लेकिन जो बच्चे मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से पीड़ित हो रहे हैं, उनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण जैसे हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाएं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखों में इंफेक्शन और सूजन देखी जा रही है ।
New Delhi, May 19: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है, इस लहर ने बच्चों को भी अपनी चपेट में लिया है । लेकिन बच्चों में इसके लक्षण बहुत कम देखे जा रहे हैं । ऐसे में डॉक्टर्स का कहना यही है बच्चों के स्वास्थ्य में जरा सा भी बदलाव अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, संक्रमण खतरनाक हो इससे पहले ही समय से इलाज किया जाना चाहिए । बच्चों में कोविड के लक्षण को लेकर केन्द्र सरकार ने भी एक अहम जानकारी साझा की है ।
सरकार की ओर से दी गई जानकारी
केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल MyGovIndia पर बच्चों में संक्रमण के लक्षण को लेकर जानकारी साझा की गई है, हेल्थ एक्सर्पट्स के मुताबिक, ज्यादातर बच्चे जो कोविड- 19 से प्रभावित हो रहे हैं, उनमें सामान्य रूप से हल्का बुखार, खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत, थकान, गले में खराश, दस्त, खाने में स्वाद ना आना, सूंघने की क्षमता कम होना, मांसपेशियों में दर्द होना और लगातार नाक के बहने जैसे लक्षण देखे गए हैं ।
ये समस्या भी दिखी
इसके अलावा, कुछ बच्चों में पेट और आंतों से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ कुछ असामान्य लक्षण भी देखे गए हैं । जानकारी में बताया गया है कि, बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नामका एक नया सिंड्रोम भी देखने को मिला है । दरअसल यह कोई बीमारी नहीं बल्कि लक्षणों पर आधारित एक सिंड्रोम है, रिसर्च के मुताबिक ज्यादातर बच्चे जो कोविड- 19 से संक्रमित हो रहे हैं, उन्हें हल्के बुखार, सर्दी-जुकाम, दस्त आदि जैसे सामान्य लक्षण होते हैं । लेकिन जो बच्चे मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से पीड़ित हो रहे हैं, उनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण जैसे हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाएं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखों में इंफेक्शन और सूजन देखी जा रही है ।
ये भी है लक्षण
इतना ही नहीं, बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के सामान्य लक्षण भी नजर आ रहे हैं – जिसमें लगातार बुखार, उल्टी- पेट में दर्द, त्वचा पर चकत्ते पड़ना, थकान होना, धड़कनों का तेज होना, आंखों में लाली, होंठों पर सूजन, हाथों और पैरों में सूजन, सिरदर्द के साथ शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना भी शामिल हैं ।
ध्यान रहे
स्पष्अ है कि बच्चों में संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है, ऐसे में अगर घर में कोई भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है तो जरूरी है कि बच्चों में संक्रमण के लक्षण दिखाई न देने पर भी उनकी स्क्रीनिंग जरूर करवाई जाए । ताकि बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने का पता समय पर लग जाए । यदि बच्चों में सामान्य लक्षण जैसे गले में खराश, खांसी, मांसपेशियों में दर्द या फिर पेट से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं तो उन्हें होम आइसोलेशन में रखकर उनका इलाज घर पर ही किया जा सकता है । डॉक्टर्स के मुताबिक पैनिक करने की नहीं, सही इलाज की जरूरत है । डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों में बुखार आए तो हर 4 से 6 घंटे पर उन्हें पैरासिटामोल 10-15 एमजी/केजी की खुराक दी जा सकती है, वहीं गले में खराश या कफ होने पर सभी आयु वर्ग के लोग पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारे कर सकते हैं । इन दिनों बच्चों की डायट का पूरा ध्यान रखना जरूरी है ।
Wondering what are the clinical features of detecting #COVID19 in children & how can they be identified? Here are the management guidelines you should know about! #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/GOIvl6m6dV
— MyGovIndia (@mygovindia) May 13, 2021
https://www.youtube.com/watch?v=6umt1uTK-U4&t=15s