कभी भारत छोड़कर गए थे ये बंजारे, आज जी रहे हैं ऐसी जिंदगी

आज हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कभी भारत छोड़कर चले गए थे।ये बंजारे अब यूरोप में बेहद ही बुरी हालत में रह रहे हैं।

New Delhi, Jan 24: रोमानिया के क्लूज सिटी के इंडिपेन्डेंस थिएटर में एक प्ले हुआ है। इस प्ले में रोमा कम्युनिटी के साथ होने वाले भेदभावों की कहानी दिखाई गई है। इस प्ले में कुछ असल जिंदगी की कहानियों को बताया गया है। अब आपका ये जानना जरूर है कि आखिर ये रोमा कम्यूनिटी क्या है ? ये कभी भारत छोड़कर गए बंजारे थे। जो आज इस तरह की जिंदगी जी रहे हैं।

यूरोप की कम्यूनिटी है रोमा
दरअसल रोमा यूरोप की एक कम्युनिटी है। इस कम्यूनिटी का सीधी कनेक्शन भारत से है। ये यूरोप के तकरीबन हर हिस्से में जबरदस्त भेदभाव के शिकार बताए जाते हैं। जिस प्ले को दिखाया गया, वो प्ले रोमानिया की फेमिनिस्ट रोमा थिएटर कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसे रोमानी भाषा में किया गया था , जो देश के 20 लाख लोग बोलते हैं।

ये हैं खास बातें
रोमा आर्टिस्ट ने इस दौरान कुछ खास बातें बताई हैं। उनका कहना है कि रोमा आर्टिस्ट के लिए आवाज उठाने की वो हमेशा से वकालत करते रहे हैं। उनकी कला इस वक्त हाशिए पर है और इस कला को कभी भी तवज्जो नहीं दी गई। इसके साथ ही आर्टिस्ट का कहना है कि ये हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस आर्ट को समाज की मुख्यधारा में लाया जाए।

हर बात पर अब हक चाहिए
रोमा लोगों के साथ होने वाले भेदभाव, टीनेज मैरिज, मानसिक बीमारियां और घटते पढ़ाई के स्तर से जुड़े कई मुद्दों को इस प्ले के जरिए दिखाया गया। इस प्ले की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। रोमा यूरोप का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक ग्रुप कहा जाता है। इन्हें रोमा समुदाय के नाम से जाना जाता है। इस ग्रुप के करीब एक करोड़ लोग यूरोप में रह रहे हैं।

भारत से है इनका नाता
बताया जाता है कि ये लोग भारत के उत्तर और उत्तर पश्चिम इलाके से संबंध रखते थे। ये लोग 1500 साल पहले ईरान पहुंचे थे। इसके बाद 15वीं सदी में ईरान के रास्ते ये लोग यूरोप पहुंचे थे। ये लोग सेंट्रल और ईस्टर्न यूरोप में रहते हैं। ये लोग बुल्गारिया, मैसेडोनिया, यूगोस्लाविया, रोमानिया, स्लोवाकिया, सर्बिया और हंगरी में रहते हैं। ये घुमक्कड़ किस्म के होते हैं।

घुमक्कड़ होने की वजह से जिप्सी कहलाए
घुमक्कड़ होने की वजह से इन लोगों को जिप्सी भी कहा जाता है। बताया जाता है कि रोमा समुदाय के लोगों ने यूरोप में अपने सेटलमेंट के दौरान काफी ज्यादा जुल्म झेले थे। यहां बसे होने के बाद भी ये लोग लगातार भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। कहा जाता है कि इन लोगों ने नाजी दौर में काफी जुल्म झेले हैं। इस बारे में भी हम आपको बता रहे हैं।

नाजी दौर में झेले जुल्म
नाजी दौर में भी इन लोगों को नस्लीय तौर पर कम दर्जे का आंका जाता था। इन लोगों को जबरन लेबर कैंप में धकेला गया। इतिहासकारों का कहना है कि नाजियों के दौर में करीब 500,000 रोमा लोगों ने प्रताड़ना के चलते जान गंवाई। हालंकि कुछ लोग कहते हैं कि इनकी मौत के आंकड़े कनफर्म नहीं हैं। इन समुदाय के लोगों में कुछ कुप्रथाएं भी बताई जाती हैं।

कुछ बातें खास हैं
रोमा समुदाय में बाल विवाह बहुत सामान्य बात है। ‘करंट बायोलॉजी’ नाम की मैगजीन में छपी एक रिसर्च कहती है कि रोमा समुदाय के लोगों का नाता भारत से है। रोमा समुदाय के लोग मूल रूप से हिंदू धर्म को मानने वाले कहे जाते थे। भारत से ईरान के रास्ते यूरोप जाने के बाद इन लोगों ने अलग अलग धर्म अपनाए। भारत छोड़कर गए ये बंजारे अब अपने हकों की मांग कर रहे हैं।