थायरॉयड से हैं परेशान, रोज करें ये योगासन, बिना दवाईयों के आराम मिलेगा

थायरॉयड से परेशान हैं, जानिए उन आसनों के बारे में जिन्‍हें करने से आपकी ये समस्‍या जड़ से खतम हो जाएगी और आपको रोजाना वो एक गोली नहीं खानी होगी ।

New Delhi, Feb 16 : थाइरॉयड तेजी से बढ़ती बीमारी है जो महिलाओं के साथ अब पुरुषों को भी अपना शिकार बना रही है । थाइरॉयड हमारे शरीर में मौजूद एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक होती है जो गले में मौजूद होती है । थाइरॉयड ग्‍लैंड थाइरॉक्सिन नामका हॉर्मोन बनाती है । ये हार्मोन शरीर के क्रियाकलापों पर अलग-अलग प्रकार से असर डालती है । इस बीमारी में थाइरॉक्सिन बनना बंद हो जाता है और फिर इसकी दवाई रोज लेनी पड़ती है । एक बार मेडिसिन शुरू हो गई तो इसका छूटना मुश्किल है । इसलिए बहुत जरूरी है कि थाइरॉयड (Thyroid) के लक्षण पहचान लिए जाएं ताकि समय पर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके ।

थायरॉयड और आसन
योग करने के कई फायदे हैं, हम ध्‍यान योग की नहीं,योगासनों की बात कर रहे हैं । योगासनों के जरिए आप कई प्रकार की बीमारियों को दूर कर सकते हैं । थायरॉयड को भी योगासनों की मदद से दूर किया जा सकता है । जिन लोगों को थायरॉयड की समस्‍या हो वो आगे बताए जा रहे 7 आसनों को जरूर करें और इनका फायदा उठाएं । नियमित रूप से इन आसनों को करने से आपको थायरॉयड की दवाईयां लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।

सर्वांग आसन
हमारे गले में मौजूद थॉयराइड ग्‍लांड को स्‍वस्‍थ रखने के लिए सबसे प्रभावी आसन है सर्वांग आसन । इस आसन को कंधे को उठाकर करना होता है । ऐसा करने से थायरॉयड ग्‍लांड पर दबाव पड़ता है । ऐसा करने से ये सुचारू रूप से कार्य करना प्रारंभ कर देती है, और समस्‍या को कम करती है । इस आसन को करने से ब्‍लड सर्कुलेशन अच्‍छे तरह से होने लगता है और रोगी को कुछ ही समय में लाभ मिलने लगता है ।

मत्‍स्‍यासन
मत्‍स्‍यासन में आपको मछली की तरह पोज़ देना होता है । पालथी मारकर बैठ जाएं, अब गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं, सीने को ऊपर की ओर उठाए और सिर को जमीन से टिकालें । इस आसन में गले की ग्रंथि पर दवाब पड़ता है । इस आसन को करने से आपकी थायरॉयड की पुरानी से पुरानी समस्‍या भी ठीक होने लगेगी । आपको बहुत जल्‍द ही दवाईयों की कोई आवश्‍यकता नहीं पड़ती है ।

हलासन
सर्वांग आसन और मत्‍स्‍यासन करने के बाद हलासन करें । इस आसन को करने से थॉयराइड ग्रन्थि को लाभ पहुंचाता है  । ये तीन आसन क्रम से करने पर थायरॉयड की समस्‍या पूरी तरह से ठीक हो सकती है । ये तीन आसन सबसे प्रमुख माने जाते हैं । हलासन करने में थोड़ा मुश्किल हो सकती है, इसके लिए सीधे लेट जाएं और अपने पैरों को सिर के ऊपर से ले जाकर पीछे की ओर ले जाएं ।

विपरीतकरणी
ये आसन थायरॉयड ग्रन्थि की समस्‍या के लिए लाभदायक है । विपरीत यानी उल्‍टा और करणी का अर्थ है किसके द्वारा । इस आसन को करने से आपकी समस्‍या में पॉजिटिव बदलाव देखे जा सकते हैं । ऊप्‍र के तीन आसन करने में असक्षम हैं तो ये आसन करें । इस आसन को करने से आपको लाभ जरूर होगा । आपकी गर्दन और पीठ में कोई दिक्‍कत हो तो इस आसन का अभ्‍यास ना करें ।

ऊष्ट्रासन
“उष्ट्र” संस्कृत भाषा का शब्द है, इसका अर्थ “ऊंट” होता है। उष्ट्रासन को “Camel Pose” भी कहा जाता है । ये मध्यवर्ती पीछे की ओर झुकने का पोश्‍चर है, इसे करने से अनाहत चक्र खुलता है । इस आसन में पैरों को पीछे की ओर करके, उन्‍हें छुककर हाथों से पकड़ना होता है । आपका शरीर अंग्रेजी के डी अक्षर की तरह हो जाता है । इस आसन में गर्दन को सीधे ऊपर की ओर उठाकर रखना होता है ।

भुजंगासन
ऊष्‍ट्रासन की तरह ही भुजंग आसन भी थोड़ा कठिन आसन है । इसे सर्प आसन भी कहा जाता है । इसमें जमीन पर सीधे लेटना होता है । फिर दोनों हाथों की मदद से शरीर के आगे के हिस्‍से को ऊपर उठाना होता है । इस आसन को करने से गर्दन पर उचित दबाव बनता है, जिससे थायरॉयड ग्रन्थि में रक्‍त का परिसंचरण भलिभांति होता है । इस आसन को करने से थायरॉयड की समस्‍या में लाभ मिलता है । यह आसन करना आसान है ।

सेतुबंध सर्वांगसन
जमीन पर सीधे लेटकर पहले पैरों को फोल्‍ड करें और अब हाथों की मदद से पूरे शरीर को आर्क की तरह उठाएं । ये एक तरह के ब्रिज फॉर्मेशन की तरह नजर आता है । इस आसन को करने से थायरॉयड ग्‍लैंड पर असर पड़ता है और मांसपेशियों की अच्‍छी मसाज हो जाती है । थायरॉयड को दूर करने के लिए आप इनमें से किसी भी आसन का प्रयोग कर सकते हैं  ।सथ ही एक अचछी डायट लेकर आप इस समस्‍या से हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं ।
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