स्कूल ड्रॉपआउट रहे निखिल कामथ बन गए भारत के सबसे युवा अरबपति, जानें कैसे तय किया सफर

भारत के सबसे कम उम्र के अरबपतियों में से एक और देश के सबसे बड़े व्यापारिक ब्रोकरेज जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के बारे में आगे विस्‍तार से जानिए ।

New Delhi, Apr 10: कौन जानता था कि एक ऐसा बच्‍चा जिसन 17 साल की उम्र में स्‍कूल छोड़ दिया था, वो एक दिन देश का सबसे युवा अरबपति बन जाएगा । निखिल कामथ एक ऐसे ही उदाहरण हैं । निखिल आज देश के सबसे यंग बिलेनियर ही नही हैं बल्कि देश के सबसे बड़े व्यापारिक ब्रोकरेज जेरोधा के सह-संस्थापक के रूप में मशहूर हैं । 17 साल की उम्र में स्‍कूल छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने वाले निखिल ने हाल ही में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ एक इंटरव्‍यू में अपने बचपन से लेकर सफलता की यात्रा को साझा किया है ।

स्‍कूल नहीं था पसंद
निखिल कामथ ने अपने बचपन और स्‍कूलिंग के बारे में बताते हुए कहा कि उन्‍हें स्कूल पसंद नहीं था, उन्होंने कहा- स्‍कूल में बस ये सिखाया जाता है कि आपको कुछ करना चाहिए, आपको बस करना होगा, लेकिन ये नहीं कि कैसे करना होगा । यही बात मुझे परेशान कर रही थी । इसी वजह से धीरे-धीरे उन्‍होंने औपचारिक शिक्षा में इंट्रस्‍ट खो दिया और चेस में ध्‍यान लगाना शुरू किया । निखिल ने 14 साल की उम्र में एक दोस्त के साथ अपना पहला व्यवसाय शुरू किया था । काम था, इस्तेमाल किए गए फोन खरीदना और बेचना । हालांकि, जब उनकी मां को पता चला तो उन्हें ये बंद करना पड़ा । वो ये स्‍कूल में करते थे, मां को पता लगने के बाद सारे फोन उन्‍हें फेंकने पड़े ।

स्‍कूल से हो गई नफरत
निखिल ने कहा कि इसके बाद से वो स्‍कूल को नापसंद करने लगे, उन्‍होंने 17 साल की उम्र में स्‍कूल छोड़ दिया । तब एकमात्र लक्ष्‍य था, किसी तरह पैसे कमाने । जिसके बाद उन्‍हें एक जॉब सेंटर से कॉल आई और वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहने के लिए घर से बाहर चले गए । इस कॉल सेंटर में वो शाम 4 बजे से 1 बजे तक काम करते, सुबह जल्दी उठकर व्यापार में अपना हाथ आजमाने लगे । कामथ ने बताया कि, “मुझे कॉलेज की डिग्री के बिना कोई भी नौकरी पर नहीं रखना चाहता था । इसका मतलब मुझे कुछ ऐसा करना था जहां डिग्री आवश्यकता न हो।”

भाई के साथ शुरू किया जेरोधा
निखिल कामथ ने इस साल जनवरी में सीएनबीसी को दि इंटरव्‍यू में बताया था – कुछ समय पहले ही उन्होंने और उनके भाई ने जिसके साथ उन्होंने बाद में ज़ेरोधा शुरू किया, फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट में शामिल हो गए । कामथ ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को बताया- “18 के आसपास, मैंने ठीक से स्टॉक ट्रेडिंग शुरू कर दिया, पिताजी ने मुझे अपनी बचत में से कुछ दिया और कहा, ‘इससे काम चलाओ.” उन्‍होंने निखिल कामथ पर भरोसा किया था । बहुत जल्द निखिल कॉल सेंटर में अपने बॉस और सहकर्मियों के लिए पैसे का प्रबंध कर रहे थे । उसके बाद, उन्होंने अपने बड़े भाई, नितिन कामथ के साथ कामथ एसोसिएट्स शुरू करने के लिए कॉल सेंटर छोड़ दिया ।

2010 में बचत से शुरू किया बिजनेस
साल 2010 में, उन्होंने अपनी बचत को जमा किया और ज़ेरोधा को शुरू किया । ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आज ज़ेरोधा को अपने सूचीबद्ध साथियों के अनुरूप वैल्यूएशन गुणकों को कमांड करना था, तो इसकी कीमत लगभग 35 बिलियन रुपये होगी । ज़ेरोधा के सह-संस्थापक और सीआईओ निखिल कामथ ने आगे बताया-  “एक 14 वर्षीय स्कूल ड्रॉपआउट होने से, एक कॉल सेंटर में काम करने, ज़ेरोधा से ट्रू बीकन तक, मैंने दो-तीन चीजों का पता लगाया है जो मुझे पता है कि मुझे कैसे अच्छा करना है, और उनके साथ रहना है, और एक अरबपति बनने से इसमें कोई बदलाव नहीं आया-मैं आज भी वही आदमी हूं जो दिन का 85% काम करता है …”