युवाओं के पैरों में तेजी से बढ़ रही है ये बीमारी, बचने के लिए करें ये काम

varicose veins

युवाओं और महिलाओं में तेजी से ये बीमारी फैल रही है। इसका कारण बदलती लाइफस्टाइल तो है ही, हमारी कुछ आदते भी हैं जानिए कैसे बच सकते हैं इस से

New Delhi, Oct 18: तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के गलत परिणाम अब साफ दिखाई देने लगे हैं। नई तरह की बीमारियां सामने आने लगी हैं। खास बात ये है कि अब युवा भी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जबकि पहले के जमाने में जब खान पान का ढंग बंधा होता था, उस समय युवा लोग कम ही बीमार पड़ते थे। हम जिस बीमारी के बारे में बात कर रहे हैं वो अब युवाओं पर ज्यादा असर कर रही है। इसे वैरिकोस वेन्स कहते हैं। इसके कारण पैरों की नसों में सूजन आ जाती है। एक रिसर्च में पता चला है कि 7 फीसदी युवाओं को इस बीमारी से परेशान होना पड़ रहा है।

पैरों पर होता है बुरा असर
वैरिकोस वेन्स बीमारी में पैरों की नसों में सूजन आने लगती है। इस रोग का खतरा महिलाओं में 4 गुना ज्यादा होता है। इंडियन varicose veinsमेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक  पैरों की नसें सूजने के कुछ प्रमुख कारण हैं कसरत न करना, एक ही जगह देर तक बैठे रहना, तंग कपड़े और ऊंची एड़ी के जूते पहनना हैं। जिसके कारण ये महिलाओं में ज्यादा तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के कारण पैरों में लगातार दर्द बना रहता है।

कब और कैसे होता है ये रोग
ये बीमारी कब और कैसे होती है ये भी जान लीजिए, जब शरीर के निचले अंगों की नसों के वाल्व खराब हो जाते हैं तो ये बीमारीvaricose veins अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। जिसका नतीजा ये होता है कि निचले अंगों से दिल की ओर खून का प्रवाह कम हो जाता है। इससे नसों में खून जमा होता रहता है और पैरों में सूजन आ जाती है। ये रोग पैरों में ही होता है।

बहुत तकलीफ देती है ये बीमारी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक पैर में कई वाल्व होते हैं, जो खून को दिल की दिशा में प्रवाहित होने में मदद करते हैं।varicose veins वैरिकोज अल्सर दोनों पैरों में हो सकता है। जब ये वाल्व क्षतिग्रस्त या खराब हो जाते हैं, तो सूजन, दर्द, थकान, खुजली और खून के थक्के बनना शुरू हो होता है। ये एक धीमी लेकिन बेहद परेशान करने वाली बीमारी है। इस से शुरू में कम परेशानी होती है लेकिन बाद में बढ़ जाती है।

शुरू में लक्षण कमजोर होते हैं
डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में काफी हल्के होते हैं, जिस के कारण लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं।varicose veinsउनको लगता है कि ये समय के साथ ठीक हो जाएगा। इससे आगे जाकर जटिलता का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही इलाज मुश्किल हो जाता है। अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो अल्सर हो सकता है। इसे शुरू में ही पहचान जाना सही होता है।

वैरिकोज वेन्स के अन्य कारण
ये बीमारी युवाओं के साथ साथ महिलाओं में भी तेजी से फैल रही है। इसके कई कारण हैं, जैसे आयु, लिंग, आनुवंशिकी, मोटापाvaricose veins और लंबी अवधि के लिए पैरों की स्थिति हैं। बुढ़ापे में भी नसों में टूट फूट हो सकती है। प्रेग्नेंसी, पूर्व माहवारी और रजोनिवृत्ति कुछ कारण हैं जो महिलाओं में वैरिकोज नसों को प्रभावित करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस कंडीशन के बारे में कई लोगों में जागरूकता की कमी है।

तेजी से बढ़ना चिंता का विषय
डॉक्टरों का कहना है कि सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि इस रोग की अनदेखी की जाती है। लोग इसे पहचान ही नहीं पाते varicose veinsहैं। जिसके कारण समय पर इलाज नहीं करा पाते हैं। समय पर इलाज न होने से अल्सर, एक्जिमा और हाई बीपी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इलाज समय पर दिया जाना चाहिए, हालांकि ये ध्यान रखना चाहिए कि रोगी को कोई परेशानी न होने पाए।

बचाव के तरीके
वैरिकोज नसों बीमारी से बचने के लिए आपको ये उपाय अपनाने चाहिए। रोजाना पैदल चलने की आदत डालिए, इस से पैरों मेंvaricose veins खून का संचार बढ़ेगा। वजन और खान पान को कंट्रोल करें। पैरों पर दबाव से बचने के लिए ज्यादा वजन को कंट्रोल करें। नमक कम ही खाएं, आरामदायक कपड़े और जूते पहनें। अपने दिल की ऊंचाई तक पैरों को ऊपर उठाइए। लेटते समय पैरों के नीचे तीन-चार तकिये भी रख सकते हैं।