मूंग और मसूर की दाल करते हैं पसंद तो सावधान, ये दालें खाना हुआ जानलेवा, फूड डिपार्टमेंट की चेतावनी

मूंग और मसूर की दाल भारतीयों के खाने का अहम अंग है । लेकिन ये खबर आपको इन दालों को खाने से पहले सौ बार सोचने के लिए मजबूर करेगी । ये खबर इन दोनों दालों को पसंद करने वालों के लिए चेतावनी भरी है ।

New Delhi, Nov 01 : ज्‍यादातर भारतीयों के खाने में मूंग और मसूर की दाल शामिल होती है । दोनों ही दालें स्‍वाद में अच्‍छी होती हैं और खूब प्रयोग में आती है । मूंग दाल तो बीमारों के लिए सबसे बेहतरीन मानी जाती है क्‍योंकि ये ईजी टू डायजेस्‍ट होती है । लेकिन आप ये सुनकर चौंक जाएंगे कि मूंग और मसूर की दाल खाकर आप खतरनाक जहरीले रसायन शरीर में पहुंचा रहे हैं । चिंता की बात ये कि इन दालों में जहरीले रसायन की मात्रा इतनी अधिक है कि इसे नजरअंदाज करना सेहत को मुश्किल में डाल सकता है ।

नैशनल फूड सेफ्टी अथॉरिटी की स्‍टडी
द फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI द्वारा की गई स्टडी में यह बात सामने आई है कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से इम्‍पोर्ट की जाने वाली दालें जहरीले पदार्थों से युक्त हैं । आपको बता दें कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में इस समय इन दालों का सबसे ज्‍यादा उत्‍पादन हो रहा है । एफएसएसएआई ने कस्‍टमर्स को चेताया है कि इन दालों का नियमित रूप से सेवन खतरनाक हो सकता है ।

रसायनों की मात्रा बहुत अधिक
लैब में हुए परीक्षण में इन दालों में खतरनाक रसायनों की बहुत अधिक मात्रा पाई गई है । इन दालों में ग्लाइफोसेट जैसे जानलेवा रसायन भी मिले हैं । जिसका इस्‍तेमाल किसान चूहों और खरपतवार से छुटकारा पाने के लिए करते हैं । दालों में जहरीले रसायन पाए जाने पर FSSAI के एक अधिकारी ने बताया कि –  दालों में हर्बीसाइड ग्लाइफोसेट का स्तर बहुत ज्यादा होने की आशंका है जो उपभोक्ताओं की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है ।

कनाडा के मानकों का पालन
अधिकारी के अनुसार, FSSAI के रेग्युलेशन में दालों में ग्लाइफोसेट की अधिकतम मात्रा को तय नहीं किया गया है, इसलिए कनाडा के मानकों का पालन किया जा रहा है । कनाडायिन फूड इन्सपेक्शन एजेंसी  ने शिकायत के बाद कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पैदा की गईं दालों के हजारों सैंपल की जांच की । कनाडा की दालों में प्रति अरब ग्लाइफोसेट के 282 कण और ऑस्ट्रेलिया की दालों में प्रति अरब 1000 ग्लाइफोसेट कण पाए गए, ये मानक से बहुत ज्यादा हैं ।

अनजान हैं लोग
दालों की गुणवत्ता पर एक ऐक्टिविस्ट ने चिंता भी जाहिर की । उन्‍होने कहा कि भारतीयों की डाइट पिछले कुछ सालों में बहुत जहरीली हो गई है । हैरानी की बात ये कि लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं है । दरअसल भारत में ग्लाइफोसेट को लेकर कोई पैमाना नहीं है, इसीलिए इसकी खपत बेरोक-टोक चल रही है । अब ये स्‍टडी चौंकाने वाली है ।