अब लीजिए रोमांच का असली मजा, 22 अप्रैल से भारत की इस झील में जुटेगी दुनिया

अगर आप गर्मियों में रोमांच का असली मजा लेना चाहते हैं, तो तैयार हो जाइए। भारत की सबसे ऊंची झीलों में शुमार इस झील में जुटेगी दुनिया। आप भी जानिए।

New Delhi, Mar 30: अगर आप चाहते हैं कि पहाड़ों में रोमांच का असली मज़ा लें, तो तैयार हो जाइए। दुनिया के पांचवे सबसे ऊंचे बांध मपर बनी झील आपको वॉटर स्पोर्ट्स का निमंत्रण दे रही है। हर साल टिहरी झील में यूटीडीबी द्वारा लेक फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इस फेस्टिवल में इस बार दुनिया के कोने कोने से सैलानी आने वाले हैं। जानिए इसकी खास बातें।

लेक फेस्टिवल की तैयारी
ये 5वां लेक फेस्टिवल है, जिसमें  3 दिन तक पानी के खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस फेस्टिवल का इतंजार सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होने लगा है। ज्यादा से ज्यादा लोग इस फेस्टिवल में हिस्सा लेते हैं। इस बार ये फेस्टिवल 20 से 22 अप्रैल तक टिहरी झील में में आयोजित किया जाएगा।

ये होंगी एडवेंचरस एक्टिविटी
अब आपको बताते हैं कि इस दौरान आपको क्या क्या एडवेंचरस एक्टिविटीज़ करने को मिलेंगी। जेट स्कीइंग, बोटिंग, वॉटर स्कीइंग, बनाना राइड्स, कैनोइंग, सर्फिंग, पैरागलाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, कयाकिंग और बहुत सारे वॉटक स्पोर्ट्स से जुपड़े ईवेंट इन फेस्टिवल में कराए जाते हैं। इस फेस्टिवल में आपको अलग अलग सितारों की परफॉर्मेंस भी देखने को मिलेगी।

दिखेंगे ऐसे नजारे
इसके साथ ही इस फेस्टिवल में एडवेंचर स्पेशलिस्ट के द्वारा अद्भुत हवाई कौशल और आतिशबाजी देखने को मिलेगी। खास बात ये है कि इस बार इस फेस्टिवल को इनक्रीडिबल इंडिया, प्रोजेक्ट परर्फामेंस मैनेजमेंट सिस्टम और कुमांऊ मंडल विकास निगम लिमिटेड ने स्पॉंसर किया हैं। ये एशिया का सबसे बड़ी लेक फेस्टिवल कहा जाता है।

दुनिया की नजर यहां टिकी है
जाहिर है कि इस बार भी देश और दुनिया की नजर इस फेस्टिवल पर टिकी हैं। एशिया के सबसे बड़े लेक फेस्टिवल के लिए इस बार पूरी दुनिया के कोने कोन से लोग पहुंचने वाले हैं। जाहिर है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के रपास ये एक और सुनहरा मौका है। टिहरी के बारे में कुछ और भी दिलचस्प बातें हैं, इस बारे में भी जानिए।

ये भी है खास बात
टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है। इस वजह से ये दुनिया का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध कहलाता है। इस बांध को आप इंजीनियरिंग का चमत्कार ही कह सकते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजना भी ये ही है। इस बांध में दो महत्वपूर्ण हिमालयी नदियों भागीरथी और भिलंगना के जल का संरक्षण होता है। आज पानी के नीचे पुरानी टिहरी के खंडहर हैं। अब इस रोमांच के लिए तैयार रहिए।