इसलिए शराब पीने के बाद होश खो देते हैं लोग, समझिए नशे का फंडा

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शराब पीने के बाद अच्छा लगता है, आप वो सब करते हैं जो होश में नहीं करते, ऐसा क्यों होता है, क्यों आप होश खोने लगते हैं, पढ़िए नशे के फंडे

New Delhi, Feb 28: होली का समय है, ऐसे में भांग और शराब की बिक्री बढ़ जती है, कोई माने या ना माने, लोग शराब का सेवन करते ही हैं, ये एक सच्चाई है, आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि शराब पीने के बाद आप होश क्यों खोने लगते हैं, शरीर में क्या क्या क्रियाएं होती हैं, दिमाग पर क्या असर होता है, शरीर के मेटाबॉलिज्म पर किस तरह से शराब रिएक्ट करती है। शराब में ऐसा क्या होता है जिसके कारण आप होश खोने लगते हैं, शराब आप से वो सब करवा लेती है जो आप होश में होने पर नहीं कर पाते हैं।

जब शराब पेट में जाती है
शराब आप पीते हैं तो वो गले के बाद सीधे पेट में पहुंचती है। पेट में 10फीसदी एल्कोहल सोख ली जाती है. बाकी की बची दारू छोटी आंत में पहुंचती हैं वहां खून की नलियों में इसे सोख लिया जाता है. बता दें कि हमारा लीवर 15 मिलीग्राम/प्रति घंटा शराब ही मेटाबॉलाइज़ कर पाता है.इसके बाद शराब शरीर में जमने लगती है और नशा हावी होने लगता है।

इसलिए होता है हैंगओवर
जो शराब आप पीते हैं वो आपके लीवर में दो एनज़ायम्स की बदौलत मेटाबॉलाइज़ होती है ये हैं – ADH और ALDH. सबसे पहले शराब को मेटाबॉलाइज़ करने का काम ADH करता है जो इसे एसिटैल्डीहाइड में तब्दील कर देता है. एसिटैल्डीहाइड एक जहरीला मिक्सचर होता है. हैंगओवर क कारण इसे ही माना जाता है।

उसके बाद क्या होता है
एसिटैल्डीहाइड को फिर ALDH, एसिटिक एसिड यानि विनेगर में मेटबॉलाइज़ करता है. दो पैग लेने के बाद नशे के लक्षण दिखने लगते हैं। उस समय आपको लगता है कि जैसे आप नशे में हैं, और लोगों से घुलने मिलने की कोशिश करने लगते हैं। ज्यादा फ्रेंडली होने की कोशिश करते हैं।

दिमाग पर क्या असर होता है
शराब पीने के बाद हमारे दिमाग पर क्या असर होता है, हमारे दिमाग में गाबा न्यूरोन्स होते हैं, जिनको स्टॉप न्यूरोन्स भी कहा जाता है और ग्लूटोमैटर्जिक या गो न्यूरोन्स जो हमसे काम करवाती है. शराब इन दोनों न्यूरोन्स पर असर डालती है और कुल मिलाकर हमारे दिमाग के काफी ज्यादा हिस्से में काम ठप्प पड़ जाता है.

शराब पीने के बाद अच्छा क्यों लगता है
ये बातहर शराबी कहता है, शराब पीने के बाद अच्छा महसूस होने लगता है, क्योंकि शराब उन न्यूरोन्स को सक्रिय कर देती है जो हमें अच्छा महसूस करवाते हैं. इसे डोपामीन फील गुड न्यूरोट्रांसमीटर कहते हैं जो शराब के असर का हमें बार बार एहसास दिलाता है और हम एक और ड्रिंक के लिए भागते हैं.

कब लड़खड़ाने लगते हैं आप
आप तीन या फिर 4 पैग पीने के बाद महसूस करते हैं आपके शरीर पर से आपका कंट्रोल खत्म हो रहा है। जब शरीर में 50 मिलिग्राम शराब की मात्रा जमा हो जाती है तो आप लड़खड़ाने लगते हैं। नशे का असर खुल कर दिखाई देने लगता है. आप महसूस करते हैं कि शरीर दिमाग के संकेतों को मान नहीं रहा है।

ज्यादा पीने से क्या होता है
अर आप ने ज्यादा शराब पी ली है, जसे 10 पैग पी लिए हैं तो उल्टी, जी घबराना, कुछ याद नहीं आना, ठीक से बोल नहीं पाना, हायपरथर्मिया जब तापमान 104 डिग्री से ऊपर चला जाता है. या फिर धीमी गति से सांस लेना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इसलिए कहते हैं कि शराब पीते समय अपने दिमाग की सुनें। उसका साथ ही आपको होश में रख सकता है।