2 नेशनल प्लेयर गली-गली बेच रहे हैं सब्जी, कोरोना ने ले ली पिता की जॉब तो शुरू किया ये काम

दोनों के पिता अक्षय चौहान पिछले 23 साल से कैलाश प्रकाश स्टेडियम में संविदाकर्मी के तौर पर कार्यरत हैं । पहले वो स्टेडियम के हॉस्टलर्स के लिए खाना बनाते थे…

New Delhi, Aug 28: कोरोना काल में कई लोगों की नौकरियां छूट गईं, लगे-लगाए काम बंद हो गए, कुछ सड़क पर आ गए तो कुछ ने छोटे-मोटे काम शुरू कर दिए । कुछ ऐसा ही हुआ मेरठ के राष्ट्रीय स्तर के दो खिलाडि़यों के साथ । जो इन दिनों गली-गली सब्जी बेचने को मजबूर हैं । कोरोना काल में आर्थिक तंगी ने ऐसी कमर तोड़ी की सारा जुनून एक तरफ और पेट की भूख एक तरफ । जो मैदान में खेला करते थे, आज गली गली आवाज लगाकर सब्‍जी बेच रहे हैं ।

कभी हिंदुस्‍तान के लिए खेला था …
एक समय था जब ये दोनों हिंदुस्‍तान के लिए गर्व से खेलते थे, आज कोरोना काल में आर्थिक तंगी ने इन्हें ऐसा तोड़ा है कि वे सब्जी बेचने को मजबूर हो गए हैं । इन दोनों युवकों का नाम है सुनील चौहान और नीरज चौहान । सुनील ने जहां बॉक्सिंग में खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक जीता है, तो वहीं नीरज चौहान तीरंदाजी में रजत पदक जीत चुके हैं ।

पिता की नौकरी गई
देश में कोविड का खतरा फैला तो लॉकडाउन हो गया । पिता की नौकरी छिन गई, परिवार का एकमात्र कमाने वाले का रोजगार छिन गया । घर के सामने विकट आर्थिक चुनौतियां आ गईं । जब बेटों ने पिता को टूटते देखा तो उन्‍होने कुछ भी काम करने का फैसला किया । घर के हालात खराब हो गए थे । खाने तक के लिए पैसे नहीं बचे थे, ऐसे में देश के लिए खेलने वाले उठ खड़े हुए ।

सब्‍जी का ठेला खरीदा
दोनों नेशनल प्लेयर्स ने एक रेहड़ी खरीदी और सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया । पहली बार सब्जी बेचने निकले तो लोगों की चुभती निगाहों से सामना भी हुआ । लेकिन वो रुके नहीं, मेहनत करते रहे, आगे बढ़ते रहे । जानकारी के अनुसार दोनों के पिता अक्षय चौहान पिछले 23 साल से कैलाश प्रकाश स्टेडियम में संविदाकर्मी के तौर पर कार्यरत हैं । पहले वो स्टेडियम के हॉस्टलर्स के लिए खाना बनाते थे, लेकिन कोरोना होने के कारण सारे खिलाड़ी घर चले गए इसलिए उनकी नौकरी भी छिन गई । लेकिन अब उनके बेटों ने जिम्‍मेदारी उठा ली है । पिता के साथ वो कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं ।