देशसेवा के लिये ठुकरा दी लाखों की सैलरी वाली नौकरी, बेहद प्रेरणादायक है इस IAS की कहानी

Gunjan singh

गुंजन यूपी के कानपुर की रहने वाली हैं, उन्होने अपनी शुरुआती पढाई भी यहीं से की, गुंजन शुरु से ही इंजीनियर बनना चाहती थी।

New Delhi, Jan 13 : सिविल सेवा परीक्षा को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, इसे पास करने के लिये छात्रों को कई साल तैयारी करनी पड़ती है, कुछ छात्र असफलताओं के बाद तैयारी छोड़ देते हैं, जबकि कुछ कई बार फेल होने के बाद भी जुटे रहते हैं, ऐसी ही एक कहानी यूपी की रहने वाली गुंजन सिंह की है, जिन्होने आईएएस अधिकारी बनने के बाद अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर परीक्षा की तैयारी सुरु की, लेकिन दो बार असफल रही।

इंजीनियर बनना चाहती थी
गुंजन यूपी के कानपुर की रहने वाली हैं, उन्होने अपनी शुरुआती पढाई भी यहीं से की, गुंजन शुरु से ही इंजीनियर बनना चाहती थी, इसलिये उन्होने 12वीं के बाद कड़ी मेहनत से आईआईटी क्लियर किया, उनका एडमिशन आईआईटी रुडकी में हुआ। इंजीनियरिंग की पढाई के दौरान जब गुंजन इंटर्नशिप कर रही थी, तो वो आस-पास के गांव में गरीब बच्चों को पढाने जाती थी, इस दौरान उन बच्चों की खराब हालत देखकर उन्होने कुछ ऐसा करने का मन बनाया, ताकि उनकी मदद कर सके, इसके बाद उन्होने सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया।

छोड़ दी लाखों की नौकरी
आईआईटी रुडकी से बीटेक के बाद गुंजन ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करना शुरु कर दिया, उसके बाद वो सिविल सर्वेंट बनना चाहती थी, ताकि गांव वालों के लिये कुछ कर पाएं, इसके बाद उनहोने लाखों के पैकेज वाली अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी, फिर यूपीएससी तैयारी में जुट गई।

तीसरे प्रयास में सफलता
गुंजन सिंह के लिये सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ आईएएस अधिकारी बनना इतना आसान नहीं था, क्योंकि शुरुआती दो कोशिशों में उन्हें असफलता मिला, पहले प्रयास में तो प्रीलिम्स भी पास नहीं कर सकी, लगातार दो असफलताओं के बाद गुंजन थोड़ी निराश हो गई, लेकिन परिवार ने उन्हें मोटिवेट किया, आगे बढने के लिये प्रेरित किया, इसके बाद गुंजन ने कड़ी मेहनत से तीसरे प्रयास में पूरी ताकत झोंक दी, गुंजन को सफलता मिली, उन्होने देशभर में 16वां रैंक हासिल किया। गुंजन सिंह ने कहा कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिये वीकली प्लान बनना चाहिये, हर सप्ताह अपनी तैयारी का विश्लेषण भी करना चाहिये, इससे कमजोरियों के बारे में पता चलता है।