मित्तल नहीं बिड़ला से होगी मुकेश अंबानी की भिड़ंत, जियो को टक्कर देने के लिये आ रही है नई कंपनी

जियो ने लगातार कम पैसे पर ज्यादा डाटा उपलब्ध कराया, जिसकी वजह से बाजार की सूरत ही बदल गई, उसमें एयरटेल ने तो किसी तरह सर्वाइव किया, लेकिन आइडिया को लगातार घाटा हुआ।

New Delhi, Jul 13 : रिलायंस जियो ने पिछले दो साल में मोबाइल की दुनाया ही बदल दी। डाटा वार शुरु कर पूरी इंडस्ट्री की सूरत चेंज कर डाली है। तब जियो की मुख्य प्रतिद्वंदी कंपनी सुनील भारती मित्तल की एयरटेल मानी जाती थी। इससे कंज्यूमर्स को मोबाइल पर पहले से कई गुना सस्ते दाम पर डाटा, वॉयस कॉल्स और दूसरी सुविधाएं मिलने लगीं। अब मोबाइल की दुनिया में जल्द ही एक नई डाटा वार छिड़ सकती है।

होगी नई टक्कर
टेलीकॉम इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि ये टक्कर अब जियो और एयरटेल के बीच ना होकर जियो और आइडिया-वोडाफोन के मर्जर से बनने वाले नई कंपनी के बीच होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में मोबाइल का इस्तेमाल और ज्यादा सस्ता हो जाएगा, क्योंकि ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिये दोनों कंपनियां एक के बाद एक आकर्षक ऑफर देगी।

वोडाफोन-आइडिया के मर्जर को मंजूरी
आपको बता दें कि दूर संचार विभाग ने वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के मर्जर को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही दोनों कंपनियों के मिलने से अब देश की सबसे बड़ी मोबाइल सर्विसेज ऑपरेटर के बनने का रास्ता साफ हो गया है। दोनों के मर्जर से जो नई कंपनी बनेगी, उसकी मार्केट वैल्यू करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है, वो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी बन जाएगी।

सबसे ज्यादा ग्राहक
बनने वाली नई कंपनी के पास कुल 43 करोड़ ग्राहक होंगे, जो देश में किसी कंपनी के पास सबसे ज्यादा है, वहीं भारत के टेलीकॉम मार्केट में नई कंपनी की हिस्सेदारी करीब 36 फीसदी हो जाएगी। माना जा रहा है कि रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद इस बाजार की सूरत बदली है, अब ये कंपनी जियो के वर्चस्व को चुनौती दे सकती है।

होगा डाटा वार
टेलीकॉम एक्सपर्ट्स के अनुसार नई कंपनी डेटा वार छेड़ने की स्थिति में होगी, कहा जाता है कि जियो ने लगातार कम पैसे पर ज्यादा डाटा उपलब्ध कराया, जिसकी वजह से बाजार की सूरत ही बदल गई, उसमें एयरटेल ने तो किसी तरह सर्वाइव किया, लेकिन आइडिया को लगातार घाटा हुआ। डाटा वार में बने रहने की वजह से आइडिया का खर्च लगातार बढता गया, जिससे कर्ज भी बढता चला, कुछ ऐसा ही हाल वोडाफोन इंडिया का भी हुआ।

मार्केट में हिस्सेदारी मजबूत
हालांकि ब्रोकरेज फर्ण फॉर्च्यून फिस्कल के निदेशक जगदीश ठक्कर का कहना है कि दोनों कंपनियों के मर्जर से बनी नई कंपनी के पास एक बड़ा बेस हो जाएगा। अपने बेस को बनाये रखने के लिये डाटा वार शुरु करने में ये कंपनी सक्षम हो सकती है। ऐसा करने वो मार्केट में अपनी हिस्सेदारी मजबूत रखना चाहेगी।

ग्राहकों को होगा फायदा
अगर इस नई कंपनी ने डाटा वार छेड़ा, तो सबसे ज्यादा फायदा ग्राहकों को होगा, एक्सपर्ट के अनुसार कंपनियां और सस्ते प्लान कस्टमर के लिये लेकर आएंगे, Mobileताकि ग्राहक उनकी तरफ से दूसरी तरफ मूव ना करे। इसलिये लुभावने ऑफर्स का दौर जारी रहेगा।