कुलदीप यादव ही वो खिलाड़ी हैं, जिन्हें टेस्ट में खिलाने के लिये कप्तान विराट कोहली और तत्कालीन कोच अनिल कुंबले के बीच झगड़ा हो गया था।
New Delhi, Dec 15 : टीम इंडिया के युवा स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव 14 दिसंबर को 23 साल के हो गये, आपको बता दें कि चाइनामैन गेंदबाज घरेलू क्रिकेट में यूपी से तो आईपीएल में केकेआर से खेलते हैं, इसी साल सितंबर में उन्होने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक विकेट लेकर सनसनी मचा दी थी, वो ऐसा कारनामा करने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज हैं, कुलदीप अंडर-19 विश्वकप में भी हैट्रिक ले चुके हैं, मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से लेकर शेन वॉर्न तक इनके फैन हैं, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली भी कई बार इनकी तारीफ कर चुके हैं।
कोहली-कुंबले के बीच झगड़े की वजह कुलदीप
कुलदीप यादव ही वो खिलाड़ी हैं, जिन्हें टेस्ट में खिलाने के लिये कप्तान विराट कोहली और तत्कालीन कोच अनिल कुंबले के बीच झगड़ा हो गया था। दरअसल मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चौथे और आखिरी मैच में कुलदीप ने डेब्यू किया, उस मैच में कप्तान विराट कोहली नहीं खेल रहे थे, वो अपनी जगह पर अमित मिश्रा को खिलाना चाहते थे, जबकि कोच कुंबले कुलदीप यादव के पक्ष में थे। उन्होने बिना विराट से बात किये ही चाइनामैन का नाम फाइनल कर दिया, इसी बात को लेकर कुंबले और कोहली के बीच कहा-सुनी हो गई।
सचिन तेंदुलकर ने दिखाया बड़ा सपना
एक इंटरव्यू के दौरान कुलदीप यादव ने खुलासा करते हुए बताया था कि अब तक का उन्हें बेस्ट कॉम्पलीमेंट सचिन तेंदुलकर से मिला था। चाइनामैन गेंदबाज के अनुसार टेस्ट डेब्यू के बाद उन्हें मास्टर-ब्लास्टर का कॉल आया था, उन्होने उनसे कहा कि उनका टारगेट 500 टेस्ट विकेट लेना होना चाहिये। जिसके बाद मुझे लगा कि अगर खुद क्रिकेट के भगवान मुझसे इतनी उम्मीद कर रहे हैं, तो जरुर कुछ ना कुछ वजह होगी।
शेन वॉर्न ने भी किया फोन
कुलदीप यादव ने इंटरव्यू में बताया कि मुझे खुद ही भरोसा नहीं हो पा रहा था कि सचिन तेंदुलकर ने उन्हें सच में फोन किया था, मैं उस समय भी खुश हो गया था, जब कंगारु दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न ने मुझे कॉल कर मेरी तारीफ की थी। आपको बता दें कि यूपी में जन्मे इस क्रिकेटर ने अपना टेस्ट डेब्यू इसी साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था, फिर उन्होने वनडे डेब्यू जून 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया और इसी महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ ही टी-20 डेब्यू भी किया।
छोटे गांव में हुआ जन्म
चाइनामैन गेंदबाज का जन्म यूपी के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था, उनके पिता ईट भट्टा चलाते थे, उनके पिता जबरदस्त क्रिकेट फैन हैं, इसी वजह से उन्होने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने का सोच लिया था, कुलदीप के अनुसार मुझे बचपन में क्रिकेट बिल्कुल भी पसंद नहीं था, दोस्तों के साथ टेनिस बॉल से खेलता था, मैं पढाई में काफी अच्छा था, लेकिन पापा मेरी वजह से ही उन्नाव से कानपुर शिफ्ट हुए, ताकि मैं क्रिकेट एकेडमी जा सकूं।
तेज गेंदबाज से बने स्पिनर
शुरुआत में कुलदीप तेज गेंदबाजी करते थे, लेकिन उनके कोच कपिल पांडे ने उन्हें स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी, कुलदीप के अनुसार तब उन्हें काफी बुरा लगा था, तब उन्हें लगता था कि वो अच्छी तेज गेंदबाजी करते हैं, उन्हें ये यकीन था कि उनके पास बॉल को स्विंग कराने की खास काबिलियत थी, लेकिन कोच के सलाह के बाद उन्होने स्पिन गेंदबाजी करनी शुरु कर दी।
क्रिकेट छोड़ने का बना चुके थे मन
एक इंटरव्यू के दौरान होनहार क्रिकेटर ने बताया कि जब वो अंडर-15 स्टेट ट्रायल्स में रिजेक्ट हुए थे, तब उन्होने क्रिकेट छोड़ने तक का मन बना लिया था, उनका चयन नहीं होने से वो काफी निराश हो गये थे, तब उन्हें लगा था कि क्रिकेट में उनके लिये कुछ भी नहीं बचा है, तब उनके पिता और उनके बहन ने उनके खूब समझाया था, तब जाकर उन्होने दुबारा क्रिकेट खेलना शुरु किया था।
अंडर-19 में हुआ चयन
शुरुआती दौर में कुलदीप यादव की सबसे बड़ी सफलता साल 2014 में हुए आईसीसी अंडर-19 विश्वकप के लिये चयन होना था, उन्होने विश्वकप में स्कॉटलैंड के खिलाफ हैट्रिक विकेट चटकाकर कमाल कर दिया था, अंडर-19 विश्वकप में ऐसा कारनामा करने वाले वो पहले भारतीय गेंदबाज थे। उनकी इसी परफॉरमेंस को देख वसीम अकरम इतने इम्प्रेस हुए कि उन्हें आईपीएल ऑक्शन में केकेआर के लिये खरीद लिया था।
आईपीएल में सबसे पहले मुंबई ने खरीदा
चाइनामैन गेंदबाज को सबसे पहले साल 2012 में मुंबई इंडियंस ने खरीदा था, नेट प्रैक्टिस के दौरान मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी उनकी गेंदबाजी पर चकमा खा गये थे, लेकिन इसके बावजूद दो साल तक वो ड्रेसिंग रुम में ही बैठे रहे, फिर साल 2016 में केकेआर की तरफ से पहला मैच खेला, इस सीजन में तीन मैचों में उन्होने 6 विकेट झटके। जिसके बाद अगले सीजन में दुबारा मौका मिला।