वाजपेयी सरकार के 5 फैसले, जिसने बदल दी देश की तकदीर

वाजपेयी जी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी महत्वाकांक्षी योजना स्वर्णिम योजना और ग्राम सड़क योजना को देखा जाता है।

New Delhi, Aug 16 : भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी एम्स में भर्ती हैं, उनकी हालत नाजुक है, एम्स की ओर से जारी किये गये बुलेटिन में बताया गया है कि उनकी हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है, पिछले कुछ दिनों से वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी स्वास्थ्य के लिये देश के अलग-अलग इलाकों में लोग कामना कर रहे हैं, तीन बार देश के पीएम रहे वाजपेयी ही पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था। आइये आपको उनके कार्यकाल की कुछ उपलब्धियां बताते हैं।

8 फीसदी से ज्यादा जीडीपी
अटल जी की सबसे बड़ी उपलब्धि आर्थिक मोर्चे पर रही, साल 1991में नरसिम्हा राव सरकार ने जो आर्थिक सुधार सुधार किये थे, उसे वाजपेयी सरकार ने आगे बढाया, साल 2004 में जब मनमोहन सिंह ने वाजपेयी जी के बाद सत्ता संभाली तो अर्थव्यवस्था की तस्वीर अच्छी थी, जीडीपी रेट 8 फीसदी से ज्यादा था, महंगाई दर 4 फीसदी से कम था, विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह से भरा था, कहा जाता है कि अटल जी ने आर्थिक मोर्चे पर जो कदम उठाये, उसकी वजह से ना सिर्फ उनकी पार्टी बल्कि देश की छवि भी बेहतर हुई, भारत को आर्थिक प्रगति की ओर बढने में मदद मिली।

स्वर्णिम चतुर्भुज और ग्राम सड़क योजना
वाजपेयी जी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी इस महत्वाकांक्षी योजना को देखा जाता है, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अंतर्गत चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाइवे नेटवर्क से कनेक्ट किया गया था, वहीं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत गांव को पक्की सड़कों के जरिये शहर से जोड़ा गया था, अटल जी की सरकार ने इन दोनों प्रोजेक्टों में सफलता हासिल की, जिससे ग्रामीण भारत का विकास हुआ।

राजकोषीय घाटा कम किया
अटल जी की सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिये वित्तिय उत्तरदायित्व अधिनियम की शुरुआत की, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र की बचत को बढावा मिला, इससे फायदा ये हुआ कि पब्लिक सेक्टर में घाटा कम हुआ, वित्त वर्ष 2000 में जीडीपी इस सेक्टर में -0.8 था, जो 2005 में बढकर 2.3 हो गया, इसे वाजपेयी सरकार के काम का ही नतीजा बताया जाता है।

टेलीकॉम क्रांति और सर्वशिक्षा अभियान
वाजपेयी सरकार की नई टेलीकॉम पॉलिसी से देश में टेलीकॉम क्रांति की शुरुआत हुई, उन्होने टेलीकॉम कंपनियों के लिये तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था लागू की। जिससे इस क्षेत्र में क्रांति आ गई। इसके साथ ही 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा देने के लिये उन्होने एक सामाजिक योजना की शुरुआत की, साल 2001 में वाजपेयी जी ने सर्व शिक्षा अभियान को लांच किया था।

निजीकरण
वाजपेयी सरकार ने व्यापार और उद्योग धंधों को चलाने के लिये सरकार की भूमिका कम करने की कोशिश की, इसके लिये उन्होने अलग से एक विनिवेश मंत्रालय का गठन किया। सबसे महत्वपूर्ण विनिवेश में भारत एल्युमिनियम कंपनी ( BALCO) और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रो केमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड शामिल थे, वाजपेयी के इन फैसलों से भविष्य में सरकार की भूमिका तय कर दी गई थी, हालांकि उनके इन फैसलों को लेकर उनकी सरकार की आलोचना भी हुई थी।