मंदिर में आज तक आपने किसी मिठाई, बताशे या गुड़ का ही भोग लगाया होगा । प्रसाद में भी ऐसा ही कुछ मिला होगा लेकिन जानिए भारत के उन अनोखे मंदिरों के बारे में जहां प्रसाद के रूप में भी कुछ अनोखा सामान ही मिलता है ।
New Delhi, Nov 01 : भारत विविधताओं में एकता का देश है । पूरे भारत वर्ष में कई धर्म, संप्रदाय, संस्कृति के लोग मिलजुल कर रहते हैं । आस्था के केन्द्र भारत में कई मंदिर हैं जो अपनी खास शक्ति, देवताओं के विशेष रूप आदि के लिए विश्व विख्यात हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे देश में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो अपने यहां के विशेष प्रसाद के लिए जाने जाते हैं । अगर आप आज तक मंदिर में लड्डू, पेड़े, बताशे या नारियल और मिश्री चढ़ाते आए हैं तो आगे पढ़े इन अनोखे मंदिरों के बारे में ।
बर्गर और सैंडविच का अनोखा प्रसाद
चेन्नई के पडप्पई में बना है जय दुर्गा पीठम मंदिर । यहां प्रसाद के रूप में लोगों को ब्राउनी, बर्गर, सैंडविच और चैरी-टमाटर की सलाद दी
जाती है । मंदिर का ये प्रसाद फूड स्टैंडर्ड के अनुसार है और बकायदा FSSAI से प्रमाणित है । इस प्रसाद पर एक्सपायरी डेट भी लिखी होती है । मंदिर में गली वेंडिग मशीन में टोकन डालकर भक्त प्रसाद का डिब्बा पाते हैं ।
‘केक प्रसादम’ की भी हुई शुरुआत
चेन्नई के पडप्पई मंदिर में हाल ही में मंदिर के अधिकारियों की ओर से ‘बर्थडे केक प्रसादम’ की भी शुरुआत की है । इसके अंतर्गत भक्तों को उनके बर्थडे पर केक का विशेष प्रसाद दिया जाता है । मंदिर में इसका रिकॉर्ड रहे इसके लिए भक्तों का एडरेस और जन्म की तारीख लिखी जाती है । इस मंदिर को आुधनिक बनाने के लिए कई और काम भी होते रहते हैं ।
इस मंदिर में चढ़ाई जाती हैं चॉकलेट
चॉकलेट को विदेशी वस्तु मानकर इससे दूर रहने वाले अगर केरल के बालसुब्रमणिया मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो विचार त्याग दें । क्योंकि इस मंदिर में चॉकलेट का ही प्रसाद चढ़ता है और भक्तों में भी चॉकलेट ही बांटी जाती है । स्थानीय मान्यता के अनुसार बालामुरुगन भगवान को चॉकलेट बहुत पसंद है, इसलिए प्रसाद के रूप में यहां चॉकलेट ही चढाने की परेपरा है ।
इस मंदिर में मिलता है नूडल्स का प्रसाद
कोलकाता के टांगरा क्षेत्र में काली मा का एक मंदिर है जो चाइनीज काली मंदिर के नाम से जाना जाता है । इस मंदिर में भक्त नूडल्स, चावल और सब्जियों का भोग लगाते हैं । दरअसल कोलकाता के इस क्षेत्र में चाइनीज लोगों की अधिकता है । उसी क्षेत्र में ये मंदिर होने से यहां इस प्रकार के प्रसाद को चढ़ाने और वितरित करने की परंपरा शुरू हुई है ।
मंदिर जहां मिलता है डोसा का प्रसाद
तमिलनाडु के मदुरई में बने भगवान विष्णु के अलागार मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में डोसे का प्रसाद चढ़ाया जाता है । प्रसाद को विशेष रूप से मंदिर में ही तैयार किया जाता है । प्रसाद के लिए भक्त जन सामर्थ्यानुसार दाल और चावल क आटे का दान करते हैं । दक्षिण भारत में वैसे भी डोसा सबसे प्रचलित व्यंजन है, ऐसे में मंदिर प्रशासन की ओर से भी डोसा बांटा जाना जैसा देश वैसा भेष वाली कहावत को चरितार्थ करता है ।
चूहों का जूठा प्रसाद
राजस्थान के बीकानेर में देशनोक इलाके में स्थित है करणी माता का मंदिर । ये मंदिर विख्यात है यहां रहने वाले चूहों की वजह से । इस मंदिर में भक्तों को चूहों का झूठा प्रसाद दिया जाता है । इस मंदिर में 20 हजार से ज्यादा चूहे रहते हैं । इन चूहों को माता करणी की संतानें माना जाता है । हर साल यहां लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन को पहुंचते हैं और चूहों का जूठा प्रसाद ग्रहण करते हैं ।
प्रसाद के रूप में मिलती है सीडी, डीवीडी
सीडी, डीवीडी भले अब पुराने जमाने की बात हो गई हों लेकिन केरल के एक मंदिर में इन्हें ही प्रसाद के रूप में दिया जाता है । केरल के थ्रिसुर मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में सिर्फ सीडी, डीवीडी और टैक्स्ट बुक्स ही दी जाती है । ये सभी धार्मिक विषय की होती हैं । मंदिर ट्रस्ट के अनुसार धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है ।
प्रसाद में बंटती है शराब
दिल्ली के भैरव मंदिर में शराब चढ़ाए जाने की बात आप सबने सुनी होगी लेकिन क्या कभी ऐसा शिव मंदिर सुना है जहां शिवलिंग का अभिषेक शराब से किया जाता हो । शायद नहीं, सीतापुर जिले में एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां भोलेनाथ का अभिषेक शराब से होता है । प्रसाद के तौर पर ये शराब यहां के बंदर पीते हैं । खबीस बाबा, भैरव बाबा का ही रूप माने जाते हैं।