दूब घास के चमत्कारी फायदे, यौन रोग समेत एक दर्जन बीमारियों में रामबाण

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दूब घास का प्रयोग पूजा और कर्मकांडों में किया जाता है, लेकिन इसी के साथ ये कई तरह के रोगों में रामबाण औषधि का काम करती है आयुर्वेद में इसे महाऔषधि कहा गया है।

New Delhi, Mar 05: आपने अक्सर देखा होगा कि घर में कोई पूजा हो तो दूब घास की खोज की जाती है, बेहद कोमल और मुलायम इस घास को गणेश भगवान को अर्पित किया जाता है, लेकिन अगर आप ये सोचते हैं कि दूब का प्रयोग केवल पूजा और कर्मकांडों में ही किया जाता है तो गलत सोचते हैं, आयुर्वेद में दूब का महाऔषधि माना गया है। इस के अंदर कई गुण होते हैं जो सेहत के लिए बहुत जरूरी होते हैं, ये कई तरह की बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकते हैं।  हम आपको बताएंगे कि दूब से क्या क्या फायदे हो सकते हैं, आप भी आजमा कर देखिए, इस में कोई हर्ज नहीं है।

कई रोगों में रामबाण
दूब घास कई तरह के रोगों में रामबाण साबित होती है, जैसे यौन रोग, लीवर रोग, कब्ज के उपचार में ये बहुत फायदेमंद साबित होती है। दूब की जड़ें, तना, पत्तियां सभी को आयुर्वेद में असाध्य रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता रहा है। हम इसके फायदे के बारे में आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं, इसे आजमा कर देखिए, फर्क आपको खुद समझ आ जाएगा।

दूब में कई मिनरल्स होते हैं
सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि दूब का स्वाद कसैला-मीठा होता है इस में कई तरह के मिनरल पाए जाते हैं, जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, पोटाशियम. ये कई तरह के पित्त और कब्ज के रोगों को दूर करने में सक्षम होते हैं। इसी के साथ दूब घास पेट के रोगों, यौन रोगों, लीवर रोगों के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

कैसे करें प्रयोग
आयुर्वेद के जानकार बताते हैं कि सिर दर्द में दूब और चूने को एक समान मात्रा में लेकर पानी में पीसें और इसका लेप माथे पर लगाए, इस से फायदा होगा. इसी तरह दूब को पीसकर पलकों पर लगाने से नेत्र रोगों में लाभ होता है, आंखों में गंदगी आने की समस्या भी खत्म हो जाएगी। नकसीर होने पर अनार के फूलों के रस को दूब के रस के साथ या फिर हरड़ के साथ मिलाकर 1-2 बूंद नाक में डालने से आराम मिलता है।

बवासीर में आराम
दूब के रस के कुल्ला करने पर मुंह के छालों की समस्या भी खत्म हो जाती है। इसी तरह पेट से संबंधित रोग में 5 मिली दूब का रस पिलाने से लाभ होता है। दूब का ताजा रस पुराने अतिसार और पतले अतिसारों में लाभदायी होता है। दूब को सोंठ और सौंफ के साथ उबालकर पिलाने से आम अतिसार भी खत्म हो जाता है। दूब के पत्तों को पीस कर बवासीर पर लेप करने से लाभ होता है। इसी तरह घृत को दूब स्वरस में भली-भांति मिला कर अर्श के अंकुरों पर लेप करें साथ ही शीतल चिकित्सा करें, रक्तस्त्राव शीघ्र रुक जाएगा।

पथरी का शानदार इलाज
अगर आप पथरी की समस्या से परेशान हैं तो दूब घास का प्रयोग करें, दूब को 30 मिली पानी में पीसें और इसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से पथरी में लाभ होता है। इसके अलावा दूब को मिश्री के साथ मिला कर फिर छानकर पिलाने से पेशाब के साथ खून आना बंद हो जाता है। 1 से 2 ग्राम दूब को दुध में मिला कर पीस लें, उसे पीने से मूत्रदाह मिट जाता है।

दूब घास के कई फायदे
इतना ही नहीं दूब के कई और भी फायदे हैं, यौन रोगों के लिए ये फायदेमंद होती है, गर्भपात की समस्या है या फिर वीर्य को ताकतवर बनाना है, इन सबके के लिए दूब का प्रयोग किया जा सकता है, ये कुछ घरेलु नुस्खे हैं, इनको आजमाने से पहले एक बार आयुर्वेद के जानकार से सलाह जरूर ले लें। सबसे खास बात ये है कि दूब का नुकसान कुछ नहीं है, जिसे साइड इफेक्ट कहते हैं।