कैंसर सुनते ही कलेजा मुंह को आ जाता है, आंखों के आगे मौत नाचने लगती है … लेकिन इस डर से समय रहते बचा जा सकता है । अपनी डायट में अंगूर को शामिल करके …
New Delhi, Feb 20 : कैंसर की बीमारी अपने साथ लेकर आती है मौत का अनजाना डर । एक ऐसा डर जो इंसान की उम्मीदों को तोड़ देता है । जीने की ख्वाहिशों को खत्म कर देता है । पेनफुल इलाज, उसके साइड इफेक्ट्स … यही सब ख्याल दिल में आने लगते हैं । लेकिन क्या कैंसर को होने से रोका जा सकता है । क्या कुछ ऐसा है जो भविष्य में कैंसर के खतरे को रोक सके । बिलकुल है, वैज्ञानिकों ने एक चमत्कारी फल ढूढ़ निकाला है जो कैंसर की संभावनाओं को रोक सकता है ।
अंगूर के बीज:कैंसर की दवा
कैंसर पेशेंट्स पर करीब 25 साल के लंबे रिसर्च के बाद कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के मेडिकलफिजिक्स एंड साइकोलॉजी के सीनियर प्रोफेसर डॉ. हर्डिन बी जॉन्स के मुताबिक कैंसर का इलाज बेहद पीड़ादायी होता है । इसके इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली कीमोथैरेपी, कैंसर से पीड़ित मरीज को एक दर्दनाक मौत की तरफ ले जाती है …. जबकि इसके उलट अगर तरीके प्राकृतिक हों तो नतीजे अच्छे आने की उम्मीद की जा सकती है । हाल ही में हुई एक रिसर्च में अंगूर के बीजों को कैंसर की दवा के रुप में मददगार होने की बात सामने आई है ।
कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है
रिसर्च कहती है कि अंगूर के बीजों का अर्क, कैंसर के सभी प्रकारों को पॉजिटिवली सही करने में मददगार साबित होता है । यह बात साबित हो चुकी है कि अंगूर के बीज सिर्फ 48 घंटे में हर तरह के कैंसर को लगभग 75 फीसदी तक रेडिएट करने में असरदार हैं । इस कैंसर रिसर्च के मुताबिक अंगूर के बीजों में पाए जाने वाले तत्व कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है । इसीलिए इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में करना कारगर है । और इसी वजह से महज 48 घंटों में अंगूर इन कैंसर सेल्स पर काम करना शुरू कर देता है और करीब 75 फीसदी तक सफलता भी प्राप्त कर लेता है ।
अंगूर : एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना
अंगूर कैंसर से तो लड़ता ही है साथ ही ये सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद बताया गया है । अंगूर में Fat नहीं होता, इसमें ढेर सारा विटामिन ई मिलता है साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट्स का भी खजाना है । अंगूर के बीज से तेल भी बनाया जाता है, जो काफी हैल्दी होता है । वैज्ञानिकों के मुताबिक अब कैंसर से बहुत ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है । कई तरह के कैंसर जहां मौजूद हैं तो वहीं कुछ कैंसर को लंबे समय तक जानलेवा होने से रोका जा सकना भी अब संभव हो गया है । 90 फीसदी से ज्यादा कैंसर मरीजों का पहले ही चरण में इलाज संभव बस जरूरत है मरीज के जागरूक होने की ।