मात्रा में निर्माण होता है । जिसकी वजह सेappendix pain डायजेशन एकदम परफेक्‍ट रहता है । पेट में एसिड की प्रॉब्‍लम नहीं होती, जिसके चलते भविष्‍य में अल्‍सर की संभावना ही नहीं रहती । जिन्‍हे ऑलरेडी अल्‍सर की प्रॉब्‍लम है वो इसका सेवन करके इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं । लेकिन डॉक्‍टर से सलाह किए बिना नहीं ।

आंतों का कैंसर
काली हल्‍दी में करक्युमिन नाम का एक महत्‍वपूर्ण तत्‍व पाया जाता है ये आंतों में फैलने वाले कैंसर से लड़ने में सक्षम होता है । इसका नियमित सेवन आंतों को स्‍वस्‍थ रखता है और कोलेान कैंसर के खतरे को कम करता है । डॉक्‍टर्स के मुताबिक करक्युमिन का सेवन सूजन से परेशान मरीज के लिए फज्ञयदेमंद हो सकता है । काली हल्‍दी का प्रयोग बिना जानकारी लिए करना नुकसान भी दे सकता है, इसलिए इसे बिना सलाह के बिलकुल ना लें ।

लंग्‍स रहेंगे हैल्‍दी
काली हल्‍दी का प्रयोग आयुर्वेद में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया जैसी बिमारियों के उपचार में किया जाता है । हल्‍दी की गांठ को पानी में धोकर इसका रस बनाकर पीने से आराम मिलता है । इसे पीने से खांसी की प्रॉब्‍लम एकदम दूर हो जाती है । हल्‍दी में मौजूद तत्व कैंसर की प्रॉब्‍लम में अचूक असर करते हैं । ये फेफड़ों में होने वाली किसी भी समस्‍या को पहले से ही भांप कर ठीक करना शुरू कर देता है ।

एलर्जी की संभावना
यदि आप किसी भी वस्‍तु से एलर्जिक हैं तो काली हल्‍दी का सेवन बिना सलाह के ना करें । इसमें मौजूद तत्‍व आपको एलर्जी दे सकते हैं, गॉलब्‍लैडर को नुकसान भी हो सकता है । एक दिन में 500 मिलीग्राम से ज्‍यादा हल्‍दी का सेवन स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से सही नहीं माना जाता । इसे अधिक खाने से सूजन की समस्‍या हो सकती है । ध्‍यान रहे इसका प्रयोग आप तभी करें जब आपको इसे लेने की सलाह किसी से मिले ।