पूनम यादव ने बताया कि उनके पिता ने उनकी ट्रेनिंग के लिये कर्ज लिया था, क्योंकि तब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी।
New Delhi, Apr 10 : भारतीय भारोत्तोलकों का 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में सुनहरा अभियान जारी है, बनारस की पूनम यादव ने 69 किलो वर्ग में गोल्ड जीतकर भारत की झोली में पांचवां स्वर्ण पदक डाल दिया। लेकिन पूनम यादव का ये सफर इतना आसान नहीं था, इस मेडल के लिये उन्होने काफी मुश्किलें उठाई है, इससे पहले 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में पूनम ने 63 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था, अब उन्होने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 222 किलो (110 और 122 किलो) वजन उठाया।
मेडल के बाद क्या बोली पूनम यादव ?
स्वर्ण पदक जीतने के बाद पूनम यादव ने कहा कि मुझे फीजी से अच्छी चुनौती मिलने की उम्मीद थी, इंग्लैंड की सारा डेविस से नहीं। सारा ने जब आखिरी लिफ्ट में 128 किलो वजन उठाने का फैसला लिया, तो मैं नर्वस हो गई थी, क्योंकि वो इतना वजन उठा सकती थी। आपको बता दें कि पूनम के अलावा इंग्लैंड की सारा डेविस 217 किलो वजन उठाकर दूसरे स्थान पर रही, तो फीजी की ओपोलोनिया वेइवेइ 216 किलो वजन के साथ तीसरे स्थान पर रही।
घुटने में हो रहा था दर्द
पूनम यादव ने आगे बोलते हुए कहा कि ये किस्मत की बात है, मुझे वो मिला जो मेरी तकदीर में था, उसे वो मिला जो उसकी तकदीर में था। शुक्र है कि कुछ देर के लिये मेरे फिजियो को आने दिया गया। जिन्होने मेरे घुटने पर पट्टी लगा दी। उस समय मुझे घुटने में दर्द हो रही थी, अगर फिजियो नहीं आते, तो शायद मैं वजन भी नहीं उठा पाती।
बहन ने किया प्रेरित
यूरी के वाराणसी की रहने वाली पूनम यादव ने पिछले बार राष्ट्रमंडल चैपियनशिप में रजत पदक जीता था, तब उन्होने कहा था कि उनकी बड़ी बहन ने उन्होने भारोत्तोलन के लिये प्रेरित किया, उनके कहने के बाद ही वो पहली बार भारतीय टीम के शिविर में पहुंची थी, फिर सफर धीरे-धीरे आगे बढता रहा, आज वो राष्ट्रमंडल खेल में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं।
पिता ने लिया था कर्ज
पूनम यादव ने बताया कि उनके पिता ने उनकी ट्रेनिंग के लिये कर्ज लिया था, क्योंकि तब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, हालांकि उन्होने ये भी बताया कि जैसे ही उन्हें पदक मिला, उन्होने सबसे पहले कर्ज चुकाया। उनके पिता घर में पूजा-पाठ करते हैं, और मां हाउस वाइफ हैं। वो और उनकी बहन मिलकर ही घर चलाती हैं, आपको बता दें कि पूनम यादव भारतीय रेलवे की कर्मचारी हैं।
पूनम के अलावा इन्होने भी जीता गोल्ड
ऑस्ट्रेलिया में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय भारोत्तोलकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पूनम यादव से पहले मीराबाई चानू (48 किलो), संजीता चानू (53 किलो), सतीश शिवलिंगम (77 किलो) और वेंकट राहुल रागाला (85 किलो) में भारत को स्वर्ण पदक दिला चुके हैं। पूनम यादव को मिलाकर अब तक 5 गोल्ड मेडल हो चुके हैं।
ये हैं पूनम यादव की उपलब्धियां
यूपी की बेटी पूनम यादव ने साल 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 63 किलो कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था
2015 में पुणे में हुए कॉमनवेल्थ चैपिंयनशिप में 63 किलो कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था।
2017 में कॉमनवेल्थ चैपियनशिप (गोल्ड कोस्ट) में 69 किलो कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था।
2017 में अमेरिका के अनॉहाइम में हुए वर्ल्ड चैपियनशिप में वो 69 किलो कैटेगरी में नौंवे स्थान पर रही थीं।