इस समुदाय में नहीं होती शादियां, लड़कियों को है छूट, रोज बना सकती हैं नए रिलेशन

एक ऐसा समुदाय जहां शादी जरूरी नहीं है, लड़का और लड़की अपनी मर्जी से रह सकते हैं संबंध बना सकते हैं । चाहें तो साथ रहें नहीं तो एक दूसरे को छोड़ दें ।

New Delhi, Jul 13 : दुनिया में कई देश हैं, हर देश के अपने रिवाज हैं, अपनी संस्‍कृति है । दुनियाभार में कई तरह के ट्राइब्‍स भी हैं जो आज भी अपनी पुरानी संस्‍कृति से जुड़े हुए हैं, उनके रीति रिवाज, परंपराएं समाज की मुख्‍य धारा से बहुत अलग हैं । इनके यहां की परंपराएं, रीतियां आपको अजीब सी लग सकती हैं लेकिन इनके लिए वो ही सही है । एक ऐसी ही जनजाति है मोसुओ, जानें इनके रिवाज हमसे कितने अलग हैं ।

अपनी मर्जी से पार्टनर चुनते हैं ये लोग
चीन के यूनान और सिचुआन प्रॉविन्स में रहने वाली मोसुओ जनजाति भी इन्हीं में से एक है। इन ट्राइब्स में शादी करने का कोई रिवाज ही नहीं है। लड़कियां-लड़के अपनी मर्जी से पार्टनर चुनते हैं, लेकिन न तो इनके बीच शादी होती है और न ही लड़की, लड़के के घर रहने के लिए जाती है। ये रिश्ता एक दिन रखना है या लंबे समय तक ये भी दोनों मिलकर तय करते हैं। लड़कों को हर रात लड़की के घर बितानी होती है।

13 साल की उम्र में ही चुन सकते हैं पार्टनर
चाइना डेली के मुताबिक, इन ट्राइब्स में लड़की की उम्र 13 साल होने के बाद वो अपना पार्टनर चुन सकती है। लड़की की ही तरह पार्टनर चुनने का अधिकार लड़के को भी है, पर लड़की की रजामंदी के साथ । लड़की या लड़के ने जिसे पसंद किया उसे वो चारकोल, मिर्च और चिकन पंखों के साथ भरा एक पैकेट गिफ्ट में भेजकर पहले प्यार का इजहार करते हैं। फिर लड़के या लड़की की रजामंदी के साथ रिश्ते की शुरुआत होती है। हालांकि, रिश्ता शुरू करने के लिए जरूरी है कि लड़की और लड़का दोनों मोसुओ जनजाति के ही हों।

हर रात लड़की के घर ही रहता है लड़का
चाइना डेली के मुताबिक, रिश्ता शुरू करने बाद भी लड़की और लड़का दोनों अपने-अपने घर में रहते हैं। बस लड़का रोज रात लड़की के घर बिताता है और सुबह अपने घर चला जाता है। जब तक लड़की या लड़के की मर्जी होती है, तब तक दोनों साथ वक्त बिताते हैं और जिस दिन दोनों में से किसी एक को भी ये रिश्ता खत्म करना होता है, वो एक-दूसरे को बता देते हैं और रिश्ता खत्म हो जाता है।

नया पार्टनर तलाश कर सकते हैं
एक बार रिश्‍ता खत्‍म होने के बाद दोनों अपने लिए नए पार्टनर की तलाश कर सकते हैं । मोसुओ जनजाति में ऐसे संबंध को वॉकिंग मैरिज के नाम से जाना जाता है । ये एक बहुत ही पुरानी परंपरा है, लड़के और लड़कियां दोनों इस परंपरा का पालन करते हैं और स्‍वतंत्र होकर अपनी जिंदगी बिताते हैं । उन पर किसी तरह की कोई बंदिश नहीं होती है ।

महिलाओं का ही राज
मोसुओ जनजाति में परिवार मर्द नहीं बल्कि घर की महिलाएं चलाती हैं । घर के दूसरे सभी अहम फैसले भी महिलाएं ही लेती हैं । इस जनजाति में मर्दों का काम मछलियां पकड़ना और जानवरों को पालना हैं । इन्हें अक्सियास कहा जाता है । यहां लोगों को उनके पिता के नहीं बल्कि मां के नाम से जाना जाता है।