पेट में गैस का कारण बनते हैं ये पांच फूड्स, ज्यादा ना खाएं

हम आपको 5 ऐसे फूड्स के बारे में बताते हैं, जो आपके पेट में गैस का कारण बनती है, इन आहारों को लगभग हर कोई रोजाना सेवन करता है।

New Delhi, Jul 09 : आप शरीर तभी स्वस्थ्य रह सकता है, जब आपकी इाइट अच्छी होगी, अगर आप तुली-भुनी चीजें, ज्यादा मसालेदार और तेलीय खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, तो निश्चित रुप से आपका पेट बीमारियों के घेरे में जाएगा। इससे पेट में पैस बनने की समस्या, अपच, और दूसरी परेशानियां भी होने लगेगी। आज हम आपको 5 ऐसे फूड्स के बारे में बताते हैं, जो आपके पेट में गैस का कारण बनती है, इन आहारों को लगभग हर कोई रोजाना सेवन करता है। अगर आप भी ऐसे आहारों का सेवन करते हैं, तो इसे खाने से बचें।

बीन्स
ड्राई बीन्स इस सूची में सबसे ऊपर है, ड्राई बीन्स जैसे कि राजमा, छोले, सूखी हरी मटर, सूखी पीली मटर। ये सभी गैस बनाती है, इनमें रेफिनोज नाम का तत्व पाया जाता है, इसमें कॉम्प्लेक्स शुगर होती है, जिसका पचना मुश्किल होता है, इसी वजह से ये गैस का कारण बनती है।

ओट्स
ओट्स भी गैस बनाने वाला फूड है, ओट्स को आप किसी भी रुप में लें, ये गैस बनाता ही है। इसमें हाई सॉल्यूबल फाइबर कंटेंट होता है, फिर आप चाहे ओटमील खाएं, ओट्स खाएं या ओटमील कुकीज, आपको गैस की परेशानी होगी। अगर आप अपनी डाइट में ओट्स को शामिल करना चाहते हैं, तो इसकी क्वांटिटी पर जरुर ध्यान दें, इसे ज्यादा मात्रा में खाने से बचें।

दूध, आइसक्रीम और चीज
लेक्टोज एक तरह का शुगर है, जो लगभग सभी डेयरी प्रोडक्ट्स में होती है, फिर चाहे वो चीज हो, या आइसक्रीम। GST-Rate-for-Milkजिन लोगों के शरीर में लेक्टेज एंजाइम पर्याप्त नहीं बनता है, उन्हें लेक्टोज पचाने में मुश्किल होती है। फिर शरीर में गैस बनने लगतीहै, इनके रिप्लेसमेंट के तौर पर आप अलमल्ड मिल्क या सोया मिल्क ले सकते हैं।

सोडा
सोडा, सॉफ्ट या कोल्ड ड्रिंक्स पेट में गैस बनाते हैं। इनको पचाना आसान नहीं होता, इन ड्रिंक्स में एयर होती है, जो गैस का कारण बनती है, इनको मीठा करने के लिये फ्रक्टोज का इस्तेमाल किया जाता है, ये भी पचने में मुश्किल होता है, जिसकी वजह से गैस की परेशानी हो जाती है।

पास्ता, ब्रेड
पास्ता, ब्रेड जैसे फूड जिनमें हाई कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो गैस का कारण बनते हैं, इन फूड्स को अवॉयड करना चाहिये, कॉर्न और आलू भी गैस बनाने वाले फूड्स की सूची में शामिल हैं। इसलिये इन्हें भी नियमित मात्रा में ही आहार में शामिल करें, नहीं तो परेशान होंगे।