इनकी ईमानदारी की कसमें खाते हैं लोग, 4 बार विधायक रहे, लेकिन नहीं बदलवा पाए घर के टीन

Ex Mla

रघुराज सिंह तोमर इतने साल विधायक रहे, लेकिन आज उनकी हालत ये है कि वो अपने घर की टीन तक नहीं बदलवा पा रहे हैं।

New Delhi, Mar 22 : किसी विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहना आसान नहीं है, वो भी पूरी ईमानदारी के साथ, कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसे नेता को अपने सर आंखों पर बिठाएगी, लेकिन एक शख्स के साथ ऐसा नहीं हुआ। मध्य प्रदेश के खंडवा से विधायक रहे रघुराज सिंह तोमर 4 बार विधायक बनें, लेकिन इसके बाद भी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। साल 2003 के बाद उन्होने कोई चुनाव नहीं लड़ा। वो आम लोगों की तरह जीवन गुजार रहे हैं।

सेवक की छवि
आपने नेताओं के गाड़ी-बंगले और शानो-शौकत तो खूब देखे होंगे, लेकिन इनके बीच ही एक नेता ऐसे भी हैं, जिनकी ईमानदारी की लोग कसमें खाते हैं। Ex Mla2भले रघुराज सिंह तोमर पिछले 15 साल से चुनाव ना लड़ रहे हों, लेकिन उनकी छवि आज भी एक जनसेवक की है। इलाके के लोग उन्हें बेहद ईमानदार और सुलझा हुआ व्यक्ति मानते हैं।

क्यों कटा टिकट ?
बताया जाता है कि 4 बार बीजेपी से विधायक रहने के बाद साल 2003 में उन्होने फिर से टिकट के लिये दावेदारी की थी। लेकिन उनसे तकब 14 लाख रुपये की मांग की गई। BJP1उनसे कहा गया कि पार्टी के प्रचारकों और दूसरी चीजों में ये पैसे खर्च होंगे। उन्होने पैसा देने में असहमति जता दी। जिसके बाद उनका टिकट काटकर किसी और को वहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।

घर की टीन नहीं बदलवा पा रहे
ईमानदार रघुराज सिंह तोमर इतने साल विधायक रहे, लेकिन आज उनकी हालत ये है कि वो अपने घर की टीन तक नहीं बदलवा पा रहे हैं। Tomarघर भी खस्ताहाल हो चुका है। लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं हैं, कि नया घर बनवा सकें, या फिर उसी घर का ठीक से मरम्मत करवा सकें।

घर के बाहर खड़ी है जीप
बेहद ईमानदार माने जाने वाले रघुराज सिंह तोमर के यादों के रुप में घर के बाहर एक जीप खड़ी है, जो उन्होने बैंक से लोन लेकर खरीदी थी। Ex Mla1आज भी इस जीप पर विधायक की तख्ती लगी है, जो उन्हें उनके सुनहरे दिनों की याद दिलाती रहती हैं। बैंक का लोन उन्होने अपनी तनख्वाह से धीरे -धीरे चुका दिया था। जिसके बाद गाड़ी दरवाजे पर खड़ी रहती है, क्योंकि अब वो चलने की स्थिति में नहीं है।

पेंशन से होता है गुजारा
खंडवा के निमाड़खेड़ी विधानसभा क्षेत्र से 1977-1980, 1980-85, 1990-92, और 1993-97 तक एमएलए रहे रघुराज प्रताप तोमर अब पुनासा ब्लॉकग मुख्यालय से 10 किमी दूर ग्राम रीछफल में रहते हैं। rupeeउन्हें करीब 35 हजार रुपये बतौर पेंशन मिलता है। जिससे वो अपने इलाज के साथ-साथ पोते-पोती की पढाई का खर्चा उठाते हैं। किसान बेटे नारायण सिंह तोमर भी उनके साथ ही रहते हैं।

खुद की सरकार के खिलाफ किया था अनशन
एमएलए रहते हुए आम लोगों के हित के लिये रघुराज सिंह अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गये थे। उन्होने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि dharna1971 में मुझे जेल में बंद कर दिया गया था। 1975 में मीसा में बंद रहा। जब विधायक था, तब भी टिकट खरीदकर बस में सफर करता था। आम लोगों के बीच रहता था, ताकि वो अपनी परेशानी और समस्याएं बता सकें।

रिश्वत देने वाले को डांट कर भगा दिया
तोमर ने बताया कि जब मैं विधायक था, तो उसी दौकरान एनवीडीए के 18 क्वार्टर गिर गये थे, मैंने मामला विधानसभा में उठाया, जिसके बाद कुछ अधिकारी मुझे 5 लाख की रिश्वत देने आये, Rupeesमैंने उन्हें डांट कर भगा दिया। पूर्व विधायक के अनुसार उनके पुरखों की 140 एकड़ जमीन है, वो 4 बार विधायक रहे, लेकिन एक इंट जमीन नहीं खरीद सकें, क्योंकि उऩ्होने कभी बेईमानी के पैसे नहीं कमाये, अपनी जेब से लोगों की सेवा की। इस वजह से पैसे भी इक्ट्ठे नहीं कर सके।

किसी की चाय तक नहीं पी
यूरिया खाद में मुरुम मिलाकर बाजार में बेचने के मामले को उन्होने मध्य प्रदेश विधानसभा में उठाया था। MP Vidhan sabhaजिसके बाद कारखाना मालिक ने उन्हें 15 लाख रुपये रिश्वत की पेशकश की, लेकिन उन्होने कारखाना मालिक को भी डांट कर भगा दिया और कहा, कि गलत काम करना छोड़ दो, नहीं तो जेल जाओगे। रघुराज सिंह तोमर के अनुसार उन्होने कभी किसी की चाय तक नहीं पी।