तेजी से बढ़ रही है ये बीमारी, आपके नन्‍हे-मुन्‍ने हैं निशाने पर, ऐसे बचें  

क्‍या आप जानते हैं, हर घर में इन दिनों दबे पांव एक बीमारी घुसती चली आ रही है । इस बीमारी को रोकना बहुत जरूरी है । देर होने पर ये आपके बच्‍चों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है ।  

New Delhi, Mar 25 : बच्‍चों में बढ़ता मोटापा एक बड़ी समस्‍या बनकर सामने आ रहा है । अब तक विदेशों में ही इस समस्‍या से जुड़े मामले बढ़ रहे थे लेकिन अब भारत में भी बच्‍चों में मोटापा बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है । इसकी वजह कहीं ना कहीं हमारी वो जीवनशैली बन चुकी है जिसने हमें चारदीवारी में कैद करके रख दिया है । ना हम घर से बाहर निकलना पसंद करते हैं और ना ही बच्‍चों को बाहर निकलने देते हैं । ऐसे में हमने बच्‍चों के कमरों तक में टीवी लगा दिए हैं ।

टीवी नहीं मुसीबत
जरा याद कीजिए अपना बचपन, आप कितना टीवी देखते थे । मुश्किल से आधा घंटा, उसकेअलावा अपने दोस्‍तों के साथ बाहर खेलना, घूमना फिरना, वो रस्‍सी कूदने में नए रिकॉर्ड बनाना । आजकल के बच्‍चे घर से बाहर ही नहीं निकलना चाहते या कह सकते हैं कि उनके मां बाप ये कष्‍ट नहीं उठाना चाहते । बच्‍चों को टैब दे दिए गए हैं, उनके कमरे में टेलीवीजन लगा दिया गया है, उन्‍हें कंप्‍यूटर पर पढ़ाई करने का आदी बना दिया गया है । ऐसे में बच्‍चे की कोई शारीरिक एक्टिविटी होगी ही नहीं ।

बढते वजन के पीछे टीवी बड़ी वजह
बच्‍चों के बढ़ते मोटापे पर हुई एक ताजा रिसर्च बताती है कि बच्‍चों के कमरे में टीवी लगा हो तो उनका वजन तेजी से बढ़ता है । ऐसे बच्‍चों में दूसरे बच्‍चों के मुकाबले 30 फीसदी ज्‍यादा वजन बढ़ने का रिस्‍क पाया गया । ये रिसर्च यूके में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में हुई है । ये आंक‍ड़ा लड़कियों का है, लड़कों में ये रिस्‍क 20 फीसदी पाया गया । लड़कियों में लड़कों के मुकाबले वेट बढ़ने की टेंडेंसी ज्‍यादा होती है । अब आप फैसला कीजिए आप बच्‍चों को क्‍या बनाना चाहते हैं ।

बच्‍चों को समय दें
रिसर्च में आए नतीजे चौंकाने वाले हैं, क्‍योंकि ज्‍यादातर बच्‍चों के कमरे में टीवी पाया गया है । ऐसे में मां बाप की बड़ी जिम्‍मेदारी बनती है कि वो बच्‍चों को घर में बैठे रहने की बजाय बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें । उन्‍हें पार्क ले जाएं, जिससे बच्‍चों की कसरत के साथ वो खुद भी फिट रहें । बच्‍चे समय मांगे तो उन्‍हें किसी दूसरे काम में लगाने की बजाय उनके साथ समय व्‍यतीत करें । याद रखें आपके बच्‍चों का भविष्‍य आपके ही हाथ में है ।