क्‍या आप जानते हैं, अखबार में लपेटकर आप कैंसर को दावत दे रहे हैं ?

सड़क पर मिलने वाले खाद्य पदार्थ अकसर अखबार में लपेटकर बेचे जाते हैं, क्‍या आप जानते हैं इन्‍हें इस प्रकार से खाना आपके लिए जानलेवा हो सकते हैं । बहुत जरूरी ये जानकार आगे पूरी पढ़ें ।

New Delhi, Sep 19 : बाजार में अकसर ठेली पर मिलने वाला चटपटा खाना हमें आकर्षित करता है । गरम जलेबी हो या गरमा गरम पकौड़े, भुजिया हो या झाल मूड़ी, बेड पकौड़ हों या वड़ा पाव, सब कुछ अखबारों के टुकड़ों में रखकर परोसा जाता है । नो डाउट ये सभी चीजें बहुत ही स्‍वादिष्‍ट होती है । लेकिन क्‍या आप जानते हैं, खाने का स्‍वाद तो बढ़ जाता है लेकिन स्‍वाद के साथ अखबार के रसायन भी आपके पेट में जा रहे हैं । आगे जानें अखबार में लपेटा हुआ खाना आपको किस तरह से जानलेवा बीमारी दे सकता है ।

अखबार की कैमिकल छपाई
अखबार पर रखकर पसंदीदा नाश्ते को चटकारे लेकर खाने वाले लोगों को सावधान हो जाना चाहिए ।  कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि अखबार पर खाना रखते ही वह मानव शरीर के लिए जानलेवा जहरीला हो जाता है । इसके पीछे जो वजहें  बताई गई हैं वो चौंकाने वाली है । आपको बता दें अखबार की छपाई मुख्यतः डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट और डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैस खतरनाक केमिकल्स से होती है । ये केमिकल्स शरीर के अंदर जाते ही कई तरह के रोगों को पैदा करते हैं ।

ये स्‍याही है जानलेवा
अखबरों का प्रयोग सर्विंग में ऐसी जगहों पर ही होता है जो जगहें छोटे स्‍तर पर खाने-पीने का सामान बेच रही होती हैं । भीड़ से भरी इन जगहों पर अखबार सबसे सस्‍ता और सुलभ साधन हे सामान को सर्व करने और उन्‍हें लपेटकर पैक करने का । अखबार पर गर्म पकवान रखना सबसे अधिक खतरनाक है। क्योंकि स्याही में घुले खतरनाक रसायन ताप मिलते ही अपने बायोएक्टिव को सक्रिय कर देते हैं। ये बायोएक्टिव तत्व सक्रिय होकर खाने के सामान में घुलने लगते हैं और सीधे हमारे शरीर में चले जाते हैं।

जारी हो चुकी है एडवाइजरी
लोगों की इन आदतों को बदलने और दुकानदारों को सुधारने के लिए भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) बेहद सख्त है। उसने कई बार इससे संबंधित एडवाइजरी भी जारी की है ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। साथ ही दुकानदारों के लिए ऐसा करने पर फाइन का भी प्रावधान है।

इन रोगों का खतरा
अखबार पर रखकर खाने की समस्या केवल दुकानों तक सीमित नहीं है। बल्कि अपने घरों में भी इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है। लोगों में कम जागरूकता होने की वजह से उन्हें पता नहीं है कि इस तरह अखबार पर खाना कितना खतरनाक हो सकता है। शोध में कहा गया है कि इस घातक स्याही के द्वारा लोगों को कैंसर और कई तरह की मानसिक बीमारी हो रही है। बच्चों पर इसका प्रभाव तेजी से पड़ता है और ये अखबार उन्हें मंद बुद्धि भी बना सकता है।

इन चीजों का करें प्रयोग
हमें चाहिए कि अखबार की जगह सफेद कागज का इस्तेमाल करें या फिर एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल भी कारगर होगा। साथ ही ध्यान रखें कि अगर अखबार पर खा भी रहे हैं तो गर्म सामान रखकर कतई न खाएं। ज्यादा तेल में बनी हुई चीजों का इस्तेमाल अखबार पर रखकर न करें।
(जानकारी इंटरनेट पर मौजूद रिसर्च पर आधारित)