जानिए परिवार नियोजन के प्राकृतिक तरीके, कॉन्‍ट्रासेप्टिव पिल्‍स के नुकसान से भी बचाएंगे

गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं । इन सबसे बचने के लिए आप पिल्‍स की जगह कुछ पाकृतिक खान-पान का प्रयोग कर सकती हैं ।

New Delhi, Jan 21 : परिवार नियोजन के कई तरीकों में से एक हैं कॉन्‍ट्रासेप्टिव पिल्‍स । इन्‍हें लेना आसान हे, बस समय पर खाइए और टेंशन फ्री हो जाइए । लेकिन, क्‍या आप जानती हैं ये पिल्‍स आपको अंदर से कमजोर और बीमार भी कर सकती हैं । पिल्‍स में मौजूद हाई कैमिकल्‍स गर्भ होने से तो रोकते ही हैं साथ ही आपके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी लाते हैं । जैसे मोटापा, मासिकस्‍त्राव अधिक होना, चिडचिड़ाहट, सिरदर्द, तनाव आदि । अगर आप भी इन सब कॉम्प्लिेकेशन्‍स से जूझ रही हैं तो पिल्‍स छोडि़ए और कुछ प्राकृतिक चीजों पर भरोसा करके देखिए । ये जानकारी रिसर्च के आधार पर दी जा रही है, डॉक्‍टरी परामर्श अनिवार्य है ।

प्राकृतिक गर्भनिरोधन
हमारी प्रकृति कई प्रकार के चमत्‍कारों से भरी पड़ी है । प्राचीन समय में ना तो कॉनट्रासेप्टिव पिल्‍स होती थीं और ना ही किसी और प्रकार केपरिवार नियोजन के साधन होते थे । महिलाओं के बहुत अधिक संख्‍या में बच्‍चे भी होते थे, लेकिन धीरे – धीरे समय बदला और प्राचीन चिकित्‍सकों ने इससे बचने का उपाय प्रकृति में ही ढूढ निकाला । इन चीजों का प्रयोग स्त्रियां काफी समय से करती आ रही हैं । आगे जानिए प्राकृतिक गर्भनिरोधन के इन तरीकों के बारे में ।

पपीता
कभी सोचा आपने घर की बड़ी बुजुर्ग जैसे दादी, नानी प्रेग्‍नेंसी में पपीता का सेवन करने से क्‍यों आपको मना करती हैं । आपने कभी ना कभी किसी ना किसी से तो ये जरूर सुना होगा कि र्भवती होने के दौरान पपीते का सेवन ठीक नहीं होता । जी हां, पीते का सेवन करने से भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है । इसीलिए पपीते का रोजाना सेवन आपको गर्भधारण के खतरे से बचाता है आपको सेहतमंद भी रखता है । सेवन रोज करें, गर्भधारण के चांसेज कम ही रहेंगे ।

अनानास
प्रेग्‍नेंसी में जो दूसरी चीज खाने से मना की जाती है वो है अनानास यानी पाइन एप्‍पल, अनानास में कुछ ऐसे तत्‍व पाए जाते हैं जो नैचुरल कॉन्‍ट्रासेप्टिव का काम करते हैं । इसके नियमित सेवन से मोटापा भी नहीं बढ़ता है । तो अगर आप अभी गर्भधारण नहीं करना चाहती तो खाने के साथ अनानास सैलेड खाने की आदत डाल लें । अनानास का जूस डेली डायट का एक बेहतरीन हिस्‍सा हो सकता है । इसे किसी भी तरह से आप अपनी डायट का हिस्‍सा बना सकते हैं ।

कच्‍चा दूध
गर्भ से बचना चाहती हैं तो कच्‍चे दूध का सेवन शुरू कर दें । गर्भवती महिलाओं के नलए कच्‍चा दूध जहर के समान माना जाता है । इसके सेवन को लेकर हुई रिसर्च कहती है कि ये बच्‍चे की सेहत के लिए अचछा नहीं होता । अगर आप गर्भवती नहीं होना चाहती तो सुबह – सुबह एक गिलास कच्‍चे दूध का गटक लें । ये आपको हेल्‍दी भी रखेगा और गर्भ की टेंशन से छुट्टी भी दिलाएगा ।

सॉर्ड फिश (Sword Fish)
इस मछली में मरकरी पाया जाता है, ये प्राकृतिक गर्भनिरोधन का अच्‍छा तरीका है । संबंध बनाने के बाद जैसे आप आई पिल का सेवन करती हैं वैसे ही सॉर्ड फिश गर्भनिरोधन का काम करती है । ये मछली एक शिकारी मछली है जो कई सारी मछलियों को खाती है । गर्भधारण के बाद इसे खाना बच्‍चे की दिमगी सेहत को नुकसान पहुंचाने जैसा है । इसे खाने से बच्‍चे के नर्वस सिस्‍टम पर बुरा असर पड़ता है ।

लहसुन
लहसुन खाने से रक्‍त पतला होता है और क्‍योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है इसलिए इसका सेवन करने से गर्भ ठहरने के चांसेज काफी हद तक कम हो जाते हें । लहसुन का सेवन आप कैसे करें ये भी जान लीजिए । प्रतिदिन सुबह लहसुन की दो से तीन कलिया कच्‍ची ही पानी के साथ निगल लें । संबंध बनाने के फौरन बाद भी लहसुन की कलियां खा सकती हैं । इस फज्ञयदा आपको जरूर होगा आप गर्भ धारण से बची रहेंगी ।

पीपल
ये एक तरह की आयुर्वेदिक औषधि है जिसे प्राचीन काल में गर्भ ठहरने से रोकने के लिए इसतेमाल किया जाता था । इस विधि में पीपल, सुहागा, और बायबिडंग को बराबर मात्रा में लीजिए अब इसका चूर्ण बनाकर तैयार कर लीजिए । मासिक शुरू होने के पहले दिन से लेकर अगले 7 दिन तक मात्र  6 गा्रम चूर्ण का सेवन पानी के साथ करें । इस नुस्‍खे के साथ ये दावा किया जाता है कि इसे लेने के एक वर्ष बाद तक आपको गर्भ धारण नहीं होता है ।

कटहल का सेवन
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कटहल का सेवन करना शुरू करें । बिना सुरक्षा के संबंध बना रही हैं तो उसके बाद कटहल खाना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा । कटहल में ऐसे तत्‍व पाए जाते हैं जो गर्भ होने से रोकते हैं । गर्भधारण से बचने के लिए आप कटहल का सेवन अचार के रूप में भी कर सकते हैं । हालांकि ये सभी उपाय प्राचीन समय से प्रयोग में लाए जाते रहे हैं लेकिन 100 फीसदी गर्भनिरोधन की गारंटी ये नहीं देते ।