अगर आपने भी की है लव मैरिज तो ये 7 बातें बहुत काम की हैं, लाइफ टाइम खुश रहेंगे

भारत में लव मैरिज, आंकड़े बताते हैं कि शादी टूटने के मामलो में सबसे ज्‍यादा प्रेम विवाह करने वालों के केस ही सामने आते हैं ।

New Delhi, Nov 18: लव मैरिज, प्रेम विवाह, अपनी मर्जी से शादी, अपनी पसंद की शादी, परिवार से भागकर शादी । लड़का – लड़की एक दूसरे को पाने के लिए जितना जल्‍दी इस बंधन में बंधते हैं उससे निकलने के मामले भी उतनी ही तेजी से सामने आते हैं । क्‍या प्रेम विवाह दिखावा भर है, या ये अरेंज मैरिज के मुकाबले कमजोर पड़ जाता है । लव मैरिज टूटने के कुछ कारण जो देखने को मिलते वो आम हैं, आगे पढ़ें और इन कारणों को अपनी शादी टूटने की वजह ना बनने दें ।

लड़का और लड़की का आत्‍म निर्भर होना
हमारे समाज में लड़का घर के और लड़की घर के काम काज की देखरेख करती है । जब दोनोंकाम काजी हों और शादीशुदा भी तब घर के कामों को लेकर नोंक-झोंक झगड़े की शुरुआत की वजह बनते हैं ।
आत्‍मसम्‍मान
आज लड़कियां शिक्षित हैं, पुरुषों के साथ कदम मिलाकर चल रही हैं । लेकिन घर में अगर उनके साथ कोई टोका-टाकी की जाए तो ये उन्‍हें पसंद नहीं आता । उन्‍हे ऐसा लगता है कि अपनी मर्जी की शादी में भी ऐसे बंधन हैं तो फिर फायदा क्‍या ।
लड़कों का अहम
लव मैरिज तो कर ली लेकिन लड़कों ने अपने घर में तो मां को ही हर काम करते देखा है । अब शादी के बाद कुछ दिन तो वो पत्‍नी के साथ किचन में लगा रह सकता है लेकिन बाद का क्‍या । रोज की बहसबाजी एक दिन तलाक पर आकर खत्‍म हो जाती है ।

जिम्‍मेदारी
लव मैरिज करने के बाद कई जोड़े घर से अलग ही रहते हैं ।महंगाई के जमाने में 100 तरह के खर्चे होते हैं । इन खर्चों का वहन करना हर किसी के बस की बात नहीं । दोनों को एक ही गाड़ी के पहियों की तरह चलना पड़ता । कोई भी ऊपर नीचे हुआ नहीं कि गाड़ी गड़बड़ हो जाती है । युवा दंपति जिम्‍मेदारियों से भागना चाहते हैं ।
शारीरिक आकर्षण
ये एक बहुत बड़ा कारण है प्रेम विवाह के खतरे में आने का । जरूरी नहीं कि एक अच्‍छा प्रेमी अच्‍छा पति भी बने । या अच्‍छी प्रेमिका अच्‍छी पत्‍नी । विवाह का अर्थ दो शरीरों का नहीं परिवारों का मेल होता है । शारीरिक आकर्षण काफूर होने में वक्‍त नहीं लगता, जबकि शादी सोच समझकर की गई हो तो वो उम्र भर जवां रहती है ।

समर्पण
युवा दंपति एक दूसरे से प्रेम तो करते हैं लेकिन उनमें समर्पण का भाव नजर नहीं आता । क्‍योंकि दोनों कमाऊ हैं, इसलिए उन्‍हें एक दूसरे की निर्भरता की जरूरत ही नहीं । मैं और तुम का भाव उनमें सदैव रहता है । इसीलिए रिश्‍ते में कोई कमी होते देख दोनों एक दूसरे को बर्दाश्‍त तक नहीं कर पाते ।
सहनशीलता
एक सफल वैवाहिक जीवन ही नहीं बल्कि हर रिश्‍ते के लिए जरूरी है सहन करने की क्षमता । रिश्‍तों में मनमुटाव होते रहना ही जिंदगी है । लेकिन रिश्‍ते बनाने की बजाय तोड़ देना ये कहां की अकलमंदी है ।