इस बार पड़ेगी भीषण गर्मी, शहर छोड़िए अब पहाड़ भी तपने लगे हैं, वैज्ञानिकों की चेतावनी

इस बार भीषण गर्मी पड़ने वाली है। वैज्ञानिकों ने इस बात की चेतावनी अभी से ही दे डाली है। आइए इस बारे में आपको कुछ खास बातें बता देते हैं।

New Delhi, Mar 28: ग्लोबल वॉर्मिंग लगातार धरती के लिए खतरनाक साबित हो रही है। कटते पेड़ और उन पर बनते कंक्रीट के मकान, वाहनों का प्रदूषण, मिल और कारखानों का जानवेला धुँआं, ये सब कुछ धरती की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार भीषण गर्मी पड़ेगी और इसका असर अगले तीन से चार दिनों में ही दिखना शुरू होगा।

इस बार पहाड़ भी तपेंगे
शहर तो छोड़िए एब पहाड़ भी गर्मी की इस मार से बच नहीं पाएंगे। इस बार गर्मियों में जब आप पहाड़ों में घूमने आएंगे तो हो सकता है कि आपको वो ठंड महसूस ही ना हो। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले चार-पांच दिनों में पहाड़ के तापमान में आठ से दस डिग्री तक का उछाल होगा। इसके साथ ही मौसम विभाग ने एक बड़ी चेतावनी दी है।

तीन से चार दिन में दिखेगा असर
मौसम विभाग का कहना है कि इस गर्मी के बढ़ने से जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। हाल ही में मौसम विभाग केंद्र द्वारा ये चेतावनी जारी की गई है। इसमें साफ कहा गया है कि अगले चार से पांच दिनों में पर्वतीय इलाकोौं में तापमान आठ से दस डिग्री तक बढ़ जायेगा। वैज्ञानिकों का साफ तौर पर कहना है कि इन इलाकों के लिए ये असामान्य तापमान होगा।

पहाड़ों में कुछ ऐसा हाल
इस वक्त मुक्तेश्वर में तापमान 25.4 डिग्री है। अगर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट को सही मानें को अगले 4 से 5 दिनों में यहां तापमान 35 डिग्री तक चला जाएगा। मुक्तेश्वर में इतना तापमान पिछले 20 सालों में कभी नहीं देखा गया। इसके साथ ही टिहरी के लिए मौसम विभाग का कहना है कि अगले चार से 5 दिनों में यहां तापमान 35 डिग्री से ज्यादा जा सकता है।

मैदानी इलाकों के लिए चेतावनी
इसके अलावा मैदानी इलाकों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि मैदानी इलाकों में अगले 4 से 5 दिन के भीतर ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। इस बार सर्दियों में कम बारिश हुई और इस वजह से वातावरण गर्म हो रहा है। खास बात ये भी है कि लगातार बदलते हालातों की वजह से पर्यावरण में नमी खत्म हो रही है।

इस वजह से होगी गर्मी
इस वजह तापमान में ये उछाल आने वाला है। मौसम केंद्र के निदेशक  बिक्रम सिंह का कहना है कि पर्वतीय इलाकों में वायु प्रदूषण मैदानों के मुकाबले कम होता है।  इस वजह से हवा शुष्क होगी और ज्यादा गर्मी पैदा होगी। ये स्थिति जंगलों में लगने वाली आग के लिये मुफीद होती है। लिहाजा, वन विभाग को अलर्ट भेजा गया है।

ये भी है खास बात
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि ये हालात ‘इंटर एनुअल क्लाइमेट वैरिएबिलिटी’ की वजह से पैदा होंगे। ये मौसम से जुड़ी एक सामान्य परिघटना है। इंटर एनुअल क्लाइमेट वैरिएबिलिटी की वजह से हवा शुष्क हो जाती है और ऊपर से नीचे की तरफ बहने लगती है। इसलिए सावधान रहें क्योंकि अगले 4 से 5 दिनों के भीतर मैदान ही नहीं बल्कि पहाड़ में भी भीषण गर्मी होगी।