जब बचपन के दोस्त ने अटल से कहा – शादी कर लो, तब अटल जी के इस जवाब ने लूट ली थी महफिल

अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उनसे जुड़ा एक किस्‍सा उनके स्‍कूल के दोस्‍त ने बताया है । उन्‍होने अटल जी के 75वें जन्‍मदिन पर कहा था, कि वो अब तो शादी कर लें । सुनिए इस अटल जी ने उन्‍हें क्‍या धांसू जवाब दिया था ।

New Delhi, Aug 17 : अटल बिहारी वाजपेयी इस शख्सियत से जुड़ा हर व्‍यक्ति आज उन्‍हें याद कर रहा है । लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उन्‍हें सिर्फ याद ही नहीं करते बल्कि जिन्‍होने उनके साथ वो दिन गुजारे हैं जब वो ना नेता थे और ना ही लेखक या कवि । जी हां, अटल जी के बचपन के दोस्‍त, स्‍कूल के वो साथी जो आज उनके निधन पर नम आखों से उन्‍हें विदाई दे रहे हें । अटल जी के एक दोस्‍त जो कि 95 वर्ष के हो गए हैं उन्‍होने अपनी एक बड़ी ही रोचक याद को सबके साथ शेयर किया है ।

75वें जन्‍मदिन पर पूछा था एक सवाल
अटल जी के सहपाठी रहे वरिष्ठ अभिभाषक विद्याराम गुप्ता बाबूजी ने अटल जी के निधन पर बस यही कहा –   अटल इस दुनिया से चले गए, वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त था । एक पुराने किस्‍से को याद करते हुए गुप्ता कहते हैं कि 75वें जन्मदिन पर मेरी अटल से दिल्ली में मुलाकात हुई थी । तभी मैंने गपशप के दौरान जब अटल जी से कहा कि अटल तुम 75 साल के हो गए हो, अब तो शादी कर लो यार… तो उन्होंने हंसते हुए कहा- भैया अब मैं शादी कर लूंगा तो देश का क्या होगा।

भैया कहकर बुलाते थे अटल
विद्याराम गुप्‍ता जी बताते हैं कि अटल उन्‍हें भैया कहकर बुलाते थे, मैं उम्र में बड़ा था इसीलिए । गुप्‍ता जी ने बताया कि जब वह अंबाह से अपनी  आठवीं की पढ़ाई पूरी करके ग्वालियर पढ़ने गए । 9वीं की पढ़ाई मुरार से पूरी की, इसके बाद 10वीं में ग्वालियर विक्टोरिया स्कूल में दाखिला ले लिया । यहीं अटल जी उनके क्लासमेट रहे । 1941 से 45 तक वह विक्टोरिया कॉलेज में साथ-साथ पढ़े । अटल जी ने यहीं से हिंदी से बीए पास किया और गुप्‍ता जी ने बीएससी । ये कहते-कहते उनकी आंखें नम हो गईं ।

ये भी किस्‍सा किया याद
गुप्‍ता जी ने आगे बातचीत में कहा कि,  संभवत: अटल जी देश के पहले नेता होंगे, जिन्होंने संसद में यह कह स्‍वीकार किया कि वो अनमैरिड हैं लेकिन बैचलर नहीं है । विद्याराम गुप्ता ने बताया कि वो ओर करीब 18 लोग अटल जी के 75वें जन्‍मदिन पर दिल्‍ली पहुंचे थे । हमसे मुलाकात के लिए अटल ने पूरा दिन रिजर्व कर रखा था । सभी दोस्तों ने कॉलेज टाइम की कविताएं भी सुनाईं, गपशप करते हुए कुछ पुराने दिनों की यादों को भी ताजा किया।

यारों के यार थे अटल जी
विद्याराम गुप्‍ता जी के अनुसार कॉलेज टाइम से ही अटल संघ से जुड़े हुए थे । जबकि वे स्‍वयं कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे । बातचीत में विद्याराम गुप्ता ने बताया कि हम दोस्‍त तो थे, लेकिन अलग-अलग दलों से जुड़े हुए थे । हम अलग-अलग दलों से जुड़े थे । अटल हमेशा यही कहते थे कि देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए वो किसी का भी साथ दे सकते हैं । 1977 में जब वे विदेश मंत्री बने तो वे मुरैना आए । गुप्‍ता जी ने उन पलों को याद करते हुए कि तब अटल ने मुझे छााती से लगाकर कहा भैया कैसे हो आप।