महिलाओं के लिए 30 के बाद की उम्र संवेदनशील मानी जाती है । इस उम्र के बाद महिलाओं को अपना खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है । कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें उन्हें बिलकुल इग्नोर नहीं करना चाहिए ।
New Delhi, Feb 25 : एक महिला के लिए 30 की उम्र कई खास बदलाव लिए हुए नहीं आती । ज्यादातर महिलाएं इस उम्र तक सेटल हो चुकी होती हैं । घर-परिवार, नौकरी और बच्चे सब कुछ संभालने में वो पारंगत हो जाती हैं । लेकिन इस उम्र में ऐसी और क्या बात है कि आपको एक विशेष तरह के टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है । परेशान ना हों, हम आपको बताते हैं, ये टेस्ट कौन् सा है और इसे क्यों कराना हर महिला के लिए जरूरी है ।
पैप स्मीयर टेस्ट
जी हां पैप स्मीयर टेस्ट, याद कीजिए आपने इस टेस्ट के बारे में कहीं ना कहीं तो जरूर पढ़ा होगा ।किसी मैगजीन में या फिर किसी न्यूज पेपर में या फिर अपनी किसी सहेली से आपने इस टेस्ट के बारे में जरूर सुना होगा । डॉक्टर 30 साल के बाद की हर महिला को ये टेस्ट कराने की सलाह देते हैं । दरअसल ये टेस्ट महिलाओं को भविष्य में होने वाले कैंसर के एक बड़े खतरे से बचाता है ।
कैसे होता है पैप स्मीयर टेस्ट?
टेस्ट एक पीड़ाहीन प्रकिया है । इस टेस्ट में एक राउंड स्पैचुला को गर्भाशय की बाहरी परत के ऊप्र धीरे-धीरे घिसा जाता है । इसके बाद स्पेचुला पर जमा हुए सेल्स की जांच की जाती है । जाना जाता है कि इन सेल्स में कोई अबनॉर्मल सेल तो नहीं या फिर कोई नया सेल तो नहीं बन रहा है । कोशिकाओं में किसी भी तरह के परिवर्तन को इस टेस्ट के जरिए जाना जा सकता है ।
यूटरस कैंसर का बढ़ता खतरा
पैप स्मीयर टेस्ट यूटरस कैंसर यानी गर्भाशय के कैंसर को जांचने का सबसे सरल और कारगर तरीका है । 30 की उम्र में इसे करना इसलिए जरूरी बताया जाता है क्योंकि इस उम्र तक आते-आते महिलाएं वर्जिन नहीं रहतीं । पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिलाओं की शारीरिक अवस्था बदल जाती है । 30 के बाद इस टेस्ट के जरिए कैंसर के शुरुआती खतरे को भांपकर ही इसे बहुत पहले ही जड़ से खत्म किया जा सकता है ।
इनफेक्शन से शुरू होता है कैंसर
यूटरस में कैंसर एक इनफेक्शन से शुरू होता है । इसे एचपीवी इनफेक्शन कहते हैं । एक बार येइन्फेक्शन होने के बाद करीब 5 से 8 साल में ये एक्टिव होना शुरू होता है । यूटरस के मुहाने पर ये एक दाने की तरह बन जाता है । महिलाएं जब भी अपने पार्अनर के साथ संबंध बनाती है तो इससे ब्लीडिंग होने लगती है । ये इनफेक्शन धीरे-धीरे बढ़ता है, जिसे इस टेस्ट के जरिए पता लगाया जा सकता है । पिछले 5 से 6 सालों में यूटरस कैंसर के मामले बढ़े ही हैं । पैप स्मीयर टेस्ट के जरिए गर्भशय की अवस्थ का पता चल जाता है और अगर परेशानी हो तो समय रहते उसका निदान भी हो पाता है ।