सेल्फी लेना भी एक भयंकर बीमारी है, ताजा शोध में सामने आई हैरान कर देने वाली बातें

क्या आप जानते हैं कि सेल्फी लेना भी एक भयंकर बीमारी है। शोध में कहा गया है कि लगातार सेल्फी लेने वाले एक भयकंर डिसऑर्डर का शिकार हैं। आप भी जानिए।

New Delhi, Dec 18: सेल्फी लेना भी एक भयंकर बीमारी है। क्या आप इस नई शोध के बारे में जानते हैं ? अगर नहीं जानते हैं तो आज जान लीजिए। यूं ही लोग सेल्फी लेते हुए सड़क हादसे का शिकार नहीं होते, यू हीं लोग सेल्फी लेते हुए बड़ी बड़ी इमारतों से नहीं गिरते, यूं ही लोग सेल्फी लेते हुए बड़े हादसे का शिकार नहीं होते, इसके पीछे एक गहरी बीमारी छुपी ही और आप भी इस बारे में जानिए।

आप तीन से ज्याद सेल्फी तो नहीं लेते ?
अगर किसी का दिन भर में आप तीन से ज्यादा सेल्फी ले रहे हैं और इसके बिना आपका मन नहीं मान रहा तो जान लीजिए कि शायद आप भी इस बीमारी का शिकार हो गए हैं। शोध कहता है कि ये भी एक तरह का डिसॉर्डर है। अब आप ये भी जान लीजिेए कि आखिर ये शोध कहां किया गया है। ये दावा लंदन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी ने किया है, जो कि इन मामलों की एक्सपर्ट है।

यहां भी हुआ है शोध
इसके अलावा तमिलनाडु की त्यागराजार स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने भी इस पर बड़ी रिसर्च की है और पाया है कि सेल्फी लेना भी एक बड़ी बीमारी है। खास बात ये है कि इस रिसर्च को इंटरनैशनल जर्नल ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड अडिक्शन में प्रकाशित किया गया है। इस रिपोर्ट में इस बारे में काफी बड़ी बड़ी बातें बताई गई हैं। आपका इन बातों के बारे में जानना जरूरी है।

सेल्फाइटिस के शिकार तो नहीं हैं आप ?
इस रिसर्च के मुताबिक शोधकर्ताओं ने सेल्फी से जुड़े इस डिसऑर्डर को ‘सेल्फाइटिस’ का नाम दिया है। इस बारे में रिसर्च करने वाले नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के मार्क ग्रिफिथ का कहना है कि बीमारी का पता लगाने के लिए उन्होंने इसके लिए दुनिया का पहला ‘सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल’ भी तैयार किया है। अब आपको इस स्कूल की भी कुछ बातें बता देते हैं।

मार्क ग्रिफिथ ने बताई बड़ी बात
मार्क ग्रफिथ का कहना है कि ‘’ये अपनी तरह का अनूठा बिहेवियर स्कूल है। इस स्कूल को 200 लोगों के फोकस ग्रुप और 400 लोगों पर सर्वे के बाद बनाया गया है। मार्क का कहना है कि ज्यादा सेल्फी लेने वालों की आदतें काफी हद तक नशेबाजी की तरह होने लगती हैं। जी हां ये भी एक तरह की तलब कही जा सकती है, जिस करने के लिए बार बार इंसान का मन करता है।

भारत में की गई खास रिसर्च
अब आप ये भी जान लीजिए कि आखिर भारत में ही ये रिसर्च क्यों की गई है। इसकी पहली वजह ये है कि भारत में फेसबुक के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं। दूसरी वजह ये है कि सेल्फी की वजह से होने वाली सबसे ज्यादा 60 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। एक आंकड़ा कहता है कि मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच दुनियाभर में 127 मौतें सेल्फी लेने की वजह से हुई हैं।

भारत का आंकड़ा बेहद खराब है
ये आंकड़ा कहता है कि इन 127 मौतों में से 76 मौतें अकेले भारत में हुईं। ये इन्फॉर्मेशन डाटा कॉर्नेजी मेलन यूनिवर्सिटी और इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन दिल्ली की सर्वे रिपोर्ट में है।  इस अध्ययन के मुताबिक सेल्फाइटिस बीमारी के तीन स्तर होते हैं। इसके हर स्तर के बारे में भी हम आपको बता रहे हैं। इस पहला लेवल  दिन में 3 सेल्फी लेने की आदत होना, लेकिन सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट न करना है।

ये हैं खतरनाक लेवल
इसका दूसरा लेवल, सेल्फी सोशल मीडिया में शेयर करना शुरू कर देना। । इसके बाद तीसरा लेवल हर समय अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कोशिश करते रहना है। ऐसे लोग दिन में कम से कम 6 फोटो पोस्ट करते हैं। शोध में बताया गया है कि सेल्फाइटिस से ग्रस्त लोग भी एक तरह की भयंकर बीमारी के शिकार बन जाते हैं।