बच्चे, बड़े, बूढ़े या फिर जवान । खांसी होते ही पहला हाथ बढ़ता है कफ सिरप की ओर, लेकिन क्या आप जानते हैं कफ सिरप खांसी ठीक नहीं करते बल्कि उसे सिर्फ रोक देते हैं ।
New Delhi, Jul 29 : कफ सिरप को आप एक धीमा नशा कह सकते हैं । एक ऐसी मदहोशी जो कुछ समय के लिए आपको एहसास दिलाती है कि खांसी अब ठीक है । दरअसल, खांसी के लिए ज्यादा कफ सिरप पीना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। हैल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक खांसी की दवाओं में नंबर वन रहने वाले कफ सिरप अस्थमा जैसी बीमारियों में घातक सिद्ध होते हैं । इनमें पाया जाने वाला कोडीन सेहत के लिए अच्छा नहीं होता ।
कोडीन से कम होती है मैमोरी
कोडीन एक तत्व है जो लगभग सभी कफ सिरप वाली दवाओं में होता है । इसका ज्यादा इस्तेमाल आपकी मैमोरी को कम कर देता है । भारत के ज्यादातर मेडिकल स्टोर में यही कोडीन युक्त कफ सिरप रखे होते हैं, जिन्हें हम अकसर बिना डॉक्टर की सलाह के सीधे कैमिस्ट से खरीदते हैं और दवा के तौर पर खुद ही लेने लगते हैं । बिना ये सोचे कि हर दवा की एक डोज निर्धारित होती है, जिससे ज्यादा लेने पर वो नुकसान पहुंचा सकती है ।
हो सकती है स्किन प्रॉब्लम
कोडीन युक्त कफ सिरप का ज्यादा सेवन करने वाले को त्वचा में खुजली, सांस संबंधी बीमारी और कई बाद डायजेस्टिव सिस्टम खराब होने की शिकायत भी होने लगती है । कोडीन को आप एक ऐसे मीठे जहर के रूप में समझ सकते हैं जो पहले इंसान को नशे में लाता है और फिर अपना असर दिखाने लगता है । डॉक्टरों के मुताबिक लोगों को कैमिस्ट की ओर से दिए जाने वो कफ सिरप्स का सेवन नहीं करना चाहिए ।
सभी को पुहंचाते हैं नुकसान
ये कफ सिरप बच्चे हों या बड़े सभी के लिये इनका इस्तेमाल नुकसानदेह होता है। अगर आप इनका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तब तो आपको इन्हें फौरन रोक देना चाहिए । डॉक्टर कफ सिरप प्रिस्क्राइब करें तभी इनका सेवन करें, खुद से विज्ञापन देखकर कफ सिरप लेने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए । भले वो आयुर्वेदिक होने का दावा ही क्यों ना करें ।
तैयार करें काढ़ा
अगर खांसी मामूली हैं तो उसके लिए कफ सिरप पीने की बजाय आप खुद घर में काढ़ा तैयार करें । अदरक, तुलसी, काली मिर्च, शहद ये सब खांसी के रामबाण इलाज हैं । आप नींबू, शहद के इस्तेमाल से भी खांसी से निजात पा सकते हैं । खांसी अगर 2 दिन से ज्यादा रहे तो डॉक्टर से सलाह लेने में क्या हर्ज है ।